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Essay On Diwali In Hindi – दिवाली पर निबंध 200, 500, 1000 शब्दों में

Essay on Diwali in Hindi ( दिवाली पर निबंध ): जैसा कि हमारे देश में कई तरह के त्योहार मनाए जाते है जिनका अपने आप में अलग अलग विशेषता और महत्व होती है। भारत में होली, दीपावली, रक्षाबंधन, ईद, लोहड़ी आदि त्योहार मुख्य रूप से मनाया जाता है। लेकिन ज्यादातर सबका पसंदीदा त्योहार दीपावली ही होता है। जिसका लोग बेचैनी से इंतजार कर रहे होते है। इस त्योहार का कुछ अलग ही माहौल होता है।

Essay on Diwali in Hindi

क्षात्रो को स्कूल में हमेशा टास्क दिया जाता है “दिवाली पर निबंध लिखें (Write an Essay on Diwali)” ऐसे में कई बच्चो को Essay लिखने में प्रॉब्लम होती है। इसी प्रॉब्लम का समाधान इस लेख में दी जा रही है। यहाँ पर दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali) लिखी जा रही है।

Essay on Diwali – Introduction

हमारे देश भारत में दिवाली को दीपावली के नाम से भी जानते है। Diwali(दिवाली) के बारे में सोचते ही आपके दिमाग में सबसे पहले क्या आता है?

जब भी दिवाली करीब आती है तो लाइट, fireworks (पटाखे), मिठाइयां और ड्राई फ्रूट्स आदि ऐसी चीजे मन में आती है। यह एक ऐसा अवसर होता है जब हमारे परिवार के सभी सदस्य दिवाली की रात मनाने के लिए एक साथ आते हैं।

दिवाली (Diwali) को हिंदू के सबसे बड़े festivals में से एक कहा जा सकता है जो न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में खुशी और सुंदर भाव के साथ मनाया जाता है। 

दीपावली का त्योहार हर साल october या november के महीने में होता है। यह विजयदशमी (vijayadashmi) के ठीक 20 दिन बाद मनाया जाता है। Deepawali दो शब्दों दीप या दीया और आवली शब्द से मिलकर बना है। दिवाली (Diwali) भारत में ही नही बल्कि विदेशों में भी हिंदुओं और अन्य गैर हिंदू समुदायों द्वारा मनाई जाती है जो वहां रहते हैं। इस त्योहार को अन्य समुदाय (बौद्ध,जैन आदि) के लोग भी मानते है। 

Essay on Diwali – दिवाली (Diwali) कैसे मनाई जाती है?

दीपावली आने के लगभग 10 दिन पहले से ही सभी घरों में साफ सफाई होने लगती है।

लोग अपने अपने घरों, दुकानों आदि की साफ सफाई में जुट जाते है। और बहुत से लोग अपने  घरों या दुकानों को नया बनाने के लिए पेंट कराते है। कहा जाता है की दीपावली पर घरों की सफाई करना इसलिए जरूरी होता है क्योंकि इस दिन lord Ganesha और lordess lakshmi जी ही घरों में वास करते है।

बाजारों में खूब दौड़ भाग होती है। लोग इस मौके पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां और गणेश और लक्ष्मी जी की मूर्ति आदि खरीदते है। हिंदुओं द्वारा देवी lakshmi की पूजा की जाती है क्योंकि व्यापारी दिवाली के पर्व पर नई खाता बही की शुरुआत करते हैं। लोगों का मानना है कि यह खूबसूरत त्योहार सभी के लिए धन, समृद्धि और सफलता लाता है।

लोग खुशी और उत्साह के साथ दिवाली का पूरा आनंद लेते हैं। इस दिन घर में तरह तरह की मिठाइयाँ बनाई जाती हैं और दोस्तों और रिश्तेदारों में बाँटी जाती हैं। लोग अपने पड़ोसी और प्रिय लोगों को आमंत्रित करते हैं। लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलने भी जाते हैं और गिफ्ट और सूखे मेवों का आदान प्रदान भी करते हैं।

वही कुछ लोग ऐसे भी जिनके यह त्योहार कुछ अलग ही रूप से मनाया जाता है जैसे शराब का सेवन, जुआ खेलना, टोना-टोटका करना और पटाखों के गलत इस्तेमाल से इसे ख़राब करने में जुटे रहते हैं। जो की समाज की बहुत बुरी आदत है। कम से कम इस दिन तो ये सोच बनाके रखना चाहिए की इस पावन अवसर पर ये बुरी आदत छोड़के अपने अंदर अच्छी आदतों का वास करना चाहिए।

बच्चे इस त्योहार का बेसब्री से इंतजार करते हैं।  उन्हें पटाखे फोड़ने और आतिशबाजी में खूबसूरत रंगोली बनाने और अपने घर को सजाने में भी मजा आता है।

Essay on Diwali: इतिहास

यह त्योहार बहुत ही खूबसूरत और इमोशनल इतिहास के अंदर छिपा हुआ है।

हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस त्योहार के दिन ही भगवान राम (Ram) 14 वर्षों के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता,भाई लक्ष्मण और उनके प्रिय भक्त हनुमान के साथ अयोध्या ( Ayodhya), राक्षस रावण और उसकी सेना को हराने के बाद, लौटे थे।

अमावस(Amavasya) की रात होने के कारण Diwali के दिन काफी अंधेरा होता है, जिस वजह से उस दिन पुरे Ayodhya को दीपों और फूलों से श्री Ram Chandra के लिए सजाया गया था ताकि भगवान राम के आगमन में कोई परेशानी न हो और तब से लेकर आज तक इसे दीपों का त्योहार और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है।

उस समय पूरे अयोध्या के लोगों ने अपने प्रिय राजकुमार राम पत्नी सीता,भाई लक्ष्मण और हनुमान के साथ मिट्टी के दीये जलाकर और पटाखे फोड़कर स्वागत किया। 

दीपावली त्योहार के बारे में एक और पौराणिक कथा भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की शादी है। कहते है इस दिन देवी lakshmi ने भगवान विष्णुओ को चुना और उनसे विवाह किया। देवी लक्ष्मी को धन और समृद्धि देने के लिए भी जाना जाता है।

दूसरी तरफ यह भी है की Diwali हिंदुओं का सबसे ज्यादा मनाया जाने वाला त्योहार है। मुगल सम्राट जहांगीर( Jahangir) की कैद से Guru Govind की रिहाई की याद में सिख(Sikh) दीवाली मनाते हैं।

जैन धर्म में भी दीवाली को “महावीर निर्वाण दिवस” महावीर की शारीरिक मृत्यु और अंतिम मुक्ति के दिन के रूप में मनाया जाता है।

बौद्ध देवी लक्ष्मी की पूजा करके diwali मनाते हैं।

दीपावली के उत्सव के बारे में एक और मिथ्या यह है कि विष्णु के अवतार भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर (Narkasur) को मार डाला और राक्षस नरकासुर द्वारा बंदी बनाई गई 16000 से अधिक लड़कियों को रिहा कर दिया। जिस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था, उसे दिवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी (Chaturdashi) के रूप में मनाया जाता है।

लोग diwali पर भगवान गणेश की पूजा करते हैं जो बाधाओं को दूर करने और तलाश करने के प्रतीक है। यह त्योहार पूरे देश का त्योहार है।  हिंदू पौराणिक कथाओं के लिए इसका बहुत महत्व है और लोगों को वास्तविक सुख और शांति के महत्व को समझने की जरूरत है।

यह बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार है। Diwali अच्छे कर्मों में विश्वास पैदा करती है और खुशी, आनंद और बुराई के अंत का दिन है। यह भारत के प्रत्येक शहर और शहर में और विदेशों में भी भारतीयों द्वारा असाधारण उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह यूनिटी का प्रतीक बन जाता है।  भारत इस पर्व को हजारों सालों से मनाता आ रहा है और आज भी मनाता आ रहा है।

यह पांच दिन तक मनाने जाना वाला त्योहार है जिसमें अच्छा भोजन, आतिशबाजी, रंगीन रेत और विशेष मोमबत्तियां और दीपक शामिल हैं।  हिंदू जहां रहते हैं उसके आधार पर दीवाली की कहानी की व्याख्या करते हैं।

दीपावली कितने दिनों तक मनाते है?

दिवाली का यह त्योहार लगभग 5 दिनों तक मनाया जाता है। जिस के पहले दिन धनतेरस(Dhanteras) होता है। धनतेरस के दिन लोग धातु(Metals) की वस्तुओं जैसे सोने और चांदी के आभूषण को खरीद कर अपने घर जरूर लेकर जाते हैं।

Deepawali का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। कुछ लोग इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं।

तीसरा दिन deepawali त्योहार का मुख्य दिन होता है। इस दिन महालक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है।

Deepawali के चौथे दिन गोवर्धन (Govardhan) पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से हुई लगातार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया था।

दिवाली के त्योहार के आखिरी दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पर बहन अपने भाई को रक्षा बांधकर मिठाई खिलाती है।

दीपावली से तमाम जानकारी प्राप्त करके हम इस निष्कर्ष पर पहुंच गए हैं की दिवाली को सभी उत्साहों में से एक माना गया है जिसका एक अलग ही महत्व है। Deepawali का त्यौहार असत्य पर सत्य की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है।

दीपावली के त्योहार के दिन हमें अपने अंधकार को मिटाकर दीयों और रोशनी से पूरे एनवायरनमेंट को रोशन करना चाहिए। जैसा कि हम जानते हैं कि दीपावली के पर्व का अर्थ दीप, प्रेम और सुख समृद्धि होता है। इस दिन ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे किसी को दुख पहुंचे क्योंकि ऐसा करने से इस festival का कोई मतलब ही नहीं रह जाता। हमे हर दुखिजनों के साथ इस पर्व को celebrate करना चाहिए।

भेदभाव और अपने अंदर की बुराइयों का त्याग़ करना चाहिए। साथ ही साथ खुद के अंदर भी अंधकार को खत्म करके एक रोशन दीप जलाना चाहिए।

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दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi(1000W)

दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi(1000W)

आज हमने इस आर्टिकल में दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi लिखा है जिसमें हमने प्रस्तावना, पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व, वैज्ञानिक दृष्टि से महत्व, व्यावसायिक महत्व, दार्शनिक महत्व, दिवाली से लाभ और दिवाली से हानि, Ecofriendly मनाने का तरीके, कविताएं तथा दिवाली पर 10 लाइन के बारे में लिखा है।

Table of Contents

प्रस्तावना (दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi)

प्रतिवर्ष कार्तिक मास के अमावस के दिन हिंदू समाज में दिवाली का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।दिवाली का अर्थ है- दीपों की पंक्ति इस दिन घर- घर को दीपों से सजाया जाता है इसीलिए इस पर्व को दिवाली कहते हैं। एक साथ असंख्य दीपों की जगमगाती लड़ियों से संपूर्ण वातावरण प्रकाशित हो  उठता होता है।

दीपमालाओं की प्रज्वलित सिखाओ की  घटा देखते ही बनती है, घर घर में लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। इस दिन लोग आपकी दुश्मनी को भूलकर एक दूसरे के घर जाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं।

बच्चों के लिए यह दिन विशेष खुशी का होता है इस दिन रंग-बिरंगे कपड़ों को पहनकर पटाखे फोड़ते हैं और अपने दोस्तों के साथ मिठाईयां खाते हैं। दिवाली मनाने की तैयारी पहले से ही प्रारंभ हो जाती है। लोग अपने घरों और दुकानों को साफ-सफाई करवाते हैं तथा रंग लगाते हैं और अनेक प्रकार के रंग बिरंगे बल्ब के द्वारा सजाते हैं।

दीपावली का इतिहास व महत्व History and importance of Deepawali in Hindi

 दीपों का खास पर्व होने के कारण इसे दीपावली नाम दिया गया है। अर्थात दीपावली का अर्थ होता है दीपों की अवलि। कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाने वाला यह पर्व अंधेरी रात को दिये जलाकर दीपावली मनाया जाता है। दीपावली के पीछे अलग-अलग कारण और कहानियां हैं।

1. भगवान राम कार्तिक अमावस्या को 14 वर्ष का वनवास  पूरा करके तथा असुरी कृतियों के प्रति बुराई का दमन करके अयोध्या लौटे थे तो अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत में पूरे अयोध्या को असंख्य दिये जलाकर  उन की स्वागत की थी  तथा उत्सव मनाए थे इसी कारण यह प्रमुख त्योहारों में से एक है।

2. इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी नरकासुर का वध किया। इसलिए इस दिन जनता खुश हो कर के अपने घरों में घी के दीया जलाए थे।

पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व Mythological and Historical significance in Hindi

दिवाली का अपना पौराणिक महत्व है। इसका संबंध पुराणों से वर्णित भारतीय समाज के पौराणिक इतिहास से है। इसी दिन काली माता ने रक्तबीज नामांक राक्षस का संहार क्या था, जिसके अत्याचार से संपूर्ण समाज परेशान था, उस दुष्ट राक्षस के सहार के बाद लोगों ने अपने घर में घी के दिये जलाए थे, इस मंगलकारी घटना के स्मृति में ही प्रतिवर्ष यह त्यौहार मनाया जाता है।

लंका विजय के बाद जब भगवान राम अयोध्या लौटे, तो इस दिन उनका राज्याभिषेक किया गया था, और संपूर्ण भारत वर्ष में दीपक जला कर ख़ुशियाँ मनाई गई थी, कुछ लोग दीपक का प्रारंभ है इसी दिन से मानते हैं किंतु विद्वानों का मानना है कि दिवाली का त्यौहार इससे भी प्राचीन काल से मनाया जाता रहा है। यह विद्वान इस पर्व का संबंध है मां काली द्वारा रक्तबीज के संघार से ही बताते हैं।

वैज्ञानिक दृष्टि से महत्व Scientific Significance in Hindi

दिवाली का पौराणिक महत्व तो है ही लेकिन इसका वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्व है। वर्षा ऋतु से उत्पन्न न कीड़े, मकोड़े जल, में  घास -फूस एवं गंदगी के सड़ने से उत्पन्न विषैली गैस, तथा घर मकान में व्याप्त सीलन को दूर करने में दिवाली के त्यौहार की महत्वपूर्ण भूमिका है।

लोग दिवाली का त्यौहार आने की बहुत पहले से ही उनके घरों एवं आस पास की सफाई करना प्रारंभ कर देते हैं। वे घर एवं दुकानों पर नया रंग रोगन करवाते हैं।  इससे घर कि सीतन एवं कोनों में छुपे हुए कीट मुखड़े भी नष्ट हो जाते हैं।

प्राचीन काल से दिवाली के दिन सरसों एवं घी का दीपक जलाए जाते थे। इससे वातावरण का प्रदूषण दूर होता था। और कीड़े मकोड़े इसकी दीपशिखा ऊपर जल मरते हैं।

व्यवसायिक महत्व Business Value in Hindi

दिवाली के दिन व्यवसाय लक्ष्मी की पूजा करते हैं। इस दिन से किसी व्यवसाय कार्य का आरंभ है शुभ माना जाता है। इसके पीछे भी कुछ बताने का रहे हैं, इस काल में वर्षा ऋतु पूर्णतय समाप्त हो जाती है। यात्रा और व्यावसायिक कार्य के लिए यह समय अनुकूल माना जाता है।

इस समय किसानों के घर धान की फसल काट कर आना शुरू हो जाती है, और उन्हें इसी समय अपने किसी संबंधी सामग्रियों का क्रय करना होता है। 

दीपावली का दार्शनिक महत्व Philosophical Importance in Hindi

दिवाली को प्रकाश पर्व कहा जाता है। यहां अंधेरे पर प्रकाश से तथा असत्य से सत्य पर विजय की प्रतीक है यह इस दार्शनिक तथ्य को अभिव्यक्त करता है कि, अंधेरा कितना भी खाना हो गया, ज्ञान और कर्तव्य का सामूहिक दीप अंधेरे को प्रकाश में बदल देता है।

किसी समाज के उत्थान के लिए प्रेरक इस तथ्य को वाड़ी देते हुए दीपमाला  की अनगिनत हमसे यह कहते हुए प्रतीत होती है कि, हमारी तरह जल कर देखो तुझे से भी प्रकाश की किरणें निखरने लगेगी जो समाज में छाए हुए अंधेरे को मिटा देगी।

दिवाली से लाभ Benefit from Diwali in Hindi

 दिवाली मात्र एक  त्यौहार ही नहीं अपितु इससे अनेक लाभ भी हैं, घर मोहल्लों के साथ सफाई  वातावरण की शुद्धि,  आपसि सद्भावना का विकास  तथा नए कार्य  व नए योजनाओं का आरंभ है करने की प्रेरणा के साथ-साथ दिवाली हमें अंधेरे से लड़ने की प्रेरणा भी देती है।

दिवाली से हानि Loss from Diwali in Hindi

मनुष्य एक ऐसा प्राणी है, जो अपने आंतरिक (ईर्ष्या और द्वेष से पुण) विचार एवं अज्ञानता पुण व्यवहारों के द्वारा किसी लाभप्रद रीति-रिवाजों को भी हानिकारक बना देता है।

दिवाली के दिन जुआ खेलने शराब पीने पर अनिष्ट आचरण से विनाश को आमंत्रित करने वाले लोग आज भी हैं। ऐसे लोगों के लिए दिवाली का त्यौहार लाभ के बदले हानि को आमंत्रित करता है।

देश में पटाखों के रूप में अरबों रुपए का बारूद फूंक दिया जाता हैं इससे देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित होती है, और वातावरण भी प्रदूषित होता है। अनेक लोग पटाखों के कारण पाली दुर्घटना से प्रदूषित हो कर अपने जीवन को नर्क बना लेते हैं।

दीपावली के दौरान मनाए जाने वाले त्योहार Festivals celebrated during Deepawali in Hindi

 दीपावली के दौरान मनाए जाने वाले त्योहार धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज

धनतेरस Dhanteras in Hindi

कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी के दिन दीपावली का पहला दिन होता है जिसे धनतेरस कहते हैं। धनतेरस के दिन कुछ भी खरीदना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि उस दिन घर में लक्ष्मी का आगमन होता है। लोग उस दिन अपने जरूरत का सामान खरीदते हैं, जैसे सोना, चांदी, गाड़ी, कार, बर्तन आदि।

नरक चतुर्दशी Nakarak Chaturdashi in Hindi

कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी के दिन दीपावली का दूसरा दिन होता है इसे नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली, रूप चौदस, काली चौदस के नाम से जानी जाती है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का संहार किया था इसीलिए उनके जीत के किसी के सम्मान में यह त्यौहार मनाया जाता है। अपनी मृत्यु के समय नरकासुर सत्यभामा से विनती की थी कि उनकी मृत्यु को रंगीन प्रकाशमय उत्सव के रूप में मनाया जाए।

दीपावली Deepawali in Hindi

दीपावली का यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यहां हिंदुओं का मुख्य धार्मिक व सामाजिक पर्व है। कहा जाता है कि रामचंद्र जी 14 बरस का बनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे जिनकी खुशी में अयोध्यावासी असंख्य दीप जलाकर उनका स्वागत किया था।

गोवर्धन पूजा Govardhan Pooja in Hindi

गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन गोवर्धन तथा गाय की विशेष पूजा की जाती है। जिसका अपना एक खास महत्व हैं। इस पर्व को कृष्ण भगवान की जन्मभूमि मथुरा, गोकुल, और वृंदावन में खास तौर पर मनाया जाता है।

हालांकि भारत के कई क्षेत्रों में भी ऐसे लोग बहुत ही श्रद्धा के साथ बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन गौ के गोबर से गोवर्धन बनाया जाता है और उसे विशेष प्रकार के फूलों से सजा कर उसकी पूजा-अर्चना की जाती है।

कहां जाता है कि मूलाधार बारिश से बचाने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को 7 दिनों तक अपनी एक उंगली पर उठाए रखा। इससे इंद्र क्रोधित हो उठे और मूलाधार बारिश होने लगी गोवर्धन पर्वत के नीचे सभी बृजवासी सुरक्षित थे।

सातवें दिन जब श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को नीचे रखा और गोवर्धन पूजा की अभिभूत बनाकर उसकी पूजा करने को कहा तब से दीपावली के समय गोवर्धन पूजा जाने की कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन गोवर्धन पूजा की जाती है।

भाई दूज Bhai Dooj in Hindi

यह त्यौहार बहन के प्रति भाई का कर्तव्य का बोध कराता है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और समृद्ध जीवन की कामना करते हैं। इसे भारत के विभिन्न जगहों पर भव बिच, भाई तिलक, रात्र द्वितीय, आदि कहा जाता है।

हिंदू समाज में भाई-बहन के प्रेम को सम्मान दिया जाता है। भाई दूज का यह त्यौहार दीपावली के 2 दिन बाद आता है। हिंदुओं के बाकी परंपराओं की तरह यह त्यौहार भी से जुड़ा हुआ है इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर, उपहार देकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती है।

बदले में भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देता है। भाई दूज को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। इसीलिए इस पर्व पर यम देव की पूजा भी की जाती है। मान्यता के अनुसार इस दिन जो यम देवता की पूजा अर्चना करता है उसे असमय मृत्यु का कोई भय नहीं रहता।

दीपावली मेरा प्रिय त्यौहार है मुझे इस त्यौहार का बेसब्री से इंतजार रहता है दीपावली के समय हम घरों में दीया जलाते हैं मुझे यह त्यौहार बहुत ही अच्छा लगता है।

दीपावली कैसे मनाते हैं? How to celebrate Deepawali in Hindi

  • दीपावली के दिन हम रंग बिरंगी रंगोलियां बनाते हैं।
  • उस दिन लोग नए नए कपड़े पहनते हैं।
  • दीपावली के दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती है।
  • उस दिन रात्रि के समय पूरे घरों को असंख्य दीपों से सजाया जाता है ।
  • लोग पटाखे फोड़ते हैं, फुलझड़ियां जलाते हैं, और दीपावली का आनंद लेते हैं परंतु हमें दिवाली में पटाखे नहीं फोड़ना चाहिए।
  • दीपावली के दिन घरों में अनेक प्रकार की मिठाइयां बनाए जाते हैं।
  • दीपावली के दिन लोग एक दूसरे को मिठाई बांटते हैं और दीपावली की शुभकामनाएं देते हैं।

प्रदूषण मुक्त दीपावली Pollution free Deepawali in Hindi

हमें हमेशा प्रदूषण मुक्त दीपावली (Ecofriendly Diwali) की मनाना चाहिए। हमें दीपावली के समय ज्यादा से ज्यादा दिया जलाकर ही दीपावली का आनंद लेना चाहिए। ना की पटाखे फोड़ कर। दीपावली के समय पटाखों के कारण कई प्रकार के हादसे होते हैं।

पटाखों के धुए से वायु भी प्रदूषित होता है तथा उसके ध्वनि से ध्वनि प्रदूषण भी होता है।  दीपावली के समय पटाखों के कारण हमारा वातावरण प्रदूषित होता है इस कारण हमें पटाखों का प्रयोग ना करके हम दीया जलाकर दीपावली मना सकते है। इको फ्रेंडली दीपावली मना कर ही हम हमारे वातावरण को सुरक्षित रख सकते है।

दिवाली पर 10 लाइन 10 lines on Diwali

  • प्रतिवर्ष कार्तिक मास के अमावस के दिन हिंदू समाज में दिवाली का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।
  • दिवाली का अर्थ है- दीपों की पंक्ति इस दिन घर- घर को दीपों से सजाया जाता है इसीलिए इस पर्व को दिवाली कहते हैं। 
  • एक साथ असंख्य दीपों की जगमगाती लड़ियों से संपूर्ण वातावरण प्रकाशित हो  उठता होता है।
  • दीपमालाओं की प्रज्वलित सिखाओ की  घटा देखते ही बनती है, घर घर में लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • इस दिन लोग आपकी दुश्मनी को भूलकर एक दूसरे के घर जाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं।
  • बच्चों के लिए यह दिन विशेष खुशी का होता है इस दिन रंग-बिरंगे कपड़ों को पहनकर पटाखे फोड़ते हैं और अपने दोस्तों के साथ मिठाईयां खाते हैं।
  • दिवाली मनाने की तैयारी पहले से ही प्रारंभ हो जाती है। लोग अपने घरों और दुकानों को साफ-सफाई करवाते हैं तथा रंग लगाते हैं और अनेक प्रकार के रंग बिरंगे बल्ब के द्वारा सजाते हैं।
  • दिवाली का अपना पौराणिक महत्व है। इसका संबंध पुराणों से वर्णित भारतीय समाज के पौराणिक इतिहास से है।
  • इसी दिन काली माता ने रक्तबीज नामांक राक्षस का संहार क्या था, जिसके अत्याचार से संपूर्ण समाज परेशान था, उस दृष्ट राक्षस के सहार के बाद लोगों ने अपने घर में घी के दिये जलाए थे, इस मंगलकारी घटना के स्मृति में ही प्रतिवर्ष यह त्यौहार मनाया जाता है।
  • लंका विजय के बाद जब भगवान राम अयोध्या लौटे, तो इस दिन उनका राज्याभिषेक किया गया था, और संपूर्ण भारतवर्ष में दीपक जला कर खुशियां मनाई गई थी, कुछ लोग दीपक का प्रारंभ है इसी दिन से मानते हैं किंतु विद्वानों का मानना है कि दिवाली का त्यौहार इससे भी प्राचीन काल से मनाया जाता रहा है।

दीपावली पर कविता Poem on diwali in Hindi

  • गर सूख गया हो दीये का मान, मौसम है स्नेह का तेल चढ़ा लेना। हो मन में कहीं गर लोभ क्रोध का अंधेरा, मौका है प्रेम के दीये जला लेना। घर को मन को कर चुके हो साफ, पड़ोस पड़ोसियों से कचरा क्लेश भी हटा लेना। कब तक रखोगे रामायण में राम, आज दिन है मन में भगवान बसा लेना। गर सूख गया हो दीये का मन, मौसम है स्नेहा का तेल चढ़ा लेना।
  • दीपावली का त्योहार आया, साथ में खुशियों की बौछार लाया। दीपो की सजी है कतार, जगमग आ रहा है पूरा संसार। अंधकार पर प्रकाश की विजय लाया, दीपावली का त्योहार आया। सुख समृद्धि की बौछार लाया, भाईचारे का संदेश लाया। बाजारों में रौनक छाया, दीपावली का त्यौहार आया।
  • दीपों का त्योहार दिवाली आई है, खुशियों का संसार दिवाली आई है। घर आंगन सब नया सा लगता है, नया-नया परिधान सभी को फबता है। नए-नए उपहार दिवाली लाई है, खुशियों का संसार दिवाली लाई है।
  • दीप जलाओ दीप जलाओ आज दिवाली रे, खुशी-खुशी सब हंसते आओ आज दिवाली रे, नाचो गाओ खुशी मनाओ आज दिवाली आई, दीप जलाओ दीप जलाओ आज दिवाली रे, नए नए कपड़े पहनो खाओ खूब मिठाई,  हाथ जोड़ कर पूजा कर लो आज दिवाली आई।
  • आओ मिलकर दीप जलाएं अंधेरा धरा से दूर भगाएं। रहा न जाए अंधेरा कहि घर का कोई सुना कोना, सदा ऐसा कोई दीप जलाते रहना, हर घर आंगन में रंगोली सजाएं, आओ मिलकर दीप जलाएं।

निष्कर्ष Conclusion

किसी त्योहार को मनाते समय हमें उसमें निहित कल्याणकारी अर्थ को भी समझना चाहिए। दिवाली के त्यौहार में भी यही दृष्टिकोण अपनाना उचित होगा, तभी हम इसका वास्तविक आनंद प्राप्त कर सकते हैं।

यदि आपको  यह दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi अच्छा लगा हो तो और भी जानकारी पाने के लिए हमारे साथ इसी तरह से जुड़े रहिए।

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Nibandh

दिवाली पर निबंध

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रूपरेखा : परिचय - पौराणिक कथाएँ - दिवाली त्योहार का महत्त्व - दिवाली की तैयारी - सामाजिक महत्व - उपसंहार।

दुर्गापूजा की तरह दीवाली भी भारत के बड़े त्योहारों में एक है। यह हमारे देश में बड़े उत्साह के साथ मनायी जाती है। इसमें सभी तरह की जातियों, धर्मों और संप्रदायों के लोग दिल खोलकर भाग लेते हैं और सारे भेदभाव भुला देते हैं। अतः दीवाली हमारा एक महान राष्ट्रीय पर्व है। दिवाली को दीपावली भी कहते हैं।

दीवाली के आरंभ की अनेक पौराणिक कथाएँ प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार श्रीरामचंद्र जब 14 वर्ष के बाद रावण को मारकर सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे तब सभी जगह खुशी के दीये जलाये गये। उसी विजय की स्मृति में यह दीवाली हर वर्ष मनायी जाने लगी। दूसरी कथा के अनुसार दीवाली उस दिन शुरू हुई, जब श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया। इसी खुशी में दीवाली का श्रीगणेश हुआ। तीसरी कथा है कि जब भगवान विष्णु राजा बलि के दान से प्रसन्न हुए, तब यह वर दिया कि सभी लोग बलि के नाम पर घी के दीये जलायेंगे। एक कथा यह भी प्रचलित है कि जब भगवान शंकर ने महाकाली का क्रोध शांत किया, तभी से दीवाली मनायी जाने लगी।

कथा चाहे जो भी हो, इन बातों से एक बात बिलकुल साफ है कि दीवाली हर साल हम भारतवासियों को जीवन का नया संदेश देने आती है और यह बताती है कि सत्य की जीत और असत्य की हार एक-न-एक दिन अवश्य होती है। यह हमारे जीवन का अंधकार दूर कर फुलझरियों की तरह नया प्रकाश बिखेरती है। हम अपने अंदर नवीनता का अनुभव करते हैं।

दीवाली आने के पहले से ही लोग अपने-अपने घर की सफाई, पुताई-रँगाई शुरू कर देते हैं। छोटे-बड़े, अमीर-गरीब सभी तरह के लोग दीवाली के स्वागत की तैयारी में लग जाते हैं। किसी शुभ कार्य का आरंभ भी दीवाली के दिन होता है। दीवाली आती है अमावस्या की रात में। मकान के छतों-छज्जों और मुँडेरों पर दीपों की माला सजायी जाती है। बच्चे पटाखे और रंग-बिरंगी फुलझरियाँ छोड़ते हैं। हर जगह रोशनी-ही-रोशनी दिखायी देती है। रोशनी की इस जगमगाहट में सबके चेहरों पर खुशी की लहर छा जाती है। लोग बाजार की रोशनी और सजावट देखने घर से बाहर जाते हैं। मिठाइयाँ खाते-खिलाते रात के कुछ घंटे बीत जाते हैं। व्यापारी और सेठ-साहूकार रात में धन की देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, नये-नये कपड़े और बरतन खरीदते हैं।

दीवाली का धार्मिक महत्व तो है ही, इसका सामाजिक महत्त्व भी है। वर्षाऋतु के बाद मकानों की मरम्मत और उसकी पुताई, खिड़कियों और दरवाजों की रँगाई, पास-पड़ोस की सफाई— हमारे यहाँ इसी दीवाली के उपलक्ष्य में होती है। साल में एक बार ऐसा करना जरूरी समझा जाता है। इस प्रकार, सारी गंदगी दूर हो जाती है।

दिवाली हमारे जीवन में नयी प्रकाश लाती है, हमारे आसपास के वातावरण को शुद्ध और पवित्र बनाती है। यह हमें भाईचारे, सहयोग, सुख और शांति का संदेश देती है।

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दीपावली पर निबंध हिंदी में | Diwali Par Nibandh | Diwali Essay in Hindi 2023

  • Festival 2024

Diwali Essay in Hindi

Diwali Par Nibandh:- दीपावली हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है पूरे भारत में इसे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है दीपावली मनाने के पीछे की कहानी काफी रोचक है I ऐसा कहा जाता है कि इसी दिन भगवान श्री राम अपनी पत्नी सीता के साथ अपनी नगरी अयोध्या वापस आए थे I जिसके कारण वहां के निवासियों ने दीप जला कर उनका स्वागत किया था .दीपावली को बुराई पर अच्छाई के जीत के तौर पर भी देखा जाता है | इसके पीछे की वजह है कि भगवान श्रीराम ने रावण को युद्ध में हराकर ही अपने नगर वापस आए थे I इसलिए दीपावली का त्यौहार अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है I ऐसे में अगर आप एक छात्र हैं और दिवाली पर निबंध लिखना चाहते हैं लेकिन आपको समझ में नहीं आ रहा है कि आप दीपावली के ऊपर एक बेहतरीन Deepavali Essay in Hindi 2023   कैसे लिखें तो हम आपसे निवेदन करेंगे कि हमारे आर्टिकल पर आखिर तक बने रहे हैं चलिए शुरू करते हैं:–

Deepawali

Diwali Par Nibandh 2023 – Overview

त्यौहार का नामदीपावली
साल2023
त्यौहार की तारीख12 नवंबर
कहां कहां मनाया जाएगा?पूरे भारत में
कौन से धर्म के लोग मनाते हैं?हिंदू धर्म के
क्यों मनाई जाती है?इसी दिन भगवान श्री राम अयोध्या वापस आए थे
दीपावली के दिन किसकी पूजा की जाती हैमाता लक्ष्मी और भगवान गणेश
दीपावली का शुभ मुहूर्त 2023 में06:12 से 08 : 15 तक |

दीपावली भारत का एक प्रमुख त्यौहार है I इसे भारत के प्रत्येक राज्य में मनाया जाता है I दीपावली का अपने आप में एक खास महत्व है I दीपावली के दिन पर हम अपने घर में माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करते हैं I छोटे बच्चे विशेष तौर पर इस दिन पटाखा जलाते हैं I इसके अलावा घर को हम भिन्न प्रकार के रंग बिरंगी लाइट के द्वारा सजाते हैं I इस दिन पूरा वातावरण प्रकाश में रहता है चारों तरफ प्रकाश ही प्रकाश दिखाई पड़ता है I

Diwali ka Nibandh

दीपावली का त्यौहार 2023 में 12 नवंबर को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा I इस दिन हम सभी लोग अपने घर में माता लक्ष्मी भगवान गणेश की पूजा करते हैं I इसके 2 दिन पहले धनतेरस का भी त्यौहार हम मनाते हैं और उस दिन घर के अंदर कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं I ऐसा है कि कुबेर की पूजा करने से आपके घर में धन में वृद्धि होगी क्योंकि कुबेर को जन्म का देवता माना जाता है और अगर आप धनवंतरी की पूजा करते हैं तो आप हमेशा स्वस्थ रहेंगे क्योंकि धनवंतरी को आधुनिक शल्य चिकित्सा का जनक कहा जाता है I

दीपावली पर निबंध कक्षा- 3/ 4 /5 /6 /7 8 /9 10

 दीपावली एक विशेष प्रकार का हिंदू पर्व है और इसे कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है I इसे हम लोग ज्योति और प्रकाश उत्सव के रूप में भी जानते हैं इसकी प्रमुख वजह है कि इस दिन दीप जलाए जाते हैं I दीपावली कार्तिक अमावस्या महीने में आता है और इस महीने में ही और भी चार प्रकार के त्यौहार आते हैं I इसीलिए इस महीने लोग काफी हर्षोल्लास के साथ सभी पर्वों को मनाते हैं I दीपावली के पहले दिन धनतेरस का त्यौहार आता है जिस दिन कोई ना कोई नया वर्तन आभूषण खरीदने की मान्यता है I इसके बाद आती  छोटी दीपावली और फिर बड़ी दीपावली अगले कुछ दिनों में गोवर्धन पूजा और उसके बाद छठ पूजा इस प्रकार सभी त्योहार इसी महीने में समाप्त हो जाते है I

Diwali Quotes

Diwali Essay For Class 3 to 10

Diwali Par Nibandh For Class 3/ 4 /5 /6 /7 8 /9 10:- दीपावली त्यौहार से जुड़ी हुई कई धार्मिक और ऐतिहासिक घटना भी है समुद्र मंथन करते समय प्राप्त 14 रत्नों में से लक्ष्मी देवी प्रकट होते हैं  इसके अलावा जैन मत के अनुसार तीर्थंकर महावीर का महानिर्वाण भी किस दिन हुआ था I  भारतीय संस्कृति के आदर्श पुरुष श्री राम लंका नरेश रावण पर विजय प्राप्त कर सीता लक्ष्मण सहित अयोध्या लौटे थे उस कारण भी दीपावली मनाई जाती है I ऐतिहासिक दृष्टि से इस दिन से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं में सिक्खों के छठे गुरु हरगोविन्दसिंह मुगल शासक औरंगजेब की कारागार से मुक्त हुए थे। राजा विक्रमादित्य सिंहासन पर बैठे थे I यह त्यौहार बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है और इस दिन सभी लोग दीप और मोमबत्ती जलाते हैं I इसके अलावा माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है और उसके बाद प्रसाद का वितरण सभी लोगों के बीच में किया जाता है I

दिवाली स्टेटस हिंदी में

दीपावली पर निबंध हिंदी में 10 लाइन (Diwali Essay 10 Lines)

Diwali Essay 10 Lines

  • दीपावली हिंदुओं का विशेष पर्व है I
  • दीपावली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है I
  • दिवाली त्यौहार धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज त्यौहार का समूह माना जाता है।
  • दीपावली के दिन पूजा समाप्त होने के बाद हम सभी अपने बड़ों का आशीर्वाद देते हैं
  • दिवाली के दिन हम अपने घरों को रंग बिरंगी लाइटों के द्वारा सजाते हैं I
  • होली पर नई चीजें खरीदना काफी शुभ माना जाता है I
  • दीपावली लोग एक दूसरे को उपहार और मिठाइयों का भेंट देते है।
  • दीपावली पर छोटे बच्चे काफी पटाखा जलाते हैं
  • दीपावली पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है I
  • दीपावली कार्तिक पूर्णिमा महीने में मनाई जाती है I

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दीपावली पर निबंध 20 लाइन ( Dipawali Per 20 Lines)

  • दीपावली भारत का सबसे बड़ा पर्व है।
  • दिवाली एक प्रमुख हिंदू त्यौहार है .
  •  दीपावली को प्रकाश का पर्व भी कहा जाता है
  • दीपावली के दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या वापस आए थे
  • भगवान राम के आने की खुशी में अयोध्या के लोगों दीप जलाए थे
  • Diwali त्योहार पूरे 5 दिन मनाया जाता है
  • दिवाली के दिनों घरों लाइटों से सजाए जाते हैं
  • इस दिन भगवान गणेश जय माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है I
  • दीपावली के शुभ अवसर पर छोटे बच्चे पटाखे कुछ चलाते हैं
  • दिवाली के त्यौहार से पहले घर के साफ-सफाई काफी अच्छी तरह से की जाती है
  • दीपावली के पांचवे दिन को भाई बीज का त्यौहार मनाया जाता है।
  • दिवाली के दिन दीप जलाए जाते हैं I
  • दिवाली का त्यौहार अमावस्या की रात को मनाया ऐसी मान्यता है कि दीप जलाने से आपके जीवन का अंधकार दूर हो जाएगा
  • दिवाली से पहले धनतेरस और धनतेरस के बाद छोटी दिवाली आती है छोटी दिवाली के बाद गोवर्धन की पूजा होती है और उसके अगले दिन भैया दूज आता है।
  • दीवाली की रात को लोग माता लक्ष्मी की पूजा कर लोग धन की प्राप्ति करते हैं और गणेश जी की पूजा कर उन्हें गणेश जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है जिसे उनके जीवन में अगर कोई भी संकट या दुख है तो उसका निवारण हो जाएगा
  • भगवान श्री राम ने रावण का वध कर अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या आए थे
  • दीपावली को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में देखा जाता है I
  • हर साल कार्तिक मास की अमावस्या की रात को दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है।
  • दीपावली कार्तिक पूर्णिमा महीने में मनाई जाती है
  • मिठाई की दुकाने सजने लगती हैं बाज़ारों में पटाखों और फुलझड़ियों की दुकाने सजती हुई दिखाई देती हैं I

दीपावली पर निबंध 150 शब्द | Diwali Per Nibandh (150 Words)

Diwali Par Nibandh :- भारत में दीपावली का त्यौहार बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता हैं। इस त्यौहार को हिन्दू धर्म के परंपरा और मान्यता के अनुसार मनाया जाता है दीपावली के पहले घर की साफ सफाई की जाती है उसके बाद दीपावली के दिन घर में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की मूर्ति स्थापित कर विधि विधान के साथ पूजा की जाती है ताकि आपके ऊपर माता लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहे I इस दिन पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद का वितरण किया जाता है और लोगों के घरों में जाकर मिठाई देने की भी परंपरा है इस दिन सभी व्यक्ति ने नए कपड़े पहनते हैं और छोटे बड़े सभी पटाखा जलाते हैं I दीपावली मनाने के पीछे सबसे प्रमुख वजह है कि इसी दिन भगवान श्रीराम अपनी पत्नी सीता के साथ अयोध्या वापस आए थे और उनके आने की खुशी में वहां के निवासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था तभी से दीपावली मनाने की परंपरा स्थापित हो चुकी है तभी से दीपावली मनाने का प्रयास शुरू हुआ I

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दीपावली पर निबंध 200 शब्दों में | Diwali Par Nibandh 200 Words

Diwali Per Nibandh :- हम भारत देश में रहते हैं जिसे अलग-अलग धर्मों में एकता, संस्कृति, रीति-रिवाजों और अलग-अलग उत्सवों की वजह से जाना जाता है। भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है I यहां पर विभिन्न प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं I ऐसे में दीपावली भी भारत का एक प्रमुख त्योहार है दीपावली मनाने के पीछे क्या कारण है कि इस दिन भगवान श्री राम अपनी नगरी अयोध्या वापस आए थे  I उनके आने की खुशी में दीपावली बनाने की परंपरा शुरू हुई I

दीपावली को हम सभी लोग अपने घर को रंग बिरंगी लाइट से सजाते हैं I इसके अलावा घर में विभिन्न प्रकार के पकवान बनते हैं I हर एक व्यक्ति एक दूसरे के घर में जाता है और वहां पर जाकर दीपावली की हार्दिक बधाइयां देता है I इसके अलावा पूजा संपन्न होने के बाद हम प्रसाद का वितरण करने दूसरे के घर में जाते हैं और वहां पर जाने के बाद हमें वहां से भी प्रसाद मिलता है I दीपावली एक प्रकार का भाईचारा त्यौहार है  I सभी लोग गले मिलते हैं I दीपावली आने से पहले हम अपने घर की साफ सफाई अच्छी तरह से करते हैं उसके बाद ही दीपावली का त्यौहार हम मनाते हैं I

दिवाली पर निबंध 500 शब्द | Diwali Par Nibandh 500 Words

भूमिका : भारत दुनिया का ऐसा देश है I जहां पर विभिन्न धर्म के मानने वाले लोग रहते हैं और यहां के त्यौहार भी काफी अलग अलग है I इसलिए भारत में प्रत्येक महीने कोई ना कोई त्यौहार आता ही रहता है I ऐसे में दीपावली हिंदुओं का एक विशेष त्यौहार है  I इसी दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था और उसके बाद अपनी पत्नी सीता को रावण के कैद से आजाद करवाया और उसके बाद उन्हें लेकर अयोध्या गए I जिसके कारण आज आवासी बहुत ज्यादा खुश है और श्री राम के आने की खुशी में उन्होंने पूरे नगर में दीप जलाए I जिसके बाद से ही दीपावली मनाने की परंपरा और प्रथा शुरू हो गई जो आज तक कायम है I

वर्षा ऋतु समाप्त होने के बाद जब शीत ऋतु का आगमन होता है तो उसे समय दीपावली का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है I इस त्यौहार को पांच दिनों तक मनाया जाता है जिसमें धनतेरस, छोटी दीपावली, बड़ी दीपावली, गौधन, भाई दूज आदि त्यौहार बनाए जाते हैं

दीपावली का अर्थ :

दीपावली दो शब्दों से मिलकर बना है जो संस्कृत से लिया गया है जिसका अर्थ होता है दीपों की पंक्ति या दीपों से सजी हुई पंक्ति। रीना अधिक मात्रा में दीप और मोमबत्तियां जलाई जाती हैं जिसके कारण दीपावली को दीपोत्सव कहा जाता है I

दीपावली का महत्व :

दीपावली को पूरे भारत में बहुत ही खुशी और धूम-धाम से मनाया जाता है। दीपावली को अंधकार पर प्रकाश बुराई पर अच्छाई और अज्ञानता पर ज्ञान की विजय के रूप में देखा जाता है दीपावली को सुंदर और तरीके से मनाया जाता है इस दिन भारत के प्रत्येक राज्य में विभिन्न प्रकार के दीपावली संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिसमें अधिक से अधिक लोग भाग लेते हैं इसके अलावा घरों में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की विधि विधान के साथ पूजा की जाती है उसके बाद लोग दूसरे के घर प्रसाद देने के लिए जाते हैं  I दीपावली के दिन लोग बर्तन सोना मिठाइयां कपड़े इत्यादि खरीदते हैं और पैसे खर्च करते हैं उनका मानना है कि इस दिन अगर वह पैसे माता लक्ष्मी के चरणों में अर्पित करेंगे तो उनके धन में वृद्धि होगी I

इस दिन का महत्त्व पांडवों की वजह से भी बढ़ जाता है क्योंकि इसी दिन पांडवों 13 वर्ष का वनवास समाप्त हुआ था I इसके अलावा दीपावली मनाने के पीछे और भी एक रोचक कहानी है ऐसा कहा जाता है कि आज के दिन ही माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था और उन्होंने भगवान विष्णु से विवाह किया था जिसके कारण इस दिन को दीपावली के रूप में मनाया जाता है I

दीपावली की बुराईयाँ :

कोई भी त्यौहार या पर अब खराब नहीं होता है लेकिन उसे खराब करने का काम इंसान ही करते हैं I दीपावली के दिन कई लोग घर में जुआ और शराब का भी सेवन करते जो कि इस महान पर्व के लिए कलंक के समान है I ऐसा करने वाले लोगों की संख्या अधिक है I इसलिए हमें दीपावली त्यौहार को काफी हर्षोल्लास और पवित्र तौर पर बनाना चाहिए ना की कुरीतियों जैसे काम कर I

इसके अलावा आज के समय  आवाज वाले पटाखे का इस्तेमाल किया जाता है I जिसके कारण वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण जैसी समस्या उत्पन्न होती है I जिससे हमारा वातावरण प्रदूषित होता है I और इसका खामियाजा आने वाले पीढ़ी और हमें भी भुगतना पड़ेगा I इसलिए हमें दीपावली के दिन पटाखों का इस्तेमाल कम करना होगा और अगर आप पटाखा जलाना चाहते हैं तो ऐसे पटाखे का इस्तेमाल करें जिसकी आवाज ना के बराबर हो I

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FAQ. Diwali Par Nibandh 2023

Q: भारत में दिवाली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है.

Ans: दीपावली का त्योहार पौराणिक कथा के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीराम 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या वापस आए थे I इसीलिए इस दिन को दीपावली मनाया जाता है

Q. क्या भारत के अलग-अलग राज्यों में दिवाली को एक ही रूप में मनाया जाता है ?

Ans बिल्कुल नहीं प्रत्येक राज्य में दीपावली मनाने की परंपरा और रीति-रिवाज अलग है

Q: दीपावली में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा क्यों की जाती है ?

Ans; दीपावली के दिन माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है इसके पीछे की वजह है कि माता लक्ष्मी को धन का देवी कहा जाता है और भगवान गणेश को बुद्धि का इसलिए अगर आपके पास बुद्धि होगी तभी तो आप धन का सदुपयोग कर पाएंगे I

Q वर्ष 2023 में दीपावली का त्यौहार कब मनाया जायेगा?

12 नवंबर 2023 को दीपावली का त्यौहार मनाया जायेगा

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हेलो स्टूडेंट्स! क्या आप को दिवाली पर निबंध हिंदी में (Diwali Essay In Hindi) चाहिए? अगर हाँ तो आप बिलकुल सही जगह पहुंचे हैं। इस पोस्ट में आपको दिवाली पर निबंध (Diwali Ka Essay In Hindi) मिलने वाला हैं। अगर आपको Diwali Essay In Hindi 150 Words में चाहिए तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े।

दिवाली, सभी भारतीयों के लिए खुशी का त्योहार, हर साल बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर हर घर में भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। दिवाली का त्यौहार भारत में दो दिनों तक मनाया जाता है और बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, भले ही लोग दूसरे देशों में रहते हों।

इस अवसर को चिह्नित करने के लिए, छात्रों को अक्सर लिखने के लिए एक निबंध दिया जाता है। कई छात्र त्योहार और इसके महत्व के बारे में अधिक जानने के लिए इंटरनेट पर दिवाली पर निबंध (Diwali Essay In Hindi) खोजते हैं। अगर आप भी Diwali Ka Essay In Hindi खोज रहे हैं तो चलिए आपको एक अच्छा निबंध बताते हैं:

Diwali Essay In Hindi / Diwali Ka Essay In Hindi

दिवाली, जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू कैलेंडर में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह रोशनी का त्योहार है, और इसे बुराई पर अच्छाई, अंधकार पर प्रकाश और अज्ञान पर ज्ञान की जीत के रूप में मनाया जाता है।

दिवाली से जुड़ी सबसे लोकप्रिय कहानी 14 साल के वनवास के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी है। भगवान राम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है, और उनकी अयोध्या वापसी एक महान उत्सव का समय था। अयोध्या के लोगों ने उनके वापस स्वागत के लिए दीये जलाए और इसी तरह आज दिवाली मनाई जाती है।

दिवाली धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी से प्रार्थना करने का भी समय है। लोग अपने घरों को साफ करते हैं, और उन्हें दीयों और रंगोलियों (जमीन पर बने रंगीन पैटर्न) से सजाते हैं। वे नये कपड़े, आभूषण और उपहार भी खरीदते हैं।

दिवाली के दिन, लोग अपने दोस्तों और परिवार से मिलते हैं, उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेते हैं। वे खेल भी खेलते हैं और पटाखे भी जलाते हैं। दिवाली खुशी और उत्सव का समय है, और यह एक साथ आने और पिछले साल की परेशानियों को भूलने का समय है।

Diwali Essay In Hindi 150 Words

दिवाली, जिसे “रोशनी का त्योहार” भी कहा जाता है, भारत में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इसे सभी उम्र और धर्मों के लोग बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं।  

दिवाली के दौरान, लोग अपने घरों और सड़कों को रोशनी, मोमबत्तियों और अन्य सजावट से सजाते हैं। वे नए कपड़े पहनते हैं और अपने प्रियजनों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। यह त्योहार लोगों के लिए भगवान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और उनकी भलाई के लिए प्रार्थना करने का भी समय है।

दिवाली के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है दीयों की रोशनी, छोटे तेल के दीपक जो घरों और सार्वजनिक स्थानों पर जलाए जाते हैं। ये दीये बुराई पर अच्छाई की जीत और अंधेरे पर प्रकाश की विजय का प्रतीक हैं।

दिवाली के दौरान एक और महत्वपूर्ण परंपरा दोस्तों और परिवार के साथ मिठाइयों और अन्य व्यंजनों का आदान-प्रदान है। यह त्योहार की साझा करने और खुशी की भावना का प्रतीक है।

Diwali Essay In Hindi 10 Lines | दिवाली पर निबंध 10 लाइन

1) दिवाली, जिसे रोशनी के त्योहार या दीपोत्सव के रूप में भी जाना जाता है, हिंदुओं के बीच एक लोकप्रिय और महत्वपूर्ण उत्सव है। 2) यह चौदह वर्ष के वनवास के बाद भगवान राम के अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। 3) इस दिन, हिंदू अनुयायी मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं। 4) इस अवसर का जश्न मनाने के लिए बच्चे उत्सुकता से पटाखे जलाने में भाग लेते हैं। 5) धार्मिक रिवाज और पूजा बच्चों, बुजुर्गों और वयस्कों सहित सभी उम्र के लोगों द्वारा की जाती है। 6) यह त्यौहार बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है, जिसमें लोग अपने दोस्तों, पड़ोसियों और प्रियजनों को मिठाइयाँ और उपहार देते हैं। 7) दिवाली केवल हिंदू ही नहीं बल्कि अन्य धर्म और संप्रदाय के लोग भी मनाते हैं। 8) इस दिन भारत में सार्वजनिक अवकाश होता है और इसे बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। 9) यह हिंदुओं के सबसे प्रिय और पसंदीदा त्योहारों में से एक है, जो लोगों को एक साथ लाता है और खुशी और खुशी फैलाता है। 10) दिवाली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत, अंधेरे पर प्रकाश की विजय और एकता और भाईचारे के महत्व का प्रतीक है।

My Favourite Festival Diwali Essay In Hindi

मेरा पसंदीदा त्योहार दिवाली है। यह प्रकाश का त्योहार है, और इसे बुराई पर अच्छाई की जीत, अंधकार पर प्रकाश की जीत और अज्ञान पर ज्ञान की जीत के रूप में मनाया जाता है। इस दिन, लोग अपने घरों को दीयों और रंगोली (रंगीन आकृतियों) से सजाते हैं, और मिठाई और नए कपड़े खरीदते हैं। वे अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलते हैं और उनका स्वागत करते हैं, और पटाखे और आतिशबाजी चलाते हैं।

दिवाली का सबसे लोकप्रिय कथा भगवान राम की वापसी से जुड़ा है, जो 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। उनके स्वागत में, अयोध्या के लोगों ने घरों और सड़कों को दीयों से रोशन किया। इस दिन, लोग भगवान राम और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, जो धन और समृद्धि की देवी हैं।

दिवाली एक खुशी और उल्लास का त्योहार है, और यह एक समय है जब लोग एकजुट होते हैं और नए साल की शुरुआत करते हैं। यह एक दिन है जब लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलते हैं और उनका स्वागत करते हैं, और नए साल के लिए अपनी शुभकामनाएं देते हैं।

मैं दिवाली को इसलिए पसंद करता हूँ क्योंकि यह एक खुशहाल और उज्जवल त्योहार है। यह एक समय है जब लोग एक साथ आते हैं और खुशी मनाते हैं। मुझे यह भी पसंद है कि इस दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं और नए कपड़े खरीदते हैं। मुझे लगता है कि यह एक अच्छा अवसर है नए साल की शुरुआत करने के लिए।

दिवाली एक सांस्कृतिक और धार्मिक त्योहार है, और यह भारत के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। यह एक दिन है जब लोग एक साथ आते हैं और खुशी मनाते हैं। मुझे खुशी है कि मैं इस त्योहार को मनाने का मौका पाता हूँ।

Diwali Essay In Hindi For Child

दीपावली, जिसे दिवाली या दीपोत्सव के रूप में भी जाना जाता है, भारत का एक प्रमुख त्योहार है। यह एक पांच दिवसीय त्योहार है, जो कार्तिक महीने के अमावस्या के दिन मनाया जाता है।

दीपावली को प्रकाश का त्योहार कहा जाता है, और इसे बुराई पर अच्छाई की जीत, अंधकार पर प्रकाश की जीत और अज्ञान पर ज्ञान की जीत के रूप में मनाया जाता है। इस दिन, बच्चे और वयस्क अपने घरों को दीयों और रंगोली (रंगीन आकृतियों) से सजाते हैं, और मिठाई और नए कपड़े खरीदते हैं। वे अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलते हैं और उनका स्वागत करते हैं, और पटाखे और आतिशबाजी चलाते हैं।

दीपावली एक खुशी और उल्लास का त्योहार है, और यह एक समय है जब लोग एकजुट होते हैं और नए साल की शुरुआत करते हैं। यह एक दिन है जब बच्चे और वयस्क मिलते हैं और खुशी मनाते हैं। मुझे उम्मीद है कि आप इस त्योहार का आनंद लेंगे!

Essay On Diwali In Hindi For Class 5, 6

दीपावली भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है। यह हर साल अक्टूबर या नवम्बर महीने में मनाया जाता है। दीपावली को ‘लक्ष्मी पूजा’ के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इस दिन धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

इस त्योहार को उत्सवी तरीके से मनाया जाता है। घरों में दीपकों की रौशनी से सजीवता आती है और लोग खुशी-खुशी इसे मनाते हैं। बच्चे और वयस्क लोग आपसी बनाए गए खास खिलौनों के साथ खेलते हैं और मिलकर मिठाई खाते हैं।

दीपावली का अर्थ होता है ‘दीपों की पंक्ति’। इस दिन लोग अपने घरों की सजीवता को बढ़ाने के लिए दीपकों की माला बनाते हैं और उन्हें अपने घरों में रखते हैं।

इसके साथ ही, दीपावली हिन्दू परंपरागती मेलों का भी एक हिस्सा है। लोग मेलों में आकर खेल, खान-पान और विभिन्न वस्त्रों की खरीददारी का आनंद लेते हैं।

इस प्रकार, दीपावली एक खुशी और उत्साह का त्योहार है जो हमें सामाजिक और पारिवारिक एकता का संदेश देता है। यह हमें दीपकों की रौशनी के रूप में अच्छाई की ओर आग्रहित करता है और हमें बुराई से दूर रहने की प्रेरणा प्रदान करता है।

Essay On Diwali In Hindi With Headings

परिचय: दीपावली भारतीय उपमहाद्वीप में मनाया जाने वाला एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार है। यह हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है और यह त्योहार खुशी, उत्साह और रंगीनता के साथ मनाया जाता है।

धार्मिक महत्व: दीपावली को ‘लक्ष्मी पूजा’ के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इस दिन धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। यह एक प्रकार की धार्मिक आराधना होती है जो लोगों को आदर्श और ईमानदारी की महत्वपूर्णता का संदेश देती है।

आवश्यक तैयारियाँ: दीपावली के दिन घरों में सफाई और सजावट की तैयारियाँ होती हैं। लोग अपने घरों को सजाने के लिए नए वस्त्र और सजावटी आइटम खरीदते हैं। घर की सजीवता को बढ़ाने के लिए दीपकों की मालाएँ बनाई जाती हैं और उन्हें घर के चारों ओर रखा जाता है।

रंगों का त्योहार: दीपावली के दिन लोग अपने घरों को रंगीन दीपकों से सजाते हैं और आसमान में फुलझडि़याँ फोड़ते हैं। रंगों का ख़ेल, मिठाइयों का सेवन और मिलनसर कूदने का आनंद लेते हैं।

सामाजिक महत्व: दीपावली एकता और सामाजिक सद्भावना का प्रतीक होता है। लोग इस त्योहार के माध्यम से अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताते हैं और आपसी बंधन मजबूत करते हैं।

निष्कर्ष: दीपावली एक प्रकार की प्रकृति, धर्म और संस्कृति के मेल का प्रतीक है। यह हमें अच्छाई, ईमानदारी और प्रेम की महत्वपूर्णता का आदर्श प्रस्तुत करता है। इस त्योहार के माध्यम से हम अपने जीवन में प्रकारी और उत्सवी भावनाओं को बढ़ा सकते हैं।

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Diwali Essay in Hindi- दीपावली | दिवाली पर निबंध हिंदी में

In this article, we are providing Diwali Par Nibandh | Diwali Essay in Hindi दीपावली | दिवाली पर निबंध हिंदी | Nibandh in 100, 200, 250, 300, 500 words For Students & Children.

दोस्तों हमने Deepawali Par Nibandh | Essay on Diwali in Hindi लिखा है दीपावली | दिवाली पर निबंध हिंदी में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, और 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है। 8 Simple Essay on Diwali in Hindi language.

Diwali Essay in Hindi- दिवाली पर निबंध हिंदी में

दीपावली पर निबंध हिंदी में 10 लाइन- Diwali Essay in Hindi 10 lines for Child & Kids ( 100 words )

1. दीपावली हिंदुओं का पावन त्योहार है।

2. यह अक्टूबर-नवंबर के महीने में आता है।

3. दीपावली के दिन ही श्री राम चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।

4. उनके आने पर पूरी अयोध्या नगरी को दीपों से सजाया गया था।

5. दीपावली के आने की तैयारी घर और दुकानों की साफ़-सफ़ाई और रंग-रोगन से होती है।

6. दीपावली से दो दिन पहले धनतेरस के अवसर पर लोग अपने घरों के लिए नया सामान खरीदते हैं।

7. सभी मित्र-संबंधी आपस में मुँह मीठा करवाते हैं।

8. दीपावली के दिन गणेश-लक्ष्मी का पूजन होता है।

9. सभी रात में अपने घर को दीपों से सजाते हैं और पटाखे चलाते हैं।

10. दीपावली की रात रोशनी की रात होती है।

10 lines दीपावली पर निबंध कक्षा 3

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दीपावली पर निबंध 150 शब्द- Diwali Par Nibandh | Diwali Essay in Hindi 150 words

परिचय : दीपावली हिन्दू जाति का प्रधान पर्व है। इसकी प्रतीक्षा लोग बड़ी उत्सुकता से करते हैं।

वर्णन : यह कार्तिक की अमावस्या को खूब धूम-धाम से मनायी जाती है। सबलोग इस दिन संध्या को अपने-अपने घरों को रंग-बिरंगी बत्तियों से सजाते हैं। आज के दिन व्यापारी लोग अपना कार्य शुरू करना शुभ मानते हैं।

लाभ : दीपावली सफाई का त्योहार है। दीपावली के पहले ही घरों एवं दुकानों की लिपाई-पुताई की जाती है। दुकानदारों के पुरान बकाए वसूल हो जाते हैं। लोग मित्रों और संबंधियों से मिलते-जुलते हैं। इससे प्रेम और भाई-चारा बढ़ता है।

हानि : कुछ लोग दीपावली के दिन जुआ खेलना अच्छा समझते हैं लेकिन यह गन्दी आदत है। वे लोग जुआ खेलकर अपना सब कुछ गँवा बैठते हैं। आतिशबाजी के कारण लड़के जल जाते हैं एवं कहीं-कहीं आग लगने की दुर्घटना घट जाती है।

उपसंहार : दीपावली हमारे जीवन में नवीन प्रकाश लाती है। यह हमें भाई-चारा, सहयोग, सुख और शान्ति का सन्देश देती है।

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Short Essay on Diwali in Hindi – दीपावली पर निबंध हिंदी में ( 180 words )

दीपावली हिन्दुओं का एक मुख्य त्योहार है। यह कार्तिक मास की अमावास्या के दिन मनाया जाता है।

भगवान राम चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे। अयोध्या के लोगों ने खुशी में घी के दीपक जलाए। तब से दीपावली मनाते हैं।

दीपावली आते ही खुशी की लहर दौड़ जाती है। घरों और दुकानों की साफ सफाई की जाती है। उन्हें सुन्दर तरीके से सजाया जाता है। घर में अनेक तरह के पकवान और मिठाईयाँ बनती हैं। नए कपड़े खरीदे जाते हैं। इस दिन गाँव एवं नगर दीयों और रंगीन बल्बों के प्रकाश से जगमग करते हैं।

बच्चों को दीपावली बहुत पसंद है। परिक्षाएँ खत्म हो चुकी रहती है और पाठशालाओं में छुट्टियाँ हो जाती है। बच्चे पटाखे खरीदते हैं जैसे -अनार, रॉकेट, फुलझड़ी, चरखी आदि। दीपावली के दो-चार दिन पहले से ही वे पटाखे जलाने लगते हैं । कुछ पटाखे खतरनाक होते हैं। पटाखे सदा बड़ों के संरक्षण में जलाने चाहिए।

दीपावली खुशियों और प्रेम का त्योहार है। इसे हिलमिलकर मनाना चाहिए।

Deepawali Essay in Hindi

Diwali Essay in Hindi

दिवाली पर निबंध हिंदी में- Hindi Essay on Diwali in 200 words

दीपावली या दीवाली हिन्दुओं का एक बहुत पवित्र तथा महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह सारे भारत में बड़े धूमधाम और उत्साह से मनाया जाता है। कार्तिक माह की अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है।

दीपों, मिठाइयों, लक्ष्मीपूजन और पटाखों का यह दिन सचमुच अद्भुत है। इस दिन के लिए बहुत पहले से ही तैयारियाँ प्रारंभ हो जाती हैं। घर-द्वार की सफाई, रंग-रोगन, दूकानों की सजावट, नये वस्त्रों, बरतनों, गहनों आदि की खरीद इस अवसर पर की जाती है। लोग-बाग उदारता से धन खर्च करते हैं और आनन्द मनाते हैं।

इसी दिन भगवान राम अपने 14 वर्ष के वनवास के पश्चात सीता के साथ अयोध्या लौटे थे। राम ने दुष्ट रावण का वध किया था। उन्होंने संतों, सज्जनों और दूसरे सभी अच्छे लोगों को रावण के भय से मुक्त किया था। इसी याद में सारी रात दीपक मालायें जलाई जाती हैं, सजावट की जाती है, मिलन मनाया जाता है और पकवान पकाये जाते हैं।

धनी और व्यापारी वर्ग इस दिन धन की देवी लक्ष्मी तथा विद्या के देवता गणेश का पूजन करते हैं। कुछ लोग इस दिन जुआ खेलते हैं। यह एक बड़ी सामाजिक बुराई है। हमें इससे बचना चाहिये। जैन धर्म के महान प्रवर्तक वर्धमान महावीर का देहावसान इसी दिन हुआ था।

इसी दिन आर्य समाज के प्रवर्तक स्वामी दयानन्द सरस्वती ने देह त्याग किया था।

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दिवाली पर निबंध हिंदी में- Essay on Diwali in Hindi Language ( 250 words )

दिवाली या दीपावली एक मुख्य त्योहार है। यह केवल भारत में ही नहीं, विदेशों में भी मनायी जाती है। लोग’ आश्वयुज अमावास्या के दिन यह पर्व मनाते हैं। दिवाली का अर्थ दीपों की पंक्ति है।

उत्तर भारत में यह पर्व पाँच दिनों का है। आन्ध्र प्रदेश में यह तीन दिन मनाया जाता है। दिवाली के एक दिन पूर्व नरक चतुर्दशी पर्व और दिवाली के बाद दूसरे दिन भैया-दूज पर्व मनाया जाता है। नरक चतुर्दशी पर्व मनाने के सम्बन्ध में एक कथा प्रचलित है। श्रीकृष्ण की पत्नी सत्यभामा ने नरक नामक राक्षस का वध किया था। उस घटना की स्मृति में नरक चतुर्दशी पर्व मनाया जाता है।

दिवाली पर्व के सम्बन्ध में यह कथा प्रचलित है। रावण-वध के बाद जब राम अयोध्या लौटे तब पुरजनों ने उनके स्वागत में दीपों का आयोजन किया था। तब से दिवाली प्रचलित हुई। यह पर्व बूढ़े-बच्चे, स्त्री-पुरुष सब बड़े आनंद से मनाते हैं। इस दिन सब स्नान करके नये कपड़े पहनते हैं। वे मीठे पकवान खाते हैं। वे पटाखे जलाते हैं। रात को दीप जलाते हैं और लक्ष्मी की पूजा करते हैं।

भैया-दूज भाई-बहन का त्योहार है। भाई बहन के घर जाकर खाना खाता है। बहन भाई को कपड़े देती है। भाई बहन को उपहार देता है। इस प्रकार यह पर्व भाई-बहन के प्रेम को बढ़ाने वाला है।

संक्षेप में दिवाली प्रकाश का पर्व है। यह आनंद का त्यौहार है। यह पर्व हमें यह सन्देश देता है कि ज्ञान रुपी प्रकाश अज्ञान रुपी अन्धकार कि दूर करता है।

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दिवाली पर निबंध- Diwali Essay in Hindi for Class 10 ( 300 to 350 words )

दीपावली हिन्दुओं का अत्यन्त प्रमुख पर्व है। यह त्यौहार कार्तिक मास। के कष्ण पक्ष की अमावस्या को समारोह पूर्वक समस्त भारत में मनाया जाता है। यह धन-धान्य की देवी लक्ष्मी की पूजा का पर्व है, इस कारण भी इसका अधिक महत्त्व है।

यह त्यौहार कब से और क्यों मनाया जाता है ? इस सम्बन्ध में एक विचार यह है कि श्रीराम चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात् इसी दिन अयोध या लौटे थे। नगर निवासियों ने उनके स्वागत में दीप जलाए थे, तभी से यह पर्व मनाया जाता है। वैसे यह एक ऋतु पर्व है। वर्षा ऋतु में जो अन्न बोए जाते हैं, वे इस समय तक पक कर तैयार हो जाते हैं। किसानों के घर नए अन्न से भर जाते हैं, उन्हें इसकी प्रसन्नता होती है। किसान के साथ ही व्यापारी और जनता को भी इसकी प्रसन्नता होती है। अतः अन्न और धन-लक्ष्मी के स्वागत का ही यह त्यौहार है।

इसी दिन भगवान् श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था और समुद्र मंथन से लक्ष्मी की उत्पत्ति भी इसी दिन हुई थी। दीपावली अपने साथ कई त्यौहार लेकर आती है। दीपावली से दो दिन पूर्व धन त्रयोदशी होती है। इसके पश्चात् नरक चतुर्दशी (छोटी दीपावली) आती है। अमावस्या को दीपावली का मुख्य उत्सव होता है। अगले दिन अन्नकूट या गोवर्धन पूजा का उत्सव होता है और उससे अगले दिन द्वितीया को भैया दूज का उत्सव मनाया जाता है।

दीपावली से पूर्व लोग घरों की सफाई करवाते हैं। इस दिन प्रातः काल से ही घरों में बड़ी चहल-पहल होती है। लोग बाजार से मिठाइयाँ, फल, खील-बताशे और दीवे लाते हैं। बच्चे फुलझड़ियाँ और पटाखे खरीदते हैं।

सायं होते ही लोग घर की मुंडेरों पर सरसों के तेल के दीपकों की पंक्तियाँ जलाते हैं। बिजली के लटू या मोमबत्ती भी जलाये जाते हैं। दीपकों के प्रकाश से अन्धेरी राम भी पूर्णिमा की राम की तरह चमक उठती है। रात को लोग घरों और दुकानों पर लक्ष्मी पूजन करते हैं। लक्ष्मी पूजन के पश्चात् प्रसाद वितरण होता है। बच्चे फुलझड़ी और पटाखे चलाते हैं। इस अवसर पर मित्रों और सम्बन्धियों को भी मिठाई दी जाती है।

वास्तव में यह आनन्द और उत्साह का अनुपम पर्व है।

दिवाली पर निबंध- Deepawali par Nibandh Hindi mein ( 350 to 400 words )

भारत वास्तव में त्यौहारों तथा मेलों का देश है। यहाँ विभिन्न धर्म, जाति तथा सम्प्रदाय के लोग निवास करते हैं। ये लोग समय-समय पर अपने त्यौहार तथा पर्व मनाते हैं। ये पर्व ही भारत की संस्कृति की असली तस्वीर हैं। दीपावली भारतीय त्यौहारों में अपना प्रमुख स्थान रखता है। यह हिन्दुओं का मुख्य त्यौहार है। पूरे भारत वर्ष में यह अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार श्रीरामचन्द्रजी के चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटने की खुशी में मनाया जाता है। ऐसा विश्वास है कि जब श्रीराम ने लंका के राक्षसपति रावण को हरा दिया तथा सीता माता को उसके चंगुल से मुक्त करा लिया तब वह अपने भाई लक्ष्मण तथा सेवक हनुमान के साथ अयोध्या लौटे थे। तब जनता ने खुशी में घी के दिये जलाकर प्रकाश किया तथा उनका अयोध्या में स्वागत किया। श्री राम के आने से अयोध्या की जनता अत्यंत प्रसन्न थी।

दीपावली आने से पहले लोग अपने घरों में साफ-सफाई तथा पुताई करते हैं। दीपावली से दो दिन पूर्व का दिन धनतेरस माना जाता है। इस दिन बर्तन खरीदना, जेवर या अन्य कोई नयी चीज खरीदना शुभ माना जाता है। दीपावली की रात को लोग लक्ष्मी देवी तथा गणेश की पूजा करते हैं। घरों में दिये, लैम्प आदि जलाये जाते हैं। पकवान बनते हैं तथा मिठाईयाँ पड़ोसियों व रिश्तेदारों में बाँटी जाती हैं। दीपावली की रात को बच्चों की तो मौज होती है। वे मिठाई, पकवान खाते घूमते हैं तथा पटाखे, अनार, फुलझड़ियाँ चलाते हैं। अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है। उसके बाद भाई दौज आता है। इस दिन बहनें भाइयों के तिलक लगाती हैं। भाई बहनों को कुछ रुपये उपहार स्वरूप देते हैं।

दीपावली एक पावन पर्व है। लेकिन कुछ लोग जुआ और शराब में अपना पूरा त्यौहार निकाल देते हैं। वे इस दिन डटकर शराब पीते हैं तथा जुआ खेलते हैं। जुए में बहुत सी रकम हार जाते हैं। क्रोध में बीवी, बच्चों को मारते-पीटते हैं। इस पवित्र दिन यह अपिवत्र बातें नहीं करनी चाहिये। मर्यादा और गरिमा की सीमा में रहकर त्यौहार का आनन्द उठाना चाहिये। अत्यधिक धन खर्च करके पटाखे फोड़ना भी गलत है। इसमें से कुछ धन बचाकर दान दे देना चाहिये। ताकि निर्धन लोग भी खुशी के साथ त्यौहार का आनन्द उठा सकें।

दीपों का त्यौहार दिवाली पर निबंध- Essay on Diwali in Hindi with Headings (500 words )

प्रस्तावना

भारतवर्ष त्यौहारों-पर्वो तथा उत्सवों का देश है। भारतीय त्यौहारों में दीपावली का विशेष महत्त्व है। यह इस देश का सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय त्यौहार है। दीपावली दीपों का त्यौहार है। दीपावली का बिगड़ा हुआ रूप है ‘दीवाली’। इसका अर्थ है दीपों की अवली अर्थात् दीपों की कतार (पंक्ति)। इस दिन हिन्दू लोग अपने घरों में दीये, मोमबत्तियाँ तथा बिजली के बल्बों को जलाकर, उनकी पंक्तियाँ अर्थात् कतार लगा देते हैं।

दीपावली कब मनाई जाती है? Diwali ka tyohar kab manaya jata hai

यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को सारे भारतवर्ष में बहुत धूमधाम तथा उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन सभी ओर इतनी अधिक रोशनी की जाती है जिससे अमावस्या की काली रात भी पूर्णमासी की तरह जगमगाने लगती है। दीपावली से पूर्व ‘धनतेरस’ तथा इसके बाद ‘गोवर्धन पूजा’ और ‘भैया दूज’ के त्यौहार मनाए जाते हैं।

दीपावली क्यों मनाई जाती है? Diwali kyon manai jati hai

इस दिन भगवान श्रीराम चौदह वर्षों का वनवास काटकर तथा लंका पर विजय प्राप्त करके सीता तथा लक्ष्मण सहित अयोध्या लौटे थे। इस तिथि को श्रीरामचन्द्र जी का राजतिलक किया गया था। अतः इस दिन सारे अयोध्यावासियों ने इसी खुशी में आनन्दोत्सव मनाया था तथा अपने हर्षोल्लास को प्रकट करने के लिए दीप जलाए थे और मिठाइयाँ बाँटी थीं। जैन धर्म के महावीर स्वामी तथा आर्य समाज के स्वामी दयानन्द सरस्वती जी को भी इसी दिन मुक्ति मिली थी। इसीलिए जैनी तथा आर्य समाज के लोग भी इस त्यौहार को बहुत धूमधाम से मनाते हैं। यह भी कहा जाता है कि महाराज युधिष्ठिर का राजसूय यज्ञ भी इसी तिथि को सम्पन्न हुआ था।

दीपावली कैसे मनाई जाता हैं? Diwali Kaise manai jaati hai

इस दिन लोग अपने घरों व दुकानों को सजाते हैं। गलियों तथा बाजारों को भी सजाया जाता है बाजारों में हलवाइयों की दुकानें खूब सजी होती हैं और सभी लोग मिठाइयाँ खरीदते हैं। इस दिन बाजारों से सुन्दर-सुन्दर खिलौने व बर्तन आदि भी खरीद कर लाए जाते हैं। इस दिन स्त्रियाँ अपने घरों में पकवान भी बनाती हैं। बच्चे व युवक आतिशबाजी चलाते हैं। घरों में आस्थावान लोग गणेश और लक्ष्मी की पूजा करते हैं। लोग दीवाली पूजन के बाद अपने इष्ट मित्रों व सम्बन्धियों के घर मिठाइयाँ भेजते हैं। व्यापारी बन्धु इस दिन अपना नए वर्ष का नया बहीखाता बनाते हैं।

उपसंहार

दीपावली के दिन कुछ लोग जुआ खेलना व शराब पीना अच्छा मानते हैं। यद्यपि इस कारण से अनेक घर बर्बाद हो जाते हैं। एक ओर लक्ष्मी की पूजा करके लोग उससे धन-प्राप्ति की प्रार्थना करते हैं तो दूसरी ओर बहुत से लोग जुआ खेल कर धन हार जाते हैं। फिर भी यह पर्व धनी-निर्धन, राजा-रंक एवं शिक्षित-अशिक्षित सभी के लिए हर्षोल्लास प्रदान करने वाला त्यौहार है।

दिवाली पर निबंध- Long Essay on Diwali in Hindi with Headings (650 words )

भूमिका

भारत वर्ष में अनेक धर्मो, विश्वासों और आस्थावाले लोग रहते हैं। इसलिए यहाँ अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं। भारत में पर्वो की गौरवशाली परंपरा है। सभी लोग अपने-अपने त्यौहार उल्लास और आनंद से मनाते हैं। हिन्दू बहुसंख्यक हैं, इसलिए उनके त्यौहार भी अधिक हैं। कुछ त्यौहार क्षेत्रीय हैं और कुछ राष्ट्रीय। हिन्दुओं के प्रमुख त्यौहार हैं— दीपावली, विजयदशमी (दुर्गापूजा) रक्षा बन्धन और होली। दीपावली हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है। यह कहना असंगत न होगा कि दीपावली भारत का राष्ट्रीय पर्व है।

परिचय | Dipawali ka arth 

दीपावली मनाने के बारे में एक कहानी प्रचलित है। कहते हैं कि इसी दिन श्री रामचन्द्र जी लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे थे। इस खुशी में अयोध्या-वासियों ने घर-घर दीप जलाए थे और आनंद मनाया था। तभी से यह त्यौहार पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

Dipawali ka Itihas

दीपावली पर्वो का समूह है। यह शरद ऋतु में मनाई जाती है। दीपावली का त्यौहार कार्तिक कृष्ण पक्ष 13 से लेकर कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तक अर्थात 5 दिनों तक मनाया जाता है। इस त्यौहार का पहला दिन ‘धन तेरस’ कहलाता है। इस दिन लोग नए-नए बर्तन खरीदते हैं। घर-घर में यमराज की पूजा होती हैं और दीप जलाकर घर के द्वार पर रखा जाता है। चतुर्दशी का दिन ‘नरक चौदस’ कहलाता है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर अत्याचारी राजा हिरण्य कश्यप का वध किया था और भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी। एक अन्य घटना के अनुसार इसी दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर को मारा था। इस दिन घरों की सफाई की जाती है। मुख्य पर्व कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है। उस दिन शाम को लक्ष्मी जी का पूजन किया जाता है और घर-घर दीप जलाये जाते हैं। बच्चे फुलझड़ियाँ और पटाखे छोड़ते हैं। लोग स्वादिष्ट भोजन करते हैं। बच्चे प्रेम से मिठाइयाँ खाते हैं। चौथा दिन ‘गोवर्द्धन पूजन’ का होता है। इसी दिन श्रीकृष्ण ने गोवर्द्धन पर्वत उठाकर इन्द्र के कोप से गोकुल के लोगों की रक्षा की थी। दीपावली का पाँचवाँ दिन ‘भैया दूज’ या ‘यम द्वितीया’ के नाम से प्रसिद्ध है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं और मिठाइयाँ खिलाती हैं। कहा जाता है कि इस दिन यमुना नदी में स्नान करने से यमराज के चक्कर से बचा जा सकता है।

पर्व की विशेषता | Dipawali parv ka mahatva 

यह पर्व वर्षा समाप्त होने के बाद आता है। बरसात के कारण अनेक मकान टूट-फूट जाते हैं इनकी लोग मरम्मत करते हैं। महीनों पहले से घरों की लिपाई-पुताई और सफाई होने लगती है। सभी घर तरह-तरह से सजाए जाते हैं। बाजारों को साफ-सुथरा करके सजाया जाता है। रंग-बिरंगे फूल-पत्तियों और बल्बों से शहर वाले अपने मकानों, दुकानों और गलियों को सुसज्जित करते हैं। हर ओर प्रसन्नता और आपसी वैर-भाव भूलकर प्रेमपूर्वक लोग एक दूसरे से मिलते हैं और शुभकामनाएँ देते हैं। सभी के मन और हृदय शुद्ध और स्वच्छ हो जाते हैं। सफाई से रोग फैलाने वाले कीड़ों-पतंगों का नाश हो जाता है। आतिशबाजी और पटाखों की गंध और धुएँ से कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।

पर्व के दुरुपयोग से हानियाँ

वह लोग जो जोश में आकर अपनी हैसियत से अधिक खर्च कर देते हैं, वे कर्ज से लद जाते हैं। वे वर्ष भर कष्ट पाते हैं। कई लोग दीपावली पर जुआ खेलना आवश्यक समझते हैं। जुआ खेलने से धन-दौलत हार जाते हैं। इससे उन्हें बहुत आर्थिक हानि हो जाती है, जिससे उनका जीवन दुःखी हो जाता है। कतिपय लोग इस अवसर पर नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं, जो उनके लिए हानिप्रद होता है। लापरवाही से आतिशबाजी छोड़ने से कभी-कभी आग लग जाती है, जिससे जन-धन का बहुत नुकसान होता है।

दीपावली आनंद का पर्व है। इसे प्रेम पूर्वक और सावधानी से मनाना चाहिए। साज-सज्जा, आतिशबाजी आदि पर व्यर्थ पैसे खर्च करना बुरा है। जुआ खेलने तथा दूसरे दुर्व्यसनों से बचना चाहिए। आतिशबाजी छोड़ते समय सावधानी बरतनी चाहिए जिससे दुर्घटनाएँ न हों। यह त्यौहार हमें अंधकार पर प्रकाश की विजय का संदेश देता है। इसलिए हमें ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जो हमारे लिए हानिप्रद हो।

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इस लेख के माध्यम से हमने Diwali Par Nibandh | Diwali Essay in Hindi का वर्णन किया है और आप यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi 2023): दीपावली पर निबंध हिंदी में 

Diwali essay in hindi : हैप्पी दिवाली यहां देखें दिवाली पर हिंदी निबंध और बच्चों के लिए छोटे-छोटे पैराग्राफ, दीपावली त्यौहार पर आसान 10 लाइन्स और 150 शब्दों में दिवाली निबंध। सभी निबंध pdf रूप में free डाउनलोड करें।.

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दिवाली 2023 की हिंदी शुभकामनाएं: Diwali 2023 Wishes in Hindi

  • शुभ दीपावली! दीपों की रोशनी से दिल में उजाला हो।

दिवाली पर हिंदी निबंध: Hindi Essay on Diwali 2023

Diwali essay in hindi in10 lines.

लाइन 1: दिवाली, दीवाली या दीपावली को 'रोशनी का त्योहार' भी कहा जाता है।

लाइन 2: कई भारतीय संस्कृतियों के लिए दिवाली का त्यौहार ही नए साल की शुरुआत का प्रतीक है।

लाइन 3: दिवाली बुराई पर अच्छाई के डेट का प्रतिक है क्यूंकि इसी दिन भगवान् राम रावण को हराने के बाद 14 साल का वनवास पूरा कर अयोध्या वापस लौटे थे।

लाइन 4: इस दिन अयोध्यावासियों ने अपने श्री राम के लौटने की ख़ुशी में अपने घरों और पूरे शहर को दीयों से सजाया था लोग दीये जलाते हैं.  

लाइन 5: दिवाली पर लोग अपने घरों को साफ करते हैं,  फूलों से सजाते हैं, रंगोली बनाते हैं, दीये जलाते हैं और पूरे घर को रौशनी से भर देते हैं।

लाइन 6: पड़ोसी, दोस्त, रिश्तेदार एक-दूसरे से प्यार से मिलते हैं और उपहार एवं मिठाइयाँ लेते - देते हैं।

लाइन 7: दीवाली की रात देवी लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है।

लाइन 8: दिवाली पांच दिनों का त्योहार है।

लाइन 9: दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है।

हिंदी दिवाली निबंध - Diwali Essay in Hindi in 200 words

दिवाली एक हिंदू त्योहार है जिसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है।आमतौर पर दिवाली अक्टूबर या नवंबर में आता है. इस दिन इस दिन श्री राम लंकापति रावण को हराने के बाद अपनी नगरी - अयोध्या - लौटे थे.  भगवान राम की अयोध्या वापसी राई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

दीपावली पांच दिवसीय त्यौहार है. दिवाली त्यौहार में के दौरान, घरों को साफ किया जाता है और घर के हर कोने को दीपक, फूलों और रंगीन रंगोलियों से सजाया जाता है। लोग उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। दिवाली की रात यानि इस पूरे त्यौहार के मुख्या शाम को लोग धन और समृद्धि के देवी-देवता, लक्ष्मी मान और भगवान गणेश की विशेष पूजा करते है।

दिवाली 2023 

दिवाली का महत्त्व, दिवाली के पांच दिन: about all 5 days of diwali.


दिवाली पांच-दिवसीय उत्सव है। 

पहले दिन के उत्सव को धनतेरस कहा जाता है। यह दिन नई चीजें, खासकर सोना और चांदी खरीदने के लिए यह एक शुभ दिन माना जाता है। 

दूसरा दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने का दिन है क्योंकि इस दिन बुरी आत्माओं को दूर रखने के लिए विशेष अनुष्ठान किये जाते हैं। 

दिवाली, यानि के तीसरे दिन, रावण को हराने के बाद भगवान राम की अपने राज्य अयोध्या में वापसी का जश्न है। इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवन गणेश की भी पूजा की जाती है। 

दिवाली का चौथा दिन गोवर्धन पूजा है। मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाया था। 

हम दिवाली क्यों मनाते हैं?

दिवाली पर लंबा निबंध - long essay on diwali in hindi, प्रदूषण मुक्त और पर्यावरण-अनुकूल दीपावली .

दीपावली भारत में मनाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय और शुभ त्योहारों में से एक है। इसे रोशनी के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है, यह बुराई पर अच्छाई की, अज्ञान पर ज्ञान की और निराशा पर आशा की जीत का प्रतीक है। दिवाली हिंदू कैलेंडर में कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाई जाती है, जो आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर में आती है।

दिवाली संस्कृत के शब्द दीपावली से बना है, जिसका अर्थ है "दीपकों की पंक्ति।" यह त्यौहार नए हिंदू वर्ष की शुरुआत का भी प्रतीक है। इस पर्व को घर के चारों ओर दीये और मोमबत्तियाँ जलाकर मनाया जाता है। यह अंधकार पर प्रकाश की विजय और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। दिवाली दुनिया भर के हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह बुराई पर अच्छाई की, अज्ञान पर ज्ञान की और निराशा पर आशा की जीत का जश्न मनाने का समय है। 

दीपावली मानाने के पीछे कई कथन हैं. रावण को हराने के बाद भगवान राम के अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में दिवाली मनाई जाती है। श्री राम को 14 साल के लिए अयोध्या से वनवास दिया गया था और उनकी वापसी को बहुत खुशी और उत्सव के साथ मनाया गया था। अयोध्या के लोगों ने उनके वापस स्वागत के लिए दीये जलाए और अपने घरों को सजाया। दिवाली मनाने का एक अन्य कारण धन और समृद्धि की हिंदू देवी लक्ष्मी का सम्मान करना है। लोग धन और सौभाग्य का आशीर्वाद पाने के लिए दिवाली की रात लक्ष्मी पूजा करते हैं।

दिवाली पूरे भारत में बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाई जाती है। लोग इस त्योहार की तैयारी हफ्तों पहले से ही शुरू कर देते हैं। वे अपने घरों को साफ करते हैं, उन्हें रोशनी और रंगोलियों से सजाते हैं और नए कपड़े खरीदते हैं। दिवाली की रात, लोग अपने घरों और कार्यालयों के चारों ओर दीये और मोमबत्तियाँ जलाते हैं। वे धन और सौभाग्य का आशीर्वाद पाने के लिए लक्ष्मी पूजा भी करते हैं। पूजा के बाद, लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। लोग स्वादिष्ट भोजन और मिठाइयाँ बनाते हैं और उन्हें अपने प्रियजनों के साथ बाँटते हैं।

दिवाली परिवारों और दोस्तों के एक साथ आने और जश्न मनाने का समय है। लोग अपने घरों को साफ करते हैं और सजाते हैं, नए कपड़े खरीदते हैं और स्वादिष्ट भोजन तैयार करते हैं। दिवाली की रात, लोग दीये जलाने, लक्ष्मी पूजा करने और उपहारों का आदान-प्रदान करने के लिए इकट्ठा होते हैं। दिवाली परिवारों और दोस्तों के एक साथ आने और जश्न मनाने का समय है। यह सभी गिले-शिकवे भूल कर नई शुरुआत करने का समय है। दिवाली आनंद और खुशियाँ फैलाने का भी समय है। दिवाली के अवसर पर समृद्ध घर-परिवार के लोग दान देते हैं और जरूरतमंदों की मदद करते हैं। 

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दिवाली पर निबंध | Diwali Essay in Hindi : दीपावली का निबंध हिंदी में यहां से पढ़ें

diwali essay in hindi with headings

दिवाली हमारे भारत देश का सबसे बड़ा त्यौहार है। इसे हम दीपावली के नाम से भी जानते हैं। इस दिन हर तरफ ख़ुशी का माहौल होता है, लोग रंग-बिरंगी लाइटों से अपने-अपने घरों को सजाते हैं और बच्चे-युवा लोग मिलकर घरों के बाहर पटाखे छुड़ाते हैं। दिवाली सिर्फ देश का ही नहीं अपितु भारत के बाहर रहने वाले भारतीय और अन्य लोगों के लिए भी एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। वे लोग भी दिवाली को बहुत धूम-धाम से मानते हैं। दीपावली के मौके पर स्कूलों-कॉलेजों में अवकाश रहता है। स्कूलों-कॉलेजों में निबंध लेखन किया जाता है तो कहीं-कहीं प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। अतः बहुत से छात्र-छात्राएं इंटरनेट पर दिवाली पर निबंध हिंदी में खोजते हैं। हम अपने ऐसे ही पाठकों के लिए यह आर्टिकल लेकर आये हैं जहाँ आप दिवाली के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। जैसे कि दिवाली का त्यौहार कैसा होता है, दिवाली का महत्व क्या है, दीपावली क्यों मनाते है, दीपावली मनाने का कारण क्या है, दीपावली का अर्थ क्या है, दिवाली पर निबंध शार्ट में या 10 लाइन में आदि। स्कूलों के अलावा भी अन्य बहुत से क्षेत्रों के लोग भी दिवाली पर निबंध हिंदी में खोजते हैं अतः इसके बारे में और अधिक विस्तृत जानकारी के लिए यह अर्टिकल पूरा पढ़ें।

दिवाली पर निबंध | Diwali Essay in Hindi

दिवाली का त्यौहार हर किसी के लिए खुशियां लेकर आता है, फिर चाहे वो बड़ा हो या बच्चा। हर कोई इस त्यौहार को बड़ी ही धूम धाम से मनाता है। साथ ही स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि में भी दीवाली का त्यौहार बहुत ही उल्लास के साथ मनाया है। ये त्यौहार साल में एक बार आता है जो कि अक्टूबर या नवम्बर की माह में होता है। दीवाली आते ही लोग अपने घर की साफ-सफाई भी करते है। नए कपड़े पहनते है, मिठाई खाते हैं, दीप जलाते है, पटाखे जलाते हैं, लक्ष्मी-गणेश भगवान की पूजा करते हैं। दीवाली के त्यौहार के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप नीचे दिए गए निबंध पढ़ सकते हैं।

दीपावली का निबंध (400-500 Words)

दिवाली के इस विशेष त्योहार के लिए हिंदू धर्म के लोग बहुत उत्सुकता से इंतजार करते हैं। यह बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए हर किसी का सबसे महत्वपूर्ण और पसंदीदा त्यौहार है। दीवाली भारत का सबसे महत्वपूर्ण और मशहूर त्यौहार है। जो पूरे देश में साथ-साथ हर साल मनाया जाता है। रावण को पराजित करने के बाद, 14 साल के निर्वासन के लंबे समय के बाद भगवान राम अपने राज्य अयोध्या में लौटे थे। लोग आज भी इस दिन को बहुत उत्साहजनक तरीके से मनाते हैं। भगवान राम के लौटने वाले दिन, अयोध्या के लोगों ने अपने घरों और मार्गों को बड़े उत्साह के साथ अपने भगवान का स्वागत करने के लिए प्रकाशित किया था। यह एक पवित्र हिंदू त्यौहार है जो बुरेपन पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह सिखों द्वारा भी मुगल सम्राट जहांगीर द्वारा ग्वालियर जेल से अपने 6 वें गुरु, श्री हरगोबिंद जी की रिहाई मनाने के लिए मनाया जाता है।

इस दिन बाजारों को एक दुल्हन की तरह रोशनी से सजाया जाता है ताकि वह इससे एक अद्भुत त्यौहार दिख सके। इस दिन बाजार बड़ी भीड़ से भरा होता है, विशेष रूप से मीठाई की दुकानें। बच्चों को बाजार से नए कपड़े, पटाखे, मिठाई, उपहार, मोमबत्तियां और खिलौने मिलते हैं। लोग अपने घरों को साफ करते हैं और त्योहार के कुछ दिन पहले रोशनी से सजाते हैं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार सूर्यास्त के बाद लोग देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। वे अधिक आशीर्वाद, स्वास्थ्य, धन और उज्जवल भविष्य पाने के लिए भगवान और देवी से प्रार्थना करते हैं। वे दिवाली त्यौहार के सभी पांच दिनों में खाद्य पदार्थों और मिठाई के स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं। लोग इस दिन पासा, कार्ड गेम और कई अन्य प्रकार के खेल खेलते हैं। वे अच्छी गतिविधियों के करीब आते हैं और बुरी आदतों को दूर करते हैं।

पहले दिन धनतेरस या धन्त्ररावदाशी के रूप में जाना जाता है जिसे देवी लक्ष्मी की पूजा करके मनाया जाता है। लोग देवी को खुश करने के लिए आरती, भक्ति गीत और मंत्र गाते हैं। दूसरे दिन नरका चतुर्दशी या छोटी दिवाली के रूप में जाना जाता है जिसे भगवान कृष्ण की पूजा करके मनाया जाता है क्योंकि उन्होंने राक्षस राजा नारकसुर को मार डाला था।  तीसरे दिन मुख्य दिवाली दिवस के रूप में जाना जाता है जिसे शाम को रिश्तेदारों, दोस्तों, पड़ोसियों और जलती हुई फायर क्रैकर्स के बीच मिठाई और उपहार वितरित करते हुए देवी लक्ष्मी की पूजा करके मनाया जाता है। चौथे दिन भगवान कृष्ण की पूजा करके गोवर्धन पूजा के रूप में जाना जाता है। लोग अपने दरवाजे पर पूजा करकेगोबर के गोवर्धन बनाते हैं। पांचवें दिन यम द्वितिया या भाई दौज के रूप में जाना जाता है जिसे भाइयों और बहनों द्वारा मनाया जाता है। बहनों ने अपने भाइयों को भाई दौज के त्यौहार का जश्न मनाने के लिए आमंत्रित करती हैं।

Essay on Diwali for Students in English

  • Diwali Essay in 100 Words
  • Diwali Essay in 200 Words
  • Diwali Essay in 500 Words

दिपावली का निबंध (200-300 Words) शॉर्ट निबंध

दिपावली का त्यौहार भारत में और अन्य कई देशों में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। दीपावली को दीप का त्यौहार भी कहा जाता है। दिवाली का त्यौहार भारत के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। जिसे भारत में बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान श्री राम ने रावण को पराजित करके और अपना 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे। श्री राम भगवान की आने की खुशी वहां के सभी लोगों ने दिये जलाए थे। तब से लेकर अब तक हर वर्ष इस दिन को दीवाली के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। लोग आज भी इस दिन को उतने की खुशी से मनाते हैं। ये त्यौहार बच्चा, बूढें, बड़े हर कोई बहुत ही अच्छे से मनाता है। यहां तक कि स्कूल, कॉलेज और दफ्तरों में भी दीवाली को त्यौहार को बहुत धूम धाम से मनाया जाता है। इन दिन लोग एक दूसरे को दीवाली की बधाई देते हैं और बहुत से उपहार भी तोहफे के रूप में देते हैं।

दिवाली का त्यौहार हर साल अक्टूबर या नवम्बर माह में मनाया जाता है। दीवाली आने से कुछ दिन पहले ही लोग इस त्यौहार को मनाने की तैयारी में लग जाते हैं। दीवाली के दिन लोग अपनी दुकानें, अपना घर, स्कूल, दफ्तर आदि को दुल्हन की तरह सजाते हैं। सभी लोग नए कपड़े खरीदते हैं, इस दिन घर और दुकानों की भी अच्छे से सफाई की जाती है। दीवाली की रात पूरा भारत जगमगाता है। रंग बिरंगी लाइटें, दिए, मोमबत्ती आदि से पूरे भारत को सजाया जाता है। दीवाली की शाम भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। पूजा करने के बाद सभी लोग अपने पड़ोसियों और अपने रिश्तेदारों को प्रसाद, मिठाई, गिफ्ट आदि देते हैं। इस दिन लोग पटाखे, बम, फुलजड़ी आदि भी जलाते हैं। दीवाली के त्यौहार को बुरे पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। भारत की नहीं बल्कि और भी कई देशों में दीवाली का त्यौहार बहुत की धूम धाम से मनाया जाता है।

दिपावली पर 10 लाइनें

  • दिवाली का त्यौहार हिंदूओ के प्रमुख त्यौहारों में से एक है।
  • दिपावली को दीप का त्यौहार भी कहा जाता है।
  • दिवाली इसलिए मनायी जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।
  • भगवान श्री राम के वापिस अयोध्या लौटने की खुशी में वहां के लोगों ने इस दिन को दीवाली के रूप में मनाया।
  • दिवाली का त्यौहार हर साल अक्टूबर या नवम्बर माह में आता है।
  • इस दिन पूरे भारत को दुल्हन की तरह सजाया जाता है।
  • दीवाली की शाम भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • इन दिन सभी लोग अपने घरों, दुकानों, दफ्तरों आदि में दीप जलाते हैं।
  • दीवाली के दिन सभी लोग अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों को मिठाई, गिफ्ट आदि देते हैं।
  • इन दिन बहुत से लोग पटाखे, फुलझड़ी, बम आदि भी जलाते हैं।

दिवाली लेखन हिंदी में

  • दिवाली – लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त, समय, तिथि, दिवाली का महत्व आदि
  • दिवाली महत्वपूर्ण क्यों है
  • दीपावली का निबंध हिंदी में यहां से पढ़ें
  • दिवाली की कविताएं और शुभ दीपावली शायरी
  • दिवाली स्लोगन और दिवाली कोट्स
  • दिवाली पर शुभकामनाएँ, बधाई, मैसेज
  • पटाखे बिना दिवाली मनाने के तरीके

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  • दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi): हिंदी में दीपावली पर निबंध कक्षा 1 से 8 तक के लिए 200 से 500 शब्दों में यहां देखें

Updated On: September 19, 2024 12:01 pm IST

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi)

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - शुभ मुहूर्त

  • दीपदान: लोग अपने घरों, मंदिरों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर दीपक जलाते हैं।
  • पटाखे चलाना: लोग आतिशबाजी और पटाखे चलाते हैं।
  • भाई दूज: बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उन्हें उपहार देती हैं।
  • छोटी दिवाली: यह दीपावली से एक दिन पहले मनाई जाती है। इस दिन, लोग लक्ष्मी पूजन करते हैं।

दिवाली पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Diwali in Hindi in 200 words)

दिवाली पर हिंदी में निबंध 500 शब्दों में (Essay on Diwali in Hindi in 500 Words) - प्रस्तावना

Paragraph on Diwali in Hindi

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi)

दिवाली पर निबंध हिंदी में (essay on diwali in hindi) - उपसंहार.

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दिवाली पर हिंदी में निबंध 10 लाइन (Essay on Diwali in Hindi in 10 Lines)

  • दिवाली या दीपावली एक भारतीय धार्मिक त्योहार है।
  • यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतिक है.
  • दुनिया भर में लोग अलग-अलग कारणों और अवसरों पर दिवाली मनाते हैं।
  • दीये, मोमबत्तियाँ जलाना और पटाखे फोड़ना दिवाली उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • दिवाली या शुभ दीपावली न केवल हिंदू समुदाय के बीच बल्कि अन्य धर्मों के लोगों द्वारा भी मनाई जाती है।
  • दिवाली आमतौर पर पांच दिवसीय त्योहार है और इस दौरान भारत में हर साल सोने और नए कपड़ों की बिक्री आसमान छूती है।
  • हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली कार्तिक माह के 15वें दिन मनाई जाती है।
  • अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर महीने में मनाया जाता है।
  • आमतौर पर, दिवाली उत्सव के रूप में स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों के लिए 3 से 4 दिनों की छुट्टियों की घोषणा की जाती है।
  • इस अवसर पर देश भर से परिवार और मित्र एकत्रित होते हैं और आनंदमय समय एक साथ बिताते हैं।

diwali ke bare mein

हिंदी में दीपावली निबंध (Deepavali Essay in Hindi) - दिवाली के साथ मनाए जाने वाले अन्य त्यौहार

  • दिवाली लगभग 5 दिनों का त्यौहार है, दिवाली से एक दिन पहले लोग धातु की वस्तुएं (सोना, चांदी, पीतल आदि) की खरीदारी करके धनतेरस का त्यौहार मनाते हैं।
  • दिवाली के अगले दिन को लोग छोटी दीपावली के रूप में भी मनाते हैं।
  • दीपावली के तीसरे दिन देवी महालक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • इसके बाद, दीपावली से ठीक चौथे दिन पर गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने इंद्रदेव के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया था।
  • दीपावली के पांचवे दिन आखिरी पर्व को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है।

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दिवाली का पूरा कैलेंडर यहां दिया गया है- 

शुभ दीपावली का उत्सव कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है और ज्योतिष शाश्त्र के अनुसार इस वर्ष दिवाली 1 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा। 

दीपावली को लेकर कई किस्से हैं लेकिन, हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान राम, रावण को मारकर और 14 वर्षों का वनवास काटकर अयोध्या नगरी वापस लौटे थे, उनके आने की खुशी में अयोध्या वासियों ने घी के दीप जलाए व जश्न मनाया था और तब से भारत में दिवाली की शुरुआत हुई।

दिवाली को दीपावली भी कहा जाता है और इसके पीछे कारण यह है कि दीपावली संस्कृत शब्द से लिया गया है, जिसका का अर्थ होता है- दीप + आवलिः (कतार में रखे हुए दिप)।

प्राचीनकाल में दिवाली को दीपोत्सव के नाम से जाना जाता था, जिसका अर्थ है दीपों का उत्सव होता है। 

प्राचीन काल से दिवाली को विक्रम संवत के कार्तिक माह में मनाया जा रहा है। पद्म पुराण और स्कन्द पुराण में दिवाली का उल्लेख मिलता है। दिये को स्कन्द पुराण में सूर्य के हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाला माना गया है, जो जीवन के लिए प्रकाश और ऊर्जा का लौकिक दाता भी है।

उत्तर भारत में लोग मिट्टी के दीयों को जलाकर रावण को हराने के बाद श्री राम की अयोध्या वापसी का जश्न मनाते हैं, जबकि दक्षिणी भारत इसे उस दिन के रूप में मनाता है जब भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को हराया था।

दिवाली पर निबंध हिंदी में लिखकर नमूना के साथ यहां विस्तार में बताया गया है। इच्छुक इस लेख में दिए गए बिंदुओं से अपने लिए बेहतरीन हिंदी में दीपावली पर निबंध तैयार कर सकते हैं। 

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Dear Student,

Vishva Bharti College of Education, Yamunagar ka D.El.Ed course ka form nikal chuka hai, aap official website pe jaakar apply kar sakte hai. Apply karne ki last date abhi nahi release hui hai lekin aapko jaldi se jaldi apply kar dena chahaiye taaki last days mein koi problem na ho. Apply karne ke liye aapko application form mein apne documents upload karne hongey jo ki valid hone chahiye nahi toh application reject ho sakti hai. Saare documents prescribed format mein upload hone chahiye. Aapko har entered detail ache se check karni hai kyunki baad mein koi changes allowed …

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10+ दिवाली पर निबंध – Essay on Diwali in Hindi 2023

Essay on Diwali in Hindi  : दोस्तो आज हमने दिवाली पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है। इस निबंध के माध्यम से हमने भारतवर्ष में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार Diwali के बारे में जानकारी दी है कि यह कब मनाया जाता है और क्यों मनाया जाता है।

दिवाली का त्यौहार पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है इस त्यौहार को सभी धर्मों ने स्वीकारा है और खूब उत्साह है और हर्षोल्लास से हर वर्ष इस त्योहार को मनाते है।

दिवाली के इस निबंध को हमने अलग अलग शब्द सीमा मी लिखा है जिससे सभी विद्यार्थियों को निबंध लिखने में आसानी हो। आप दिवाली पर कविता भी पढ़ सकते है

essay on diwali in hindi

Get Some Best Essay on Diwali in hindi for students 100, 200, 500, 2000 words।

10 Line Essay on Diwali in Hindi For Class 2,3,4

(1) भारत में हिंदू धर्म के लोगों द्वारा बनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली है।

(2) प्रत्येक वर्ष दीपावली अमावस्या के दिन सितंबर से अक्टूबर माह के मध्य में मनायी जाती है।

(3) भगवान श्री राम के 14 वर्ष के वनवास काटने के बाद अयोध्या लौटने पर उनके स्वागत में यह त्योहार मनाया जाता है।

(4) यह त्यौहार पांच दिनों तक चलता है जिसमें धनतेरस गोवर्धन पूजा भैया दूज इत्यादि उत्सव शामिल होते है।

यह भी पढ़ें –  दिवाली की शुभकामनाएं – Diwali ki Shubhkamnaye

(5) इन दिन सभी लोगों सभी लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते है रंग-बिरंगे फूलों और लाइटों से घर को सजाते है।

(6) दिवाली के दिन संध्या के समय भगवान श्री गणेश, महालक्ष्मी और मां सरस्वती की पूजा की जाती है।

(7) दीपावली किस दिन को प्रकाश पर्व भी कहा जाता है क्योंकि इसमें सभी लोग अपने घरों में दीपक जलाते है जिससे चारों तरफ रोशनी ही रोशनी फैल जाती है।

(8) यह भारत देश का सबसे बड़ा त्यौहार है इसलिए इस उपलक्ष में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है।

(9) यह त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है सभी लोग नये कपड़े पहनते है बच्चे पटाखे छुड़ाते है और बड़े लोग एक दूसरे को गले लगाकर दिवाली की बधाइयां देते है।

(10) दिवाली बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में भी मनाया जाता है।

Short Essay on Diwali in Hindi For Class 5,6

भारत एक विशाल देश है जहां पर प्रत्येक दिन कोई ना कोई त्यौहार मनाया जाता है। इनमें सबसे बड़ा त्योहार Diwali को माना जाता है। दिवाली का त्योहार सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में आता है। इस त्यौहार को प्रमुख रूप से हिंदू धर्म के लोगों द्वारा खूब धूमधाम से मनाया जाता है।

इस त्योहार को मनाने के लिए लोग महीने भर पहले से ही तैयारियां करनी चालू कर देते है। सभी लोग अपने घरों दुकानों और अपने आसपास के क्षेत्र की सफाई करते है और अपने घरों को रंग बिरंगे रंगों से रंगते है।

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दीपावली के त्योहार को मनाने की प्रमुख वजह यह है कि इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौट कर आए थे और वहां की निवासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक जलाए थे जिसके कारण पूरा अयोध्या रोशनी से चमक उठा था।

इसीलिए दीपावली के दिन घोर अंधेरे को पराजित करने के लिए दीपक जलाए जाते है। दीपावली के दिन प्रमुख रूप से मां लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है साथ ही भगवान गणेश और मां सरस्वती की भी पूजा की जाती है।

दीपावली के दिन पूरा भारत रोशनी से जगमग हो उठता है चारों ओर खुशहाली ही खुशहाली छाई रहती है।

Diwali Par Nibandh in Hindi for Class 7, 8,9

भूमिका –

भारत विभिन्न, परंपराओं, संस्कृतियों, विचारों, भाषाओं एवं धर्मों वाला देश है यहां पर प्रत्येक धर्म का त्यौहार सभी लोग खूब धूमधाम से मनाते है। दिवाली का त्यौहार हिंदू धर्म के लोगों का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है और यह पूरे देश में मनाया जाता है।

दिवाली का त्यौहार दशहरे के 21 दिन बाद सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में अमावस्या के दिन मनाया जाता है। दिवाली का त्यौहार वर्षा ऋतु के समाप्त होने और शरद ऋतु की प्रारंभ होने का संकेत होता है दीपावली के त्योहार पर मौसम गुलाबी ठंड के लिए भी रहता है जिससे चारों और खुशहाली का मौसम बनता है।

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दिवाली त्यौहार की पौराणिक मान्यता –

इस त्योहार को सिख, बौद्ध और जैन धर्म के लोग भी मनाते है जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते है क्योंकि इसी दिन जैन धर्म के भगवान महावीर ने मोक्ष की प्राप्ति की थी तथा सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है क्योंकि इसी दिन सिख समुदाय के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था।

दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी को धन-धान्य एवं सुख संपदा की देवी माना जाता है और साथ में भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा भी की जाती है।

दिवाली का त्यौहार आने से पहले ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई और रंगाई पुताई का काम प्रारंभ कर देते है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार Diwali के दिन महालक्ष्मी सभी साफ-सुथरे एवं स्वच्छ घरों में आती है और अपने साथ सुख समृद्धि भी लेकर आती है इसीलिए महालक्ष्मी की पूजा के समय सभी लोग अपने घर के दरवाजे खुले छोड़ देते है।

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दिवाली का आयोजन – 

यह त्यौहार 5 दिनों तक की लंबी अवधि तक चलने वाला त्यौहार है। पहले दिन लोग धनतेरस के रूप में मनाते हैं इस दिन में बाजार से कुछ वस्तुएं खरीद के लाते है दीपावली का दूसरा दिन नारक चतुर्दशी या छोटी दिपावली के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध करके बुराई पर अच्छाई की जीत का परचम लहराया था।

इस त्यौहार का तीसरा दिन बहुत प्रमुख होता है क्योंकि इसी दिन दीपावली का ऐतिहासिक पर्व मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या में पधारे थे इसलिए अयोध्या वासियों ने अपने भगवान राम को खुश करने के लिए उनके स्वागत में सभी जगह फूलों की बरसात कर दी और जी के दीपक जला दिए।

इसीलिए दिवाली के दिन भी दीपक जलाए जाते है वर्तमान में दीपक की जगह मोमबत्तियां और चाइनीज लाइटों ने ले ली है। दिवाली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है माना जाता है कि इसी दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर भगवान इंद्र के क्रोध से हुई भारी वर्षा से बचाया था।

दिवाली का अंतिम दिन भैया दूज के रूप में मनाया जाता है इस दिन सभी भाई बहन एक दूसरे से मिलते है।

उपसंहार –

Diwali के इस पर्व के उपलक्ष में सभी लोग नए कपड़े पहनते है और अपने रिश्तेदारों को मिलते है जिससे समाज में सदभावना उत्पन्न होती है यह त्यौहार धार्मिक परंपरा के साथ साथ सामाजिक भावनाओं के साथ भी जुड़ा हुआ है।

Essay on Diwali in Hindi for Class 10,11,12

प्रस्तावना –.

दीपावली का त्यौहार खुशियों और सुख-समृद्धि का त्यौहार है। यह पांच दिवसीय हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार है। दिवाली के त्यौहार को भारत के प्रत्येक राज्य में मनाया जाता है। इस दिन अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी पूरा भारत रोशनी से जगमगाया हुआ होता है।

Diwali का त्यौहार असत्य पर सत्य की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। इस त्यौहार को सिर्फ हमारे देश में ही ही ही विदेशों में भी मनाया जाता है इससे इसकी प्रमुखता का पता लगाया जा सकता है। केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है बल्कि इसका सामाजिक, आध्यात्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और आर्थिक महत्व भी है।

दिवाली के त्यौहार को हिंदू धर्म के लोगों के साथ साथ वर्तमान में अन्य लोगों द्वारा भी बहुत ही धूमधाम है और हर्षोल्लास से मनाया जाता है। दिवाली के दिन सभी लोग अपने दुख दर्द भुला कर खुशी से इस त्योहार को मनाते है।

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वर्ष 2022 में दीपावली कब है – Diwali Kab Hai

इस वर्ष दीपावली का त्यौहार 24 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा । दिवाली के इस पवित्र पर्व को हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण अमावस्या के दिन मनाया जाएगा।

दिवाली त्योहार का इतिहास – History of Diwali in hindi

दीपावली का त्यौहार भारत में प्राचीन समय से ही मनाया जाता रहा है इस त्यौहार का इतिहास अलग-अलग राज्यों के लोग भिन्न-भिन्न मानते है लेकिन अधिकतर लोगों का मानना है कि जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे तब अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक प्रज्वलित किए थे और साथ ही अयोध्या के हर रास्ते को सुनहरे फूलों से सजा दिया गया था।

जिस दिन भगवान राम अयोध्या लौट कर आए थे उस दिन अमावस्या की काली रात थी जिसके कारण वहां पर कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था इसलिए अयोध्या वासियों ने वहां पर दीपक जलाए थे इसलिए इस दिन को अंधकार पर प्रकाश की विजय भी माना जाता है।

और यह सच भी है क्योंकि इस दिन पूरा भारत अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी दीपको की रोशनी से जगमगाता रहता है। जैन धर्म के लोग दीपावली के त्यौहार को इसलिए मनाते हैं क्योंकि इस दिन चौबीसवें तीर्थंकर, महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी और संयोगवश इसी दिन उनके शिष्य गौतम को ज्ञान प्राप्त हुआ था।

सिख धर्म के लोग भी इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं वे लोग त्यौहार को इसलिए मनाते है क्योंकि इसी दिन ही अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था साथ ही सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को भी इसी दिन जेल से रिहा किया गया था

दिवाली त्योहार की तैयारी –

Deepavali के त्यौहार की तैयारियां भारत में महीने भर पहले ही प्रारंभ कर दी जाती है क्योंकि भारत में ज्यादातर है हिंदू धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं इसलिए यह त्यौहार उनका सबसे बड़ा त्यौहार होता है। इस त्यौहार की तैयारियों को लेकर लोग इतने उत्सुक रहते हैं कि वह महीना भर पहले ही अपने घर और प्रतिष्ठानों की साफ सफाई करने लग जाते है।

हिंदू धर्म के लोगों का मानना है कि अगर घर में साफ सफाई होगी तो मां लक्ष्मी उनके घर पर आएगी और साथ में सुख समृद्धि भी लेकर आएगी।

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आजकल लोग Diwali के कुछ दिन पहले ही घरों की रंगाई पुताई करवाते हैं साथ ही रंग बिरंगी लाइट ओं और फूलों द्वारा अपने घर और प्रतिष्ठान को सजाते है। बाजारों में इस त्यौहार के पहले एक अलग ही रौनक आ जाती है बाजार भीड़ से खचाखच भरे रहते है हर तरफ लोग खरीदारी करते दिखाई देते है।

दीपावली के त्यौहार को धूमधाम से मनाने के लिए लोग इस दिन के लिए नए कपड़े खरीदते हैं बच्चे खेलने के लिए खिलौने एवं पटाखे खरीदते है। दीपावली का यह त्यौहार 5 दिनों तक चलता है जिस के पहले दिन धनतेरस होती है।

धनतेरस के दिन लोग ज्यादा से ज्यादा खरीदारी करना पसंद करते हैं यह दिल लोग अपने घर कुछ ना कुछ बर्तन जरूर लेकर जाते है साथी लोग इस दिन सोने और चांदी के आभूषण खरीदना भी पसंद करते है। लोगों का मानना है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में बरकत होती है।

दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को मार गिराया था। कुछ लोगों द्वारा इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है इस दिन घर के बाहर 5 दीपक जलाए जाते है। प्राचीन परंपरा के अनुसार इस दिन लोग दीपक का काजल अपनी आंखों में डालते है उनका मानना है कि इसे आंखें खराब नहीं होती है।

तीसरा दिन दीपावली त्यौहार का मुख्य दिन होता है एक दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती है साथ ही विद्या की देवी मां सरस्वती और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन घर में रंगोली बनाई जाती है और तरह-तरह की मिठाइयां बनाई जाती है।

दिवाली के दिन सभी लोग शाम के समय मां लक्ष्मी की पूजा करते है। इस दिन घर को दीपक जलाकर रोशनी से जगमग आ दिया जाता है भारत में इस दिन रात के समय सबसे ज्यादा रोशनी होती है जिसका उदाहरण अंतरिक्ष से ली गई फोटो में आप देख सकते हैं –

india space photo on diwali

दिवाली के चौथे दिन को गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र की क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत अपनी एक अंगुली पर उठा लिया था। इस दिन घर के बाहर महिलाएं गोबर रखकर पारंपरिक पूजा करती है।

दिवाली त्योहार का आखिरी दिन भाई दूज के रूप में मनाया जाता है इस दिन बहन ने भाई को रक्षा सूत्र बनती हैं साथ ही तिलक लगाकर मिठाई खिलाती है और बदले में भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं और उन्हें अच्छा उपहार भी देते है। यह दिन कुछ कुछ रक्षाबंधन त्यौहार की तरह ही होता है।

दीपावली का महत्व – Importance of Diwali in hindi

दीपावली का त्योहार सभी वर्गों के लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है यह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना गया है। सबसे बड़ा त्यौहार होने के कारण सभी की आस्था इस समय से जुड़ी हुई है यह त्यौहार सभी तरह के महत्व अपने अंदर समेटे हुए हैं इसके महत्व का वर्णन हमने नीचे किया है –

आध्यात्मिक महत्व –

दीपावली त्यौहार की आध्यात्मिक महत्व जुड़ा हुआ है यह त्योहार अनेक धार्मिक ऐतिहासिक और कहानियों से मिलकर बना है। इस त्योहार की नीव अच्छाई पर टिकी हुई है इसलिए यह त्योहार जब भी आता है तो सभी लोगों में एक अलग ही खुशी और आस्था होती है।

दीपावली के त्यौहार को हिंदू, जैन, सिख आदि धर्मों द्वारा भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है इन सभी धर्मों में दीपावली के दिन ही ऐसी कोई ना कोई घटना हुई है जिससे अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और निराशा पर आशा बुराई पर अच्छाई की विजय हुई है।

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दीपावली का त्यौहार पूजा पाठ हो रहा अच्छाई से जुड़ा हुआ है इसलिए लोग इस पर्व पर आध्यात्मिकता की ओर बढ़ते है और इससे अच्छे विचारों को उद्गम होता है।

सामाजिक महत्व –

Diwali के त्योहार का सामाजिक महत्व भी बहुत बड़ा है क्योंकि इस त्योहार पर सभी धर्मों के लोग मिलजुलकर त्योहार को मनाते है। इस दिन सभी लोग पूजा करते हैं एक दूसरे से मिलने जाते है जिससे सामाजिक सद्भावना उत्पन्न होती है।

आजकल की भीड़भाड़ जिंदगी में लोगों को एक दूसरे से मिलने का कोई मिलता है इसलिए इस दिन लोग एक दूसरे से स्नेह मिलन के रूप में मिलते हैं साथ में एक दूसरे को मिठाइयां बांटते हैं और गले मिलते हैं जिसे लोगों को एक दूसरे की भावनाओं और धर्मों को समझने में रुचि उत्पन्न होती है।

दीपावली के दिन छोटे बच्चे बड़ों के पैर छूते हैं और बड़े उन्हें आशीर्वाद देते है। इस त्योहार के दिन लोग एक दूसरे के साथ इतना घुल मिल जाते है जैसे कई रंग एक दूसरे में घुल गए हो, इसलिए इस त्योहार का सामाजिक महत्व भी बढ़ जाता है।

आर्थिक महत्व –

दीपावली के त्यौहार पर भारतीय लोग जमकर खरीदारी करते हैं वे अपने घरों में सभी सुख सुविधाओं की चीजें लेकर जाते है। सभी लोग अपने घरों में उपहार, सोने-चांदी के आभूषण, बर्तन, राशन का सामान, कपड़े, मिठाइयां इत्यादि लेकर जाते है। इस पर्व पर लोग वर्ष के सभी दिनों से ज्यादा खरीदारी करते है।

हिंदू धर्म के लोगों का मानना है कि दिन खरीदारी करने से घर में किसी भी वस्तु की कमी नहीं रहती है और इस दिन खरीदारी करने से वह वस्तु फलदाई रहती है। इसलिए बाजारों में इस दिन ज्यादा चहल-पहल और अधिक खरीदारी होती है जिसके कारण लोगों की आमदनी बढ़ जाती है।

दीपावली त्योहार के पीछे सबसे पुराना आर्थिक महत्व इस बात पर जुड़ा हुआ है कि भारत में लगभग सभी फसलें मानसून पर निर्भर करती है इसलिए गर्मियों की फसल इस त्यौहार के पर्व से कुछ दिन पहले ही पक कर तैयार हो जाती है तो किसान इस फसल को काटकर बाजारों में बेचकर आमदनी कमाता है।

चूँकि भारत में अधिकतर लोग खेती करते हैं इसलिए कई दिनों बाद फसल को बेचकर इस चमार पर उन्हें अच्छी आमदनी होती है इसलिए इस बार का आर्थिक महत्व और भी बढ़ जाता है।

ऐतिहासिक महत्व –

दीपावली के त्यौहार के इस दिन बहुत सी ऐतिहासिक घटनाएं घटी है जिसके कारण इस त्योहार का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या में लौटे थे और वे श्रीराम से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम कहलाए थे।

इसी दिन समुंदर मंथन के दौरान मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था जिन्हें धन और सुख-समृद्धि की देवी भी कहा जाता है। स्वामी रामतीर्थ का जन्म व महाप्रयाण दोनों दीपावली के दिन ही हुए थे। दीपावली के पावन अवसर पर आर्य समाज की स्थापना हुई थी।

इसी दिन मुगल समाज के सबसे बड़े बादशाह है अकबर ने दौलत खाने में 40 फीट ऊंचा आकाश दीप जलाकर दीपावली त्यौहार को मनाना शुरू किया था। इस कारण हिंदू और मुसलमान धर्म के लोगों में एक दूसरे के प्रति नफरत खत्म हो गई थी।

1619 में दीवाली के दिन सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था। महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।

विदेशों में दिवाली का त्यौहार – Diwali festival abroad

मलेशिया – दीपावली के पर्व पर मलेशिया में भारत की तरह सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता है। यहां पर सभी धर्मों के लोगों द्वारा मिलकर इस चौहान को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है इस त्यौहार के दिन सभी लोगों द्वारा सभी के लिए भोजन की व्यवस्था की जाती है और पूरे दिन भर लोग अच्छे खाने का आनंद उठाते हैं और एक दूसरे से मिलते है।

दिवाली के इस त्योहार को मलेशिया में सामाजिक सद्भावना के रूप में मनाया जाता है

संयुक्त राज्य अमेरिका –

अमेरिका में भी भारतीय मूल के बहुत से लोग बसे हुए हैं इसलिए वहां पर भी Diwali के त्यौहार को उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। सन 2003 में अमेरिका के व्हाइट हाउस में पहली बार दिवाली का त्यौहार मनाया गया था। उसके बाद से लगभग पूरे अमेरिका ने इस त्योहार को अपना लिया। अमेरिका में 4 लाख भारतीय लोग रहते है।

नेपाल –

हमारे भारत देश का पड़ोसी देश नेपाल एक छोटा सा देश है जहां पर हमारी दीपावली के पर्व के दिन ही नव वर्ष मनाया जाता है। नेपाल में दीपावली को “तिहार” या “स्वन्ति” के रूप में जाना जाता है और वहां पर भी इसे 5 दिनों तक मनाया जाता है इस पर्व पर यहां के लोग दान धर्म करते हैं और पशु पक्षियों को भी खाना खिलाते है।

नेपाल के लोगों का मानना है कि इस दिन दान धर्म करने से पूरा साल अच्छा व्यतीत होता है। भारत का पड़ोसी देश होने के कारण नेपाल में भी भारतीय संस्कृति देखने को मिलती है। यहां पर भी पूरे विधि विधान के साथ मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

सिंगापुर –

सिंगापुर में दीपावली के त्यौहार के उपलक्ष में राजपत्रित अवकाश होता है। यहां पर भारतीय मूल के तमिल समुदाय के लोग रहते हैं जो कि दीपावली के त्यौहार को बड़ी धूम-धाम से मनाते है। दीपावली के त्यौहार पर सिंगापुर के बाजारों में भी रोनक देखने को मिलती है।

यहां पर भी भारतीय बाजारों की तरह ही सजावट की जाती है और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते है। सिंगापुर सरकार द्वारा भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करवाए जाते है।

मॉरीशस –

इस देश की लगभग 44% आबादी भारतीय लोगों की है जिसके कारण यहां पर हिंदू संस्कृति बहुत बड़े पैमाने पर देखने को मिलती है साथ ही यहां पर दीपावली के त्यौहार के दिन सार्वजनिक अवकाश होता है। इस देश में हिंदी भाषा भी बोली जाती है।

श्रीलंका –

श्रीलंका में भी दीपावली के त्यौहार के उपलक्ष में सार्वजनिक अवकाश होता है यहां पर भारतीय मूल के तमिल लोग अधिक मात्रा में रहते हैं जिसके कारण यहां पर भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। यहां पर भी दीपावली को खूब हर्षोल्लास से मनाया जाता है दीपावली के दिन यहां पर महालक्ष्मी की पूजा की जाती है और चारों तरफ मोमबत्तियां और दीपक जलाए जाते है।

इस त्योहार से हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती रहती है यह त्यौहार हमें सिखाता है कि कभी भी अंधकार से नहीं डरना चाहिए क्योंकि एक छोटे से दीपक की लौ भी काले अंधकार को प्रकाश में बदल सकती है। इसलिए समय हमेशा जीवन में आशावादी रहना चाहिए और अपने जीवन में हमेशा खुश रहना चाहिए।

दीपावली का त्यौहार सांस्कृतिक इन सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है इस त्यौहार से सभी के जीवन में खुशियां आती है इसी त्यौहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है।

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दिवाली पर निबंध

diwali essay in hindi with headings

By विकास सिंह

essay on diwali in hindi

दिवाली रोशनी का त्योहार है। यह पूरे भारत में बहुत धूमधाम और जलवे के साथ मनाया जाता है। त्योहार का माहौल दिवाली से पहले शुरू होता है। लोग नए कपड़ों की खरीदारी करते हैं, अपने घरों को साफ करते हैं और दिवाली के दौरान अपने निकट और प्रियजनों के लिए उपहार खरीदते हैं।

दिवाली पर निबंध, essay on diwali in hindi (200 शब्द)

दिवाली हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। दीपावली उत्सव की तैयारी त्योहार से हफ्तों पहले शुरू होती है। लोग अपने घरों और दुकानों को साफ करके तैयारियों से शुरुआत करते हैं। दिवाली से पहले घरों, दुकानों और कार्यालयों के हर नुक्कड़ की सफाई की जाती है। फिर उन्हें रोशनी, लैंप, फूलों और अन्य सजावटी वस्तुओं से सजाया जाता है।

इस त्योहार पर लोग अपने प्रियजनों के लिए नए कपड़े, घर की सजावट का सामान और उपहारों की खरीदारी करते हैं। इस समय के आसपास कई तरह के गिफ्ट आइटम और मिठाइयों से बाजार भर गए हैं। कारोबारियों के लिए अच्छा समय है। यह हमारे निकट और प्रिय लोगों के साथ बंधन का भी एक अच्छा समय है। लोग इस समय के आसपास एक-दूसरे के पास जाते हैं और उत्सव के एक भाग के रूप में उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं।

दिवाली के दिन, लोग अपने घरों को दीयों, मोमबत्तियों और रोशनी से रोशन करते हैं। वे रंगोली भी बनाते हैं और अपने घरों को फूलों से सजाते हैं। देवी और लक्ष्मी और गणेश की पूजा करने की रस्म हर हिंदू घर में दिवाली के अवसर पर अपनाई जाती है। कहा जाता है कि इससे समृद्धि और सौभाग्य आता है।

दीपों के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है, दीवाली सभी देवताओं की पूजा करने, पटाखे जलाने, मिठाई खाने और प्रियजनों के साथ मिलन करने के बारे में है। इसे हिंदू कैलेंडर में सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है।

दिवाली पर निबंध, essay on diwali in hindi (300 शब्द)

diwali

प्रस्तावना:

दीपावली को दीपावली अर्थात दीए की एक पंक्ति के रूप में भी जाना जाता है। यह त्योहार पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह हर साल भगवान राम की उनके राज्य अयोध्या में वापसी के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस त्योहार को मनाने के लिए कई रस्में निभाई जाती हैं।

रोशनी का त्योहार:

प्रकाश दीप इस हिंदू त्योहार के मुख्य अनुष्ठानों में से एक है। लोग हर साल सुंदर मिट्टी के बर्तन खरीदते हैं और अपने पूरे घर को दिवाली उत्सव के एक हिस्से के रूप में रोशन करते हैं। कहा जाता है कि भगवान राम, लक्ष्मण और सीता के स्वागत के लिए पूरे अयोध्या नगरी को दीपों से रोशन किया गया था। लोग आज भी इस अनुष्ठान का पालन करते हैं। यह देवताओं को प्रसन्न करने का एक तरीका है।

इस दिन घरों, बाजारों, कार्यालयों, मंदिरों और अन्य सभी स्थानों को रोशनी से रोशन किया जाता है। सुंदरता में इजाफा करने के लिए मोमबत्तियां, दीये और सजावटी लाइटें भी जलाई जाती हैं। रंगोली बनाई जाती है और इसकी सुंदरता को बढ़ाने के लिए कला की इन खूबसूरत कृतियों के बीच दीया लगाया जाता है।

उपहारों का आदान-प्रदान:

उपहारों का आदान-प्रदान दिवाली त्योहार के मुख्य अनुष्ठानों में से एक है। लोग अपने सहयोगियों, पड़ोसियों, रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलने जाते हैं और अपने बंधन को मजबूत करने के लिए उन्हें उपहार भेंट करते हैं। हिंदू संस्कृति हमें एक-दूसरे के साथ रहना सिखाती है। मुख्य हिंदू त्योहारों में से एक, दीवाली, विविधता के बीच भाईचारे और एकता की भावना को बढ़ावा देती है।

पहले के समय में ड्राई फ्रूट की मिठाइयों और बक्सों का आदान-प्रदान आम बात थी, इन दिनों लोग अनोखे और इनोवेटिव गिफ्ट आइटम्स की तलाश में रहते हैं। इन दिनों बाजार में कई प्रकार के दिवाली उपहार उपलब्ध हैं।

लोग अपने कर्मचारियों के लिए उपहार भी खरीदते हैं और घर में मदद करते हैं। कई लोग अनाथालय और वृद्धाश्रम भी जाते हैं और वहां उपहार बांटते हैं।

निष्कर्ष:

लोग साल भर दीवाली का इंतजार करते हैं और इसके उत्सव की तैयारियां त्योहार से लगभग एक महीने पहले शुरू हो जाती हैं। लोग उल्लासपूर्वक इससे जुड़े सभी अनुष्ठान करते हैं।

दिवाली पर निबंध, diwali essay in hindi (400 शब्द)

diwali

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली कार्तिक माह के दौरान अमावस्या (अमावस्या) को पड़ती है। यह हिंदू धर्म में सबसे शुभ समयों में से एक माना जाता है। लोग नए व्यवसाय को शुरू करने, नए घर में शिफ्ट होने या बड़ी संपत्ति जैसे कार, दुकान, आभूषण आदि खरीदने के लिए साल के इस समय का इंतजार करते हैं। इस त्योहार के जश्न के साथ कई पौराणिक कहानियां जुड़ी हुई हैं। भारत के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित लोग इसे विभिन्न कारणों से मनाते हैं। हालांकि, यह हर जगह एक भव्य उत्सव का आह्वान करता है।

सफाई और सजावट:

दिवाली का जश्न घरों और कार्य स्थलों की सफाई के साथ शुरू होता है। पर्दे धोने से लेकर पंखे की सफाई तक, घर के हर कोने की सफाई से लेकर बेकार के पुराने सामान को त्यागने तक – दिवाली घरों की सफाई के साथ-साथ काम की जगहों के लिए भी समय है। कई सफाई एजेंसियां ​​दिवाली के आसपास विशेष छूट और ऑफ़र देती हैं और अच्छा व्यवसाय करती हैं।

लोग अपने स्थानों को पुनर्वितरित करने के लिए विभिन्न घरेलू सजावट वस्तुओं की खरीदारी भी करते हैं। घरों को दीयों, रोशनी, लालटेन, मोमबत्तियों, फूलों, ड्रेप्स और कई अन्य सजावटी वस्तुओं से सजाया जाता है।

आनन्द बांटना:

लोग अपने रिश्तेदारों, पड़ोसियों और दोस्तों से मिलने जाते हैं। वे उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं। कई लोग अपने प्रियजनों के साथ त्योहार मनाने के लिए दिवाली पार्टियों की मेजबानी करते हैं। उत्सव का आनंद इस तरह से दोगुना हो जाता है।

कई आवासीय समाज इस अवसर को मनाने के लिए दिवाली पार्टियों का आयोजन करते हैं। यह त्योहार का आनंद लेने का एक शानदार तरीका है।

देवताओं की पूजा करना:

शाम के समय देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। लोग नए कपड़े पहनते हैं और देवताओं को प्रार्थना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने से धन, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

पटाखे जलाना और बढ़ता प्रदूषण:

दीवाली समारोह के एक हिस्से के रूप में पटाखे भी जलाए जाते हैं। प्रत्येक वर्ष इस दिन बड़ी संख्या में पटाखे जलाए जाते हैं। जबकि यह क्षणिक आनंद प्रदान करता है, इसके नतीजे बेहद हानिकारक हैं। यह वायु, ध्वनि और भूमि प्रदूषण को जोड़ता है। प्रदूषण के कारण कई लोग पीड़ित हैं।

बिना पटाखों के दिवाली और भी खूबसूरत होगी। नई पीढ़ी को पटाखे जलाने के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक होना चाहिए और इस त्योहार को आतिशबाजी के बिना मनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

दिवाली, जिसे रोशनी के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है, हिंदू परंपरा का एक प्रतीक है। यह हिंदू परिवारों द्वारा साल-दर-साल खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह आनंद, प्रेम और हँसी फैलाने का समय है न कि प्रदूषण।

दीपावली पर निबंध, essay on deepawali in hindi (500 शब्द)

diwali

प्रस्तावना :

दीवाली अक्टूबर और नवंबर के मध्य के बीच में आती है। यह हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न कारणों से मनाया जाता है। कई अनुष्ठान दिवाली समारोहों का हिस्सा बनते हैं। दीया और मोमबत्तियों के साथ घरों को रोशन करना और देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करना मुख्य अनुष्ठानों में से एक है।

हम दिवाली क्यों मनाते हैं?

जबकि यह काफी हद तक माना जाता है कि दिवाली भगवान राम के अयोध्या लौटने की खुशी के लिए मनाई जाती है, इसके साथ कई अन्य लोककथाएं और पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। यहाँ कुछ कारणों से इस त्योहार को मनाया जाता है।

भगवान राम की वापसी:

ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान राम चौदह वर्षों तक वनवास में रहने के बाद अपने गृहनगर अयोध्या लौटे थे। उनके साथ उनके भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता भी थीं। सीता का अपहरण रावण ने किया था। उसे अपने राज्य में एक बंधक के रूप में रखा गया था जब तक कि भगवान राम ने उसे हराया और उसे वापस नहीं लाया। जैसे ही भगवान राम, लक्ष्मण और सीता अयोध्या लौटे, लोग रोमांचित और उत्साहित थे।

पूरे शहर को दीयों से रोशन किया गया था। मिठाइयां बांटी गईं और लोगों ने मंगल कामना की। इसी तरह हम आज भी इस दिन को मनाते रहते हैं।

हार्वेस्ट फेस्टिवल

देश के कुछ हिस्सों में, दीवाली को फसल त्योहार माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह वह समय है जब चावल की खेती की जाती है। चूंकि, भारत मुख्य रूप से एक कृषि अर्थव्यवस्था है जो उत्सव का समय है। इस समय भव्य उत्सव मनाया जाता है। यह त्योहार किसानों के लिए विशेष महत्व रखता है।

भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कथा

ऐसा कहा जाता है कि राजा बलि ने देवी लक्ष्मी को कैद कर लिया था। यह इस दिन था कि भगवान विष्णु ने खुद को प्रच्छन्न किया और देवी को बुरे राजा से मुक्त कर दिया। दिन इस प्रकार एक उत्सव का आह्वान करता है। देश के कई हिस्सों में, लोग देवी लक्ष्मी की वापसी की खुशी के लिए दिवाली मनाते हैं।

देवी लक्ष्मी का जन्म

ऐसा कहा जाता है कि देवी लक्ष्मी का जन्म कार्तिक माह की अमावस्या को हुआ था। इस प्रकार, कुछ क्षेत्रों में, देवी लक्ष्मी के जन्म की खुशी मनाने के लिए दीवाली मनाई जाती है, जो इस दिन शाम के समय पूजा की जाती है। देवी लक्ष्मी धन और समृद्धि की देवी हैं और हिंदू उनके लिए उच्च सम्मान रखते हैं। दीवाली के दिन हर हिंदू घर में देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने की रस्म का पालन किया जाता है।

चाहे जो भी कारण हो, दिवाली पूरे भारत के साथ-साथ कुछ अन्य देशों में भी बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है। घर की सफाई, नए कपड़ों की खरीदारी, मिठाइयाँ और उपहार, घर को सजाना, दीपों को जगाना, प्रार्थनाएँ करना, पटाखे जलाना और प्रियजनों से मिलना, ये कुछ रस्में हैं जो दिवाली पर निभाई जाती हैं।

दीवाली हमें अपने निकट और प्रिय लोगों के करीब लाती है। सभी आयु वर्ग के लोग इस त्यौहार का इंतजार करते हैं और अपने प्रियजनों के साथ इसे मनाने के लिए तत्पर रहते हैं। परिवार का प्रत्येक सदस्य दीवाली उत्सव में सक्रिय भाग लेता है। लोग धार्मिक रूप से सभी अनुष्ठानों का पालन करते हैं जो दिवाली समारोहों का हिस्सा बनते हैं और उन्हें अगली पीढ़ियों तक पहुंचाते हैं।

दिवाली पर निबंध, essay on diwali in hindi (600 शब्द)

दिवाली हमारे प्रियजनों से मिलने और शुभकामनाएं देने, स्वादिष्ट मिठाइयां तैयार करने, नए कपड़े पहनने, घर को फिर से सजाने और देवी लक्ष्मी की पूजा करने का समय है। पटाखे जलाने का समय भी यही है। जबकि सभी दीवाली की रस्में सुंदर और पवित्र हैं, दिन को खुश करने के लिए पटाखे जलाना अधिक सराहना नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह वायुमंडल में प्रदूषण को जोड़ता है।

दिवाली समारोह:

प्राचीन काल से भारत में दिवाली मनाई जा रही है। यह अंधकार पर प्रकाश की जीत का जश्न मनाने का दिन है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह वह दिन था जब भगवान राम 14 साल के वनवास में रहने के बाद अपने राज्य अयोध्या लौटे थे। वह राक्षस, रावण को मारकर और सीता को अपने चंगुल से मुक्त करके विजयी होकर लौटा।

प्रत्येक वर्ष दशहरे पर पूरे भारत में रावण के पुतले जलाए जाते हैं। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। दिवाली बीस दिन बाद पड़ती है। दिवाली मनाने के लिए घरों और बाजारों को सुंदर दीयों और रोशनी से रोशन किया जाता है। इन स्थानों की सुंदरता बढ़ाने के लिए रंगोली बनाई जाती है और सजावटी वस्तुओं का उपयोग किया जाता है।

इस दिन पूजा की जाने वाली देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए लोग अपने घरों को अच्छी तरह से साफ करने के बाद उन्हें सजाते हैं। ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी; धन की देवी, केवल उन स्थानों पर जाती हैं जो स्वच्छ और सुंदर हैं। लोग एक-दूसरे के पास जाते हैं और दिवाली समारोह के एक भाग के रूप में उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। कई लोग इस दिन घर की पार्टियों की मेजबानी करते हैं।

यह हमारे रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ संबंध बनाने का एक शानदार समय है। कई कार्यालय और आवासीय सोसायटी त्योहार से एक या दो दिन पहले दिवाली पार्टियों की मेजबानी करते हैं।बच्चे इस दिन विशेष रूप से पटाखे जलाने के लिए तत्पर रहते हैं। वे चारों ओर इकट्ठा होते हैं और विभिन्न प्रकार के पटाखे जलाकर त्योहार का आनंद लेते हैं।

दिवाली प्रदूषण: चिंता का विषय

दिवाली एक शुभ दिन है। पूरा वातावरण इस समय उत्सव और उल्लास की हवा से भर जाता है। हालांकि, यह अंततः प्रदूषण से भर जाता है। इस दिन जले हुए पटाखे पूरी तरह बंद हैं। पटाखे जलाना दिवाली पर एक अनुष्ठान बताया जाता है। लोग प्रत्येक वर्ष इस दिन अनुष्ठान के नाम पर हजारों पटाखे जलाते हैं।

इससे वातावरण में प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होती है। आकाश धुंधला हो जाता है और परिणाम हानिकारक होते हैं। यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का रास्ता देता है। यह विशेष रूप से दमा के रोगियों, हृदय रोगियों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और शिशुओं के लिए असुरक्षित है। त्यौहार के बाद के दिनों के साथ-साथ दिवाली पर भी कदम रखना मुश्किल है।

पटाखे जलाने से न केवल वायु प्रदूषित होती है बल्कि ध्वनि प्रदूषण भी होता है। यह विशेष रूप से बीमार और बुजुर्ग लोगों, छोटे बच्चों, छात्रों और जानवरों के लिए परेशान है।

इको-फ्रेंडली दिवाली: एक अच्छा विचार

समय आ गया है जब हमें जिम्मेदार नागरिकों के रूप में व्यवहार करना चाहिए और उस मामले के लिए दीवाली या किसी अन्य अवसर पर जश्न मनाने के लिए पटाखे जलाना बंद करना चाहिए। हमें पर्यावरण के अनुकूल दिवाली मनानी चाहिए।

हमें पटाखे नहीं जलाने चाहिए और अपने आसपास के लोगों को भी ऐसा करने की सलाह देनी चाहिए। पटाखे जलाने के नकारात्मक नतीजों के बारे में अपने बच्चों को बताने की जिम्मेदारी माता-पिता को लेनी चाहिए। स्कूलों में बच्चों को भी इसके बारे में संवेदनशील बनाना होगा। इससे दीवाली पर आग के कामों को नीचे लाने में मदद मिलेगी।

उन उपायों के अलावा जो लोग अपने अंत में ले सकते हैं, पटाखे की बिक्री पर एक चेक लगाना महत्वपूर्ण है। सरकार को उसी के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए। पटाखे के उत्पादन और बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए या कम से कम कुछ प्रतिबंध उसी पर लगाया जाना चाहिए।

दिवाली एक पवित्र त्योहार है। हमें इसे सही तरीके से मनाकर इसकी पवित्रता को बनाए रखना चाहिए। हमें पर्यावरण पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों के कारण पटाखे जलाने से बचना चाहिए जो अंततः पृथ्वी पर जीवन को प्रभावित करता है।

दिवाली पर निबंध, long essay on diwali in hindi (1000 शब्द)

diwali

प्रस्थान:

दिवाली हर साल शरद ऋतु के मौसम में पूरे भारत में मनाया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। इस त्योहार का आध्यात्मिक महत्व अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है। यह लोगों द्वारा बड़ी तैयारी और अनुष्ठान के साथ मनाया जाने वाला पांच दिनों का त्योहार है।

यह हर साल अक्टूबर या नवंबर के महीने में पड़ता है। त्योहार के कई दिन पहले, लोग अपने घरों और कार्यालयों की सफाई, मरम्मत और सजावट शुरू करते हैं। वे नई पोशाक, दीये, दीये, मोमबत्तियाँ, पूजा सामग्री, भगवान और देवी की मूर्ति और विशेष रूप से दिवाली के लिए खाने की चीजों की सजावट करते हैं।

लोग अपने जीवन में धन और समृद्धि पाने के लिए भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। वे बहुत सारी रस्मों के साथ मुख्य दिवाली पर पूजा करते हैं। पूजा के बाद, वे आतिशबाजी की गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं और फिर पड़ोसियों, परिवार के सदस्यों, दोस्तों, कार्यालयों आदि के बीच एक दूसरे को उपहार वितरित करते हैं।

लोग पहले दिन धनतेरस मनाते हैं, दूसरे दिन नरका चतुर्दशी, तीसरे दिन दिवाली, चौथे दिन गोवर्धन पूजा) और त्योहार के पांचवें दिन भाई दूज। यह त्योहार के दिन कई देशों में आधिकारिक अवकाश बन जाता है।

पटाखों के बिना परिवार के साथ दिवाली का जश्न:

दिवाली वर्ष का मेरा पसंदीदा त्योहार है और मैं इसे अपने परिवार के सदस्यों और दोस्तों के साथ बहुत उत्साह के साथ मनाता हूं। दिवाली को रोशनी के त्योहार के रूप में कहा जाता है क्योंकि हम इसे बहुत सारे दीए और मोमबत्तियां जलाकर मनाते हैं।

यह एक पारंपरिक और सांस्कृतिक त्यौहार है जो प्रत्येक भारत और विदेशों में प्रत्येक हिंदू व्यक्ति द्वारा मनाया जाता है। लोग अपने घरों को बहुत सारी मोमबत्तियों और छोटे मिट्टी के तेल के लैंप से सजाते हैं जो बुराई पर अच्छाई की जीत का संकेत देते हैं।

परिवार के सदस्य भव्य शाम पार्टी के साथ त्योहार का स्वागत करने के लिए घर (सफाई, सजावट, आदि) तैयार करने में अपना अधिकांश समय बिताते हैं। पड़ोसी, परिवार के सदस्य और दोस्त शाम की पार्टी में एकत्रित होते हैं और रात भर पार्टी में स्वादिष्ट भारतीय व्यंजन, नृत्य, संगीत आदि का आनंद लेते हैं। व्हाइट वॉश, कैंडल लाइट और रंगोली में मकान बहुत आकर्षक लगते हैं। उच्च पिच संगीत और आतिशबाजी उत्सव को और अधिक रोचक बनाते हैं।

लोग अपनी नौकरी, कार्यालयों और अन्य कार्यों से छुट्टी लेकर अपने घर जाते हैं; छात्र दीवाली के त्योहार पर आसानी से अपने घर जाने के लिए लगभग तीन महीने पहले अपनी ट्रेन बुक करते हैं क्योंकि हर कोई इस त्योहार को अपने परिवार के सदस्यों के साथ गृह नगर में मनाना चाहता है। लोग आमतौर पर त्योहार का आनंद लेते हैं, पटाखे फोड़ते हैं और परिवार और दोस्तों के साथ नृत्य का आनंद लेते हैं।

हालांकि, डॉक्टरों द्वारा बाहर निकलने और पटाखों का आनंद लेना निषिद्ध है, विशेष रूप से फेफड़े या दिल की बीमारियों, उच्च रक्तचाप, मधुमेह आदि से पीड़ित लोगों को, ऐसे लोगों को अत्यधिक संतृप्त भोजन और मिठाई का अधिक मात्रा में और अभाव में सेवन करने के कारण डॉक्टर का दरवाजा खटखटाना पड़ता है। इन दिनों में पटाखों के कारण होने वाले व्यायाम और प्रदूषण।

दिवाली का महत्व:

दिवाली का त्यौहार लोगों द्वारा बहुत ही मस्ती और बहुत सारी मज़ेदार गतिविधियों के साथ मनाया जाता है। यह वर्ष में भारतीय लोगों के लिए सबसे खुशी का अवकाश बन जाता है और महत्वपूर्ण तैयारी के साथ मनाया जाता है। यह भारतीय लोगों के लिए उच्च महत्व का त्यौहार है, जिसके दौरान लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, सजावट करते हैं, खरीदारी करते हैं, उपहार, रसोई के बर्तन, उपकरण, कार, सुनहरे गहने, आदि सहित कई नई चीजें खरीदते हैं और बहुत सारे अनुष्ठान करते हैं।

इस त्योहार को मनाने के बारे में कई प्राचीन कथाएं, किंवदंतियां और मिथक हैं। घर की लड़कियां और महिलाएं खरीदारी करती हैं और घर के दरवाजे और पैदल रास्ते के पास फर्श पर रचनात्मक पैटर्न में रंगोली बनाती हैं। क्षेत्रीय प्रथाओं और अनुष्ठानों के अनुसार इस त्योहार के उत्सव में बहुत कम विविधताएं हैं।

इस त्योहार का आध्यात्मिक महत्व अंधकार पर प्रकाश की जीत और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह धन की देवी, लक्ष्मी और बुद्धि के देवता, गणेश का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है। इसका धार्मिक महत्व पूरे देश में इस क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग है। कहीं-कहीं यह 14 वर्षों के लंबे निर्वासन काल (हिंदू महाकाव्य रामायण के अनुसार) के बाद अपने घर में राम, सीता और लक्ष्मण की वापसी का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है।

कुछ लोग वनवास के 12 साल बाद और एक साल के अगियातव (हिंदू महाकाव्य महाभारत के अनुसार) के बाद अपने राज्य में पांडवों की वापसी को याद करने के लिए इसे मनाते हैं। यह भी माना जाता है कि देवताओं और राक्षसों द्वारा समुद्र मंथन करने के बाद देवी लक्ष्मी का जन्म होने पर इसे मनाया जाना शुरू हुआ था।

दीवाली उत्सव भारत के पश्चिम और कुछ उत्तरी भागों में एक नए हिंदू वर्ष की शुरुआत का संकेत देता है। यह सिख धर्म के लोगों द्वारा स्वर्ण मंदिर को जलाकर बांदी छोर दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह जैन धर्म के लोगों द्वारा महावीर द्वारा प्राप्त निर्वाण को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है।

दिवाली पर प्रदुषण:

इस त्यौहार के दौरान विभिन्न प्रकार के पटाखों के फटने के कारण, दिवाली उत्सव के साथ-साथ, पूरे विश्व में पर्यावरण प्रदूषण में अप्रत्यक्ष वृद्धि हुई है। इस तरह के पटाखे बहुत खतरनाक होते हैं क्योंकि वे सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड और इतने पर आदि जैसे जहरीले प्रदूषक छोड़ते हैं जो हवा में मिल जाते हैं और विभिन्न प्रकार की बीमारियों जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, उच्च रक्तचाप आदि का कारण बनते हैं।

यह सभी लोगों को प्रभावित करता है। आयु वर्ग हालांकि उन लोगों को जो पहले से ही किसी भी प्रकार की बीमारी से पीड़ित हैं। मानव के साथ मिलकर, यह वायु और ध्वनि प्रदूषण के कारण जानवरों, पक्षियों और अन्य जीवित प्राणियों को भी प्रभावित करता है।

पूरे देश में प्रदूषण मुक्त दिवाली मनाने के लिए अब सरकार द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। स्कूलों और विभिन्न संगठनों ने प्रदूषण मुक्त त्योहार के लिए छात्रों को शिक्षित और जागरूक करने के लिए उत्सव से पहले विभिन्न प्रदर्शनों का आयोजन किया।

पर्यावरण और प्रदूषण विभाग भी विभिन्न अखबारों में प्रदूषण मुक्त समाचार प्रकाशित कर जागरूक लोगों को जागरूक करते हैं और पटाखों की वजह से ध्वनि और वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाते हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा विशेष रूप से रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच फटने वाले ध्वनि-पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

वायु और जल प्रदूषण भी आतिशबाजी के अवशेषों के क्षय और कचरे की खाली पड़ी बोतलों जैसे कचरे के कारण होते हैं। हम सभी को पर्यावरण की प्राकृतिक सुंदरता को बचाने और आनंद लेने के लिए हर साल प्रदूषण मुक्त दिवाली मनाने का अभ्यास करना चाहिए।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) – दीपावली पर निबंध हिंदी में

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Reported by Pankaj Bhatt

Published on 30 August 2024

दिवाली पर निबंध – दीपावली भारत देश का सबसे बड़ा त्यौहार है। यह त्यौहार प्रत्येक वर्ष बड़ी धूमधाम से भारत में मनाया जाता है। दीपावली का अर्थ होता है ”दीप” और ”आवली” अर्थात यह दो शब्दों से मिलकर बना है। दिवाली के यह दोनों शब्द संस्कृत भाषा के शब्द है, जिसका मतलब होता है दीपों की श्रृंखला । दीपावली भारत देश के सभी नागरिकों का खुशियों का त्यौहार है, दीपावली के शुभ अवसर पर प्रत्येक घर में भगवान गणेश और लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। भारत देश के निवासी दिवाली के त्यौहार को किसी अन्य देश में रहने पर भी बड़े धूमधाम से मनाते है। दिवाली को भारत में 2 दिन मनाया जाता है।

इस त्यौहार के शुभ अवसर पर स्कूल के छात्र-छात्राओं के लिए निबंध लिखने के लिए दिया जाता है। बहुत ही छात्र-छात्राओं के द्वारा इंटरनेट में दिवाली पर निबंध सर्च किया जाता है।

दिवाली पर निबंध  – दीपावली पर निबंध हिंदी में

आप सभी लोगों के लिए हमारी वेबसाइट के माध्यम से दिवाली निबंध (Diwali Essay in Hindi) तैयार किया गया है। आज हम आपको दिवाली के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे अतः दिवाली से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारे इस निबंध को अंत तक पढ़े।

दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi)

जैसे की आप सभी को पता है की दिवाली मुख्यतः हिन्दू धर्म के लोगों के द्वारा मनाई जाती है यह हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है। यह पर्व देश के छोटे बड़े सभी नागरिकों के द्वारा बड़े हर्षो-उल्लास के साथ मनाया जाता है प्रत्येक वर्ष यह त्यौहार कार्तिक मास के माह में अक्तूबर नवंबर में मनाया जाता है।

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”दीपावली” दीपों का त्यौहार है इस दिन पुरे भारत देश में विभिन्न प्रकार की कलर-फुल लाइटों और दीयों से घर को सजाया जाता है दीपावली के त्योहार के कुछ समय पहले लोगों के द्वारा घर में साफ़ सफाई का कार्य किया जाता है विभिन्न लोगों के द्वारा तो आपने घरों में विभिन्न प्रकार की सजावटें की जाती है।

अन्य धर्मों के द्वारा भी इस त्यौहार को अलग-अलग रूप में मनाया जाता है। बड़ी उत्सुकता के साथ सभी नागरिकों के द्वारा इस त्यौहार का इन्तजार किया जाता है।

दीपावली पर निबंध हिंदी में

भारत देश में अनेक प्रकार के त्यौहार मनाये जाते है लेकिन उन सभी त्योहारों में सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली का त्यौहार है। पौराणिक कथाओं के अनुसार दिवाली के त्यौहार को इसलिए मनाया जाता है की 14 वर्ष के वनवास और रावण का वध करके भगवान श्री राम अपने जन्मभूमि अयोध्या लौटे थे।

इसलिए वहां के लोगों के द्वारा इस दिन घी के दिए जलाये गए थे, तब से ही दिवाली का त्यौहार प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। दिवाली में विभिन्न प्रकार के उपहारों को अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को तोहफे भेंट किये जाते है।

दिवाली के त्यौहार के समय कुछ अलग ही प्रकार की रौनक देश में दिखाई देती है यह सभी लोगों का एक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक त्यौहार है लोगों के द्वारा दिवाली को ख़ुशी के रूप में मनाया जाता है।

संपूर्ण भारत वर्ष में इस त्यौहार को खुशियों के रूप में मनाया जाता है, हिंदू धर्म के में से सबसे प्रमुख त्यौहार दीपावली का त्यौहार है। भगवान राम के 14 वर्ष वनवास के पूर्ण होने पर अयोध्या लौटने की ख़ुशी में इस त्यौहार को मनाया जाता है।

दिवाली के त्यौहार मनाने के लिए सभी लोगों के द्वारा कई दिनों पहले तैयारियां शुरू की जाती है। बड़े हर्ष और उल्लास और खुशियों के साथ में दीपावली को एवं दिवाली के साथ आने वाले सभी फेस्टिवल को ख़ुशी के साथ सेलिब्रेट किया जाता है।

दीपों का त्यौहार दिवाली आई है, खुशियों का संसार दिवाली आई है, घर आँगन सब नया सा लगता है, नया नया परिधान सभी को फबता है, नए नए उपहार दिवाली लायी है, खुशियों का संसार दिवाली लाई है, शुभ दीपवाली

दीपावली भारत वर्ष में कैसे मनायी जाती है

दीपावली को भारतवर्ष में विभिन्न प्रकार की लड़ियों और लाइटों से सजाया जाता है और इनके साथ-साथ पुरे घर में दीये भी जलाये जाते है। और घरों में अनेक प्रकार के रंगो से रंगोली भी बनाई जाती है, इस त्यौहार को मिठाई और पटाखों फुलझड़ियों के द्वारा बड़े हर्षों-उल्लास के साथ मनाया जाता है।

दिवाली के त्यौहार में बाजारों में कई प्रकार की मिठाइयों को बनाया जाता है और साथ ही बाजारों में दिवाली के त्योहारों के समय में बहुत भीड़ भरी रहती है। सभी लोगों के द्वारा यह त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है दिवाली की शुभ अवसर में लोगों के द्वारा बड़ी मात्रा में बाजारों से खरीदारी की जाती है।

इस दिन सभी लोगों के द्वारा नए-नए कपड़े भी पहने जाते है यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। दिवाली में दुकानों को बाजारों में लाइटों से खूब सजाया जाता है।

दिवाली में किसकी पूजा की जाती है ?

दिवाली के शुभ अवसर में हिन्दू कैलेंडर के अनुसार सूर्यास्त होने के पश्चात भगवान गणेश और माता लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। यह पूजा धन की प्राप्ति और स्वस्थ जीवन के लिए की जाती है लक्ष्मी जी के आवागमन के लिए उस दिन घरों में रंगोली भी बनाई जाती है और लक्ष्मी जी की पूजा के लिए लक्ष्मी आरती की जाती है।

भगवान गणेश की पूजा करने के लिए गणेश आरती की जाती है। दिवाली त्यौहार देश में बच्चे और बड़े सभी लोगों का पसंदीदा त्यौहार है। दिवाली के बाद और उससे पहले अन्य प्रकार के त्यौहार भी भारत में मनाये जाते है।

Diwali में मनाये जाने वाले त्यौहार

दिवाली के दो दिन पहले धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है इस दिन लोगों के द्वारा किसी वस्तु के रूप में खरीदारी की जाती है और लक्ष्मी जी की पूजा को धनतेरस के दिन किया जाता है।

माँ लक्ष्मी जी को प्रश्न करने के लिए लोगों के द्वारा आरती और भजन किया जाता है। इसके अगले दिन छोटी दिवाली के रूप में मनाई जाती है यह दिवाली भगवान श्री कृष्ण जी की पूजा करके मनाई जाती है कहा जाता है की श्री कृष्ण जी के द्वारा इस दिन राक्षस राजा नरक सुर को मार दिया गया था।

छोटी दिवाली के बाद मुख्य दिवाली का सेलेब्रेशन किया जाता है। उसके बाद अगले दिन को गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता है यह पूजा भी श्री कृष्ण जी के रूप में की जाती है।

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इस दिन दरवाजे में लोगों के द्वारा गोबर की पूजा की जाती है, और साथ ही पांचवां दिन भाई दूज या यम द्वितीया के रूप में मनाया जाता है भाई दूज के त्यौहार को बहन और भाई के द्वारा मनाया जाता है। सभी बहनों के द्वारा इस दिन भाई की पूजा के साथ-साथ भाई को नारियल दिया जाता है। और भाई की लम्बी उम्र के लिए भगवान से प्रार्थना की जाती है।

दिवाली फेस्टिवल को किस तरह सेलेब्रेट करें

  • दीपावली का अर्थ होता है ‘दीप’ और ‘ प्रकाश’ इसलिए सभी लोग दिवाली के त्यौहार को बड़ी शांति और सद भावना के साथ मनाये। पटाखों के जलाने से प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होती है और यह सबसे बड़ी गंभीर समस्या है। इस दिवाली आओ मिलकर सभी यह संकल्प लें की प्रकृति के लिए कुछ उपहार भेंट करें और यह उपहार आप पटाखों का उपयोग न करके कर सकते है।
  • पटाखों की आवाज सुनकर बहुत से बेजबान जानवर भी इनकी आवाजों से डर जाते है और घर के बुजुर्ग लोग भी पटाखों की ध्वनि से परेशान हो जाते है। और इसकी आवाज से ध्वनि प्रदूषण की उत्पत्ति होती है।
  •  देश के छोटे व्यापारियों और कुम्हारों को आर्थिक रुप से सुदृढ़ बनाकर देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में हम उनकी मदद करने के लिए इलेक्ट्रिक लाइटों का प्रयोग न करके अधिक से अधिक दीयों का प्रयोग कर सकते है। और इस तरीके से दिवाली पारस्परिक रूप से मनाई जाएगी
  • दिवाली खुशियों का त्यौहार है अपने मनोरंजन और आनंद के लिए कभी भी किसी बेजबान जानवरों और प्रकृति को हानि ना पहुँचायें। हम सभी लोगों का यह कर्तव्य है की लोगों को दिवाली किस तरीके से मनानी चाहिए उसके लिए जागरूक करना।

रक्षा बंधन भाई और बहन का त्यौहार होता है। इस दिन बहन अपने भाई को राखी बांधती है। इसको भारत के साथ-साथ कई अन्य देशों में भी मनाया जाने लगा है। अगर आप भी इसपर निबंध लिखना चाहते है तो यहाँ पर जानिए

दिपावली का निबंध (200-300 Words) शॉर्ट निबंध

दीपावली भारत देश का सबसे बड़ा त्यौहार है और हर वर्ष यह त्यौहार बड़े हर्ष-उल्लास के साथ मनाया जाता है दीपावली खुशियों का त्यौहार है दीपावली में पांच दिन तक अलग-अलग फेस्टिवल मनाये जाते है। पांच दिनों तक चलने वाला यह सबसे बड़ा पर्व है। दशहरा खत्म होते ही दिवाली की तैयारियां देश भर में शुरू हो जाती है।

दिवाली के त्यौहार को अमावस्या की रात को मनाया जाता है भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे उस ख़ुशी में अयोध्या वासियों के द्वारा घी के दीये जलाये गए थे। उसी दिन से दिवाली के त्यौहार को मनाया जाता है।

दिवाली दीपों का त्यौहार होने के कारण सभी के मन को आलोकित करता है इस त्यौहार के आने से सभी घरों में अलग ही रौनक उत्पन्न हो जाती है। दीपावली के दिन रात्रि में माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है और उनसे प्रार्थना की जाती है की वे हमेशा हमारे ऊपर अपनी कृपा बनाये रखें।

दिवाली में विभिन्न प्रकार की मिठाई और स्वादिष्ट व्यंजन बनाये जाते है खील-बताशे का प्रसाद दिवाली के त्यौहार में चढ़ाया जाता है। फुलझड़ी, पटाखे आदि तरह के पटाखों को दिवाली में जश्न के रूप में फोड़ा जाता है।

असंख्य दीपों की रंग-बिरंगी रोशनियां मन को अपने तरफ आकर्षित कर लेती है बाजारों दुकानों, और घरों की सजावट दर्शनीय रहती है। इस त्यौहार में अमीर-गरीब का भेदभाव को भूलकर मिल जुलकर त्यौहार को मनाते है।

दीपावली की शुभकामनाएं एक-दूसरे को गले लगाकर दी जाती है। मेहमानों का स्वागत विभिन्न प्रकार की मिठाई और व्यंजनों से किया जाता है। दीपावली उपहारों और भेंट और खुशियों का त्यौहार है इस त्यौहार के द्वारा नया जीवन जीने के लिए उत्साह प्रदान करता है।

दीपावली पर 10 लाइनें – 10 Lines on Diwali in Hindi

  • दीपावली हिंदूओं का प्रमुख त्यौहारों में से एक है।
  • दिवाली का भारत की संस्कृति तथा परम्परा को दर्शाता है।
  • दिवाली को दीपकों का त्यौहार भी कहा जाता है, मिट्टी के दीये जलाये जाते हैं।
  • दीपावली श्री राम 14 साल के वनवास काटकर अयोध्या लौटने की ख़ुशी तथा उनके स्वागत में मनाई जाती है।
  • भगवान श्री राम के वापिस अयोध्या लौटने की खुशी में वहां के लोगों ने इस दिन को दीवाली के रूप में मनाया।
  • दिवाली का त्यौहार हर साल कार्तिक मास में आता है।
  • दीवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है ताकि घर में ऋद्धि- सिद्धि बनी रहे।
  • दीपावली में सभी लोग अपने घरों को अनेक प्रकार की रंग बिरंगी लाइटों से सजाते हैं।
  • दीपावली के दिन पटाखे, फुलझड़ी, आदि जलाकर हर्षोल्लास मनाया जाता
  • दीवाली की शाम सभी लोग अपने आस पड़ोस अपने रिश्तेदारों को मिठाइयां बांटते हैं।

भारत के अलग-अलग राज्य में दिवाली मनाने के विभिन्न स्वरुप

बंगाल उड़ीसा – राज्य के द्वारा दीपावली के त्यौहार को इसलिए मनाया जाता है की इस दिन माता शक्ति के रूप में महाकाली का रूप धारण किया गया था। और इस दिन लक्ष्मी जी के स्थान पर यहाँ माँ काली की पूजा की जाती है। पंजाब – राज्य में दिवाली को इस रूप में मनाया जाता है की इस दिन 1577 इसवीं पूर्व स्वर्ण मंदिर की नींव रखी गयी थी। और सिक्खों के गुरु हरगोबिंद सिंह जी को भी इसी दिन जेल से रिहा किया गया था। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश – राज्य में दिवाली को द्वापर में कृष्ण द्वारा नरकासुर के वध के खुशी में कृष्ण की पूजा करके मनाया जाता है।

विदेश  में  दिपावली का स्वरूप

  • श्रीलंका में रह रहे लोगों के द्वारा दिवाली के त्यौहार के दिन प्रातः काल सुबह उठकर सबसे पहले तेल से स्नान किया जाता है। और पूजा करने के लिए मंदिरों में जाते है और दिवाली मनाने के लिए वहां विभिन्न प्रकार के खेल, आतिशबाजी, गायन, नृत्य, भोज का आयोजन किया जाता है।
  • मलेशिया में इस दिन सरकारी अवकाश किया जाता है, क्योंकि यहाँ सबसे अधिक हिन्दू लोग रहते है। दिवाली के दिन लोग अपने घरों में पार्टी करते है और साथ ही इस पार्टी में मलेशिया के नागरिक भी शामिल होते है।
  • नेपाल में दिवाली के त्यौहार को बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है नेपाल में दिवाली के दिन कुत्तों को सम्मानित किया जाता है और उनकी पूजा की जाती है और शाम के समय में वह सभी घरों में दीये जलाये जाते है, बधाई देने के लिए एक दूसरे के घरों में जाते है।

नवरात्री हिन्दू धर्म के लोगों के द्वारा बड़े ही प्रेम भाव एवं भक्ति भाव से मनाया जाता है। अगर आप भी नवरात्रि के ऊपर निबंध लिखना चाहते है तो यहाँ जानिए

दिवाली पर निबंध से संबंधित कुछ सवाल और जवाब

दिवाली का त्यौहार क्या भारत देश में ही मनाया जाता है .

नहीं दिवाली के त्यौहार को भारत देश के साथ अन्य देशों में भी अलग-अलग रूप में मनाया जाता है।

दीपावली के त्यौहार को प्रत्येक वर्ष कब मनाया जाता है ?

कार्तिक मास के अक्तूबर या नवंबर माह दिवाली के पर्व को मनाया जाता है।

भारतवर्ष का यह त्यौहार किस रूप में मनाया जाता है ?

भारतवर्ष में दिवाली के त्यौहार को खुशियों के रूप में मनाया जाता है।

दिवाली के त्यौहार में मुख्यतः कौन से भगवान की पूजा की जाती है ?

भगवान गणेश और माता लक्ष्मी जी की पूजा दिवाली के शुभ अवसर पर की जाती है।

भारत में दिवाली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है ?

दीपावली का त्यौहार पौराणिक कथाओं के अनुसार श्री राम भगवान के 14 वर्ष वनवास काट के अयोध्या वापस लौटे थे भगवान राम के वापस लौटने की ख़ुशी में इस त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। हिन्दू धर्म के साथ-साथ अन्य धर्मों के लोगों के द्वारा भी इस त्यौहार को बड़ी उत्साह के साथ मनाया जाता है।

क्या भारत के अलग-अलग राज्यों में दिवाली को एक ही रूप में मनाया जाता है ?

नहीं प्रत्येक राज्य के द्वारा अलग-अलग रूप में दिवाली के त्यौहार को मनाया जाता है।

दीपावली में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा क्यों की जाती है ?

माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का दीपावली में एक विशेष महत्व है, क्योंकि माँ लक्ष्मी धन की देवी है एवं भगवान गणेश बुद्धि एवं विवेक, धन का सदुपयोग करने के लिए विवेक का होना अति आवश्यक है। इसलिए इस दिन लक्ष्मी जी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।

वर्ष 2024 में दीपावली का त्यौहार कब मनाया जायेगा ?

29 अक्तूबर 2024 को दीपावली का त्यौहार मनाया जायेगा।

दिवाली पर निबंध कैसे लिखें ?

दिवाली पर निबंध लिखने के लिए हमने इस आर्टिकल में विस्तार से बताया है, कृपया इसे पढ़कर अपना दिवाली पर निबंध तैयार करें।

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Diwali Essay in Hindi – दिवाली पर निबंध हिंदी में

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दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) – दिवाली एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जिसे ‘बुराई पर अच्छाई की विजय’ का प्रतीक माना जाता है। इस त्योहार की खूबी और महत्व को छात्रों को परिचित कराने के लिए छोटी कक्षाओं में ‘दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi)’ का प्रश्न पूछा जाता है, जो हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होता है।

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इस हिंदी दिवाली निबंध (Diwali Essay in Hindi) से वे युवा छात्र जो दीवाली त्योहार पर हिंदी में निबंध लिखना चाहते हैं, सिख सकते हैं। निम्नलिखित निबंध में हमने ‘दीपावली’ के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में संक्षेप में जानकारी प्रदान की है। बच्चे इस निबंध से सीख सकते हैं कि वे कैसे अपने लेखन कौशल को बेहतर बना सकते हैं, और कैसे उन्हें दीपावली निबंध में किन-किन बिंदुओं का महत्व है।”

दिवाली पर निबंध 100 शब्दों में (Diwali Essay in Hindi)

दिवाली हिंदू त्योहार है, जिसको भारत में खुशी-खुशी मनाया जाता है। यह त्योहार हमें यह सिखाता है कि अच्छाई हमेशा बुराइयों पर विजय प्राप्त करेगी। इससे कई हफ्ते पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं। लोग अपने घर और काम के स्थान की सफाई करने लगते हैं। फिर वे अपने घरों और काम के स्थानों को रोशनी, लैंप, फूल, और अन्य सजावटी चीजों से सजाते हैं।

इस उत्सव के मौके पर, लोग अपने प्रियजनों के लिए नए कपड़े, घर के सामान, और उपहार खरीदते हैं। इस मौसम में बाजार में विभिन्न प्रकार के उपहार और खाने-पीने की चीजें खरीदी जाती हैं। दिवाली भी प्रियजनों के साथ संबंधों को मजबूत करने का अच्छा मौका प्रदान करती है।

Essay on Diwali in Hindi

दिवाली पर निबंध 200 शब्दों में (Diwali Essay in Hindi)

हम भारत में रहते हैं, जो विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों, परंपराओं, और विभिन्न त्योहारों के संगठन के लिए प्रसिद्ध है। भारत में, सभी धर्मों के त्योहारों को महत्व दिया जाता है, जैसे कि हिन्दुओं के लिए दीपावली का महत्व है। दीपावली त्योहार को कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अपने देश अयोध्या लौटे थे।

श्री राम के आगमन के मौके पर, लोगों ने दीपकों की पंक्ति जलाकर अयोध्या नगर को चमक दिया। दीपावली शब्द का अर्थ होता है ‘दीपों की पंक्ति’, जिसमें दीपकों को एक पंक्ति में जलाने का रितुअल होता है। इस दिन को और भी खास बनाने के लिए, लोग नए कपड़े, पटाखे, बर्तन, और सजावटी वस्त्र खरीदते हैं। दीपावली के दिन, लोग पहले लक्ष्मी पूजा करते हैं, फिर आपसी मिलनसर मनाते हैं, और मिठाईयों का साझा करते हैं। बच्चे पटाखे जलाकर अपनी खुशी व्यक्त करते हैं। इस तरह, लोग भगवान श्री राम के आगमन के इस पवित्र दिन को खुशी और आनंद के साथ मनाते हैं।

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दिवाली पर निबंध 300 शब्दों में (Diwali Essay in Hindi)

दिवाली हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे बहुत उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। बच्चे दिवाली पर निबंध लिखकर इस त्योहार के बारे में अपने खुशी के पलों को साझा करने का मौका पाते हैं। युवा लोग इस त्योहार को आमतौर पर बहुत पसंद करते हैं, क्योंकि यह सबके लिए खुशियों और आनंद के पल लेकर आता है। वे अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं और अपने प्रियजनों के साथ शुभकामनाएं और उपहार साझा करते हैं। साल 2023 में दिवाली पर्व 12 नवंबर, 2023 को मनाया जाएगा। इस दिन विशेष रूप से धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

दीपावली पूजा शुभ मुहूर्त

दिवाली के अवसर पर, धन की देवी माँ लक्ष्मी, विघ्नहर्ता गणेश जी, और कुबेर जी की पूजा को विशेष महत्व दिया जाता है। लक्ष्मी पूजा को प्रदोष काल में करने का विशेष महत्व है, इससे बड़े पुण्य की प्राप्ति होती है। प्रदोष काल में स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन करना भी बहुत शुभ माना जाता है। यह कहा जाता है कि स्थिर लग्न में पूजा करने से माता लक्ष्मी आपके घर में आने के लिए प्रसन्न हो जाती हैं।

साल 2023 में, दिवाली के अवसर पर, 12 नवंबर को लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त सायं 05:41 मिनट से रात 07:37 मिनट तक होगा। लक्ष्मी पूजन मुहूर्त की कुल अवधि लगभग 01 घंटे 55 मिनट होगी। बताया जा रहा है कि साल 2022 में, देश भर में दिवाली का त्योहार 24 अक्टूबर को मनाया गया था।

दिवाली का इतिहास

हिंदू धर्म के अनुसार, दिवाली का महत्व है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम, जिन्होंने 14 साल के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण, और हनुमान जैसे उनके भक्तों के साथ अयोध्या लौटने का समय चुना, वे इसी दिन लौटे थे। इस दिन का विशेषत: बहुत अंधेरा होता है क्योंकि यह अमावस्या का दिन होता है, और इसलिए अयोध्या के लोगों ने अपने नगर को दीपों और फूलों से सजाया ताकि भगवान श्री राम का स्वागत कर सकें। इसके बाद से, दिवाली को दीपों का त्योहार और अंधेरे के खिलाफ प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है।

इस शुभ अवसर पर, बाजारों में भगवान गणेश जी, लक्ष्मी जी, और भगवान श्री राम की मूर्तियों की खरीददारी की जाती है। इस समय बाजार में बहुत चहल-पहल होती है। लोग इस मौके पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयाँ, और अन्य चीजें खरीदते हैं। हिंदू लोग दिवाली के पर्व के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, क्योंकि व्यापारी वर्ग इस दिन नए खाता बही की शुरुआत करते हैं। इसके साथ ही, लोग मानते हैं कि दिवाली सभी के लिए धन, समृद्धि, और सफलता का प्रतीक है। लोग दिवाली के इस खास मौके पर अपने परिवार, दोस्त, और रिश्तेदारों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करने के लिए तैयार रहते हैं।

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दीपवाली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां

जैसे ही दीपावाली जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व के पावन अवसर के पास आते हैं, कुछ लोग इसके महत्वपूर्ण दिनों पर असामाजिक कार्यों में लिपट जाते हैं, जैसे कि शराब पीना, जुआ खेलना, टोना-टोटका करना, और पटाखों का गलत तरीके से उपयोग करना। इससे दीपावाली का महत्व बिगाड़ दिया जाता है। अगर हम समाज में इन गलतियों को दीपावाली के दिनों पर नहीं करें, तो वास्तव में दीपावाली का पर्व खुशियों और पौराणिक महत्व के साथ मनाया जा सकता है।

दिवाली पर निबंध 10 लाइन

  • दीपावली को दीपों का त्योहार या दीपोत्सव भी कहा जाता है।
  • दिवाली भारत के सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है।
  • यह त्यौहार भगवान राम की याद में मनाया जाता है जो चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे।
  • इस अवसर पर हिंदू अनुयायी मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं।
  • बच्चे इस त्योहार पर पटाखे जलाकर बहुत खुश होते हैं।
  • हिंदूओं में इस अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।
  • बच्चे, बूढ़े और जवान, सभी इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की पूजा करते हैं।
  • इस दिन सभी लोग अपने दोस्तों और पड़ोसियों को मिठाइयाँ और उपहार देते हैं।
  • भारत में इस दिन सार्वजनिक अवकाश रहता है और लोग इस त्योहार को बड़े धूम-धाम के साथ मनाते हैं।
  • यह हिंदूओं के सबसे प्रिय और आनंददायक त्योहारों में से एक है, जिसे अन्य धर्म और संप्रदाय के लोग भी आपस में मिलजुल कर मनाते हैं।
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दिवाली पर निबंध FAQs

दीपावली पर निबंध दीपावली क्यों मनाई जाती है.

दीपावली पर्व हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहार के रूप में मनाया जाता है, जो विजय का प्रतीक है।

What time is Diwali Puja in 2023?

Diwali Puja time in 2023 varies but generally falls in the evening.

What are the 5 days of Diwali?

The 5 days of Diwali are known as Dhanteras, Choti Diwali, Diwali, Govardhan Puja, and Bhai Dooj.

Why is Diwali famous for?

Diwali is famous for celebrating the victory of light over darkness and good over evil.

दिवाली क्यों प्रसिद्ध है?

दिवाली पुनर्मिलित नियमों के हिस्से के रूप में प्रसिद्ध है, और इसके साथ ही हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार है।

In which year Diwali will be on 17 October?

Diwali will be on 17 October in the year 2030.

What is the real date of Diwali in 2025?

The real date of Diwali in 2025 is November 14th.

What is day 3 of Diwali called?

Day 3 of Diwali is called Diwali or the main Diwali day.

Can we drink on Dhanteras?

Drinking on Dhanteras is a matter of personal choice and cultural beliefs.

How many diyas are lit on Dhanteras?

Typically, 13 diyas are lit on Dhanteras.

Why do we light 13 diyas on Diwali?

The tradition of lighting 14 diyas on Diwali varies, but it can symbolize various aspects, including celebrating the 14th day of Kartik, a lunar month.

Why do we light 14 diyas on Diwali?

There are 14 diyas for Diwali, often representing the 14th day of Kartik or various aspects of the festival's significance.

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दिवाली पर निबंध 2023 Diwali Essay In Hindi And English Language

नमस्कार दोस्तों दिवाली पर निबंध 2023 Diwali Essay In Hindi And English Language आर्टिकल में आपका हार्दिक स्वागत हैं. आज का निबंध दिवाली अथवा दीपावली पर दिया गया हैं.

स्कूल स्टूडेंट्स इस निबंध की मदद से इस पर्व पर आसान भाषा में छोटा बड़ा निबंध लिख सकेगे.

दिवाली पर निबंध 2023 Diwali Essay In Hindi And English Language

Lines On Diwali 2022 Essay In Hindi And English Language India is religious loving people country here celebrate festivals every day. but my the favorite festival is Deepawali (mera Priya tyohar Diwali).

this  essay on Diwali in Hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10. why we celebrate Diwali 10 lines and long length paragraph of the importance of Diwali festival.

at start you will read here Diwali essay in English 100, 150, 200, 250, 300, 400, 500 words. this Diwali essay can translate Marathi and English language also.

Diwali Essay In English

the Hindus celebrate many festivals. dewali is most important to them. it is a festival of light. it comes off in October or November. it is celebrated in honor of Lord Rama’s return to Ayodhya after foutreen years of exile.

for many days preparations are made. people clean their houses. they get them whitewashed. shopkeepers decorate their shop.

the old and the young celebrate the festival alike. they are gay and cheerful. at night there are rows of lights. the candle is lighted. people worship Laxmi, the goddess of wealth.

some people gamble on this day. it is a bad habit. it has ruined many people. it should be stopped. we should enjoy the festival in a good way.

Diwali Essay In Hindi

हिंदू कई त्यौहार मनाते हैं। उनके लिए दीवाली सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। यह प्रकाश का त्यौहार भी कहलाता है। यह अक्टूबर या नवंबर में आता है। यह निर्वासन के उत्तरार्ध भगवान राम के अयोध्या लौटने के सम्मान में मनाया जाता है।

इस त्यौहार के आने से पूर्व कई दिनों के लिए लोग तैयारी में जुट जाते हैं। लोग अपने घर साफ करते हैं। वे उन्हें रंग रोगन करते  है। दुकानदार अपनी दुकान को दिवाली के अवसर पर दुल्हन की तरह सजाते है।

बड़े बूढ़े और युवा दिवाली के इस त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। इस दिन सभी के चेहरे खिले होते है तथा एक दूसरें को इस पर्व की बधाई देते हैं।

रात में रोशनी की लाइनों से सारा शहर/गाँव सज जाता हैं। दीपक व पूजा सामग्री के साथ धन व एश्वर्य की देवी माँ लक्ष्मी की पूजा आराधना की जाती है.

कुछ लोग इस दिन खेलते हैं। यह एक बुरी आदत है। इसने कई लोगों को बर्बाद कर दिया है। इसे रोका जाना चाहिए। तथा हमें दिवाली के त्योहार का आनंद लेना चाहिए।

मेरा प्रिय त्योहार दिवाली 2023 पर निबंध इन हिंदी

भारत में समय समय पर अनेक त्योहार मनाएं जाते है. इन त्योहारों में दिवाली या दीपावली एक प्रमुख त्योहार है. यह त्योहार कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है, कि इस दिन भगवान श्रीराम चौदह वर्ष का वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे थे.

इस ख़ुशी में अयोध्या के लोगो ने घी के दिए जलाए थे. उसी स्मृति में यह त्योहार ख़ुशी के पर्व के रूप में हर साल मनाया जाता है. दीवाली से दस पन्द्रह दिन पहले घरों की साफ़ सफाई और रंग रोगन का कार्य हो जाता है.

धनतेरस के दिन लोग नए बर्तन खरीदते है. चतुर्दशी को छोटी दीपावली होती है. अमावस्या की रात को सभी घरों में दीपक जलाए जाते है, तथा लक्ष्मीजी की पूजा होती है. घरों में अच्छे अच्छे व्यंजन बनते है, मिठाई खायी जाती है, बच्चें फटाखें व फुलझड़ियाँ जलाते है.

लोग आपस में मिलते है, तथा एक दुसरे के प्रति प्रेम प्रकट करते है. व्यापारी लोग इस दिन अपना बही खाता बदलते है. दीपावली या दीवाली का त्योहार खुशियों का त्योहार है.

दिवाली निबंध Essay On Diwali In Hindi Language

प्रस्तावना- हमारे देश में वर्ष भर अनेक पर्व और त्योहार मनाए जाते है. दीपावली भारतीय संस्कृति और धर्म की द्रष्टि से यह मनाया जाता है. दीपों के इस त्यौहार को देश भर के सभी लोग बड़े हर्ष और उल्लाश के दिन मनाया जाता है.

इस पर्व से कुछ दिन पूर्व तक सरकार द्वारा दीपावली का राजकीय अवकाश घोषित कर दिया जाता है. जिससे लोग इसकी तैयारियों में जुट जाते है.

मनाने का समय- दीपावली का त्यौहार कार्तिक मास में मनाया जाता है. धनतेरस से भाईदूज तक यह त्यौहार मनाया जाता है.

अमावस्या की रात को लक्ष्मी पूजन के साथ दीपावली का पर्व मनाया जाता है. इस दिन लोग अपने घरों में दीपों व् दीपमालाओ की कतारे लगाकर घर को पूर्ण रूप से सजाते है.

मनाने का कारण- दीपावली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है. इस सवाल का उत्तर अलग-अलग तरीकों से दिया जाता है. हिन्दू धर्मावलम्बी इस दिन को भगवान राम से जोड़कर मनाते है.

कहते है दिवाली के दिन ही श्रीराम जी रावण को मारकर पिता दशरथ जी द्वारा दिए गये 14 वर्ष के वनवास को पूर्ण कर अयोध्या लौटे थे.

वनवास पूर्ण पर जब वे अयोध्या लौटे तो लोगों ने घी के दिए जलाकर उनका स्वागत किया. इससे दिवाली मनाने की शुरुआत मानी जाती है. एक अन्य कथा के अनुसार इस त्यौहार को मनाने के पीछे भगवान श्री कृष्ण द्वारा नरकासुर के वध की कथा को भी मानते है.

जैन धर्म को मानने वाले इस दिन भगवान् महावीर से जुड़ा प्रंसग इसके पीछे बताते है. तो कुछ लोग इन्हे हनुमान जयंती मानते है, चाहे मनाने के पीछे जो भी सर्वमान्य कारण हो हर्ष और उल्लास से मनाए जाने वाले त्यौहार में दीपावली का हमारे त्योहारों में महत्वपूर्ण स्थान है.

इस त्यौहार से कुछ दिन पूर्व से ही पटाखों की गुज शुरू हो जाती है. दीपावली की रात पटाखों की गुज, आतिशबाजी व शौर शराबा आम तौर पर देखा जाता है. 

दीपावली के दिन सभी लोग सांयकाल से ही अपने घरों में दीपक जलाकर रोशन करते है. शहरों में लोग अपने घरों को बिजली के बल्बों, गुब्बारों व रंग बिरंगी लाइट्स से अपने-अपने घर को सजाते है.

दीपावली के एक दिन पूर्व धनतेरस पर गहने आभूषण व् बर्तन खरीद्ना गृहणिया शुभ मानती है. अगले दिन शाम को मुहूर्त पर माँ लक्ष्मी का पूजन घर-घर किया जाता है. दिवाली के दुसरे दिन गोवर्धन पूजा और भाई दूज का पर्व मनाया जाता है.

इस दिन बहिने अपने भाई के ललाट पर तिलक लगाती है. इस तरह दीपावली का पर्व धनतेरस से लेकर भाई दूज तक चार दिनों में धूम धाम से मनाया जाता है.

उपसंहार -हिंदुओ के सभी त्योहारों में दीपावली का महत्वपूर्ण स्थान है. जो उत्साह का पर्व होने के साथ साथ लोगों में मंगल कामना की भावना को प्र्जल्वित करता है. इस दिन माँ लक्ष्मी का पूजन कर सबकी उन्नति और सम्रद्धि की मंगलकामना की जाती है.

Essay on Diwali 2023- Short Essay on Diwali in English for Kids

Deepawali also called Diwali, is celebrated in India And many Other countries of the world. Although Diwali is a festival of Hindus, people of all religions have been celebrating it for centuries.

Diwali literally means the line of lamps. On this festival, people decorate the lights in and out of their houses. This festival is celebrated for five days.

Which starts with Dhanteras. Dhanteras is celebrated on the day of Triadshi of the Krishna side of the Kartik month. On the next day, the festival of fourteen and followed by Diwali is celebrated.

The importance

each festival has its social, religious, economic and scientific significance. In this way, Diwali also has its economic importance. From this day the traders start their new book accounts and try to complete the account of the last financial year.

Economic importance

Shopkeepers decorate their shops, and sellers are especially looking forward to this festival. Many companies offer big tempting offers to lure customers on the occasion of Diwali. In the same way before the Festival of Deepawali, there is a lot of initiative in the market.

Scientific importance

Along with social, Diwali has its own scientific significance. Due to the rainy season, our environment is filled with insect kites. And many types of small plants and shrubs grow. Cleanliness is done on the occasion of Deepawali once the whole environment is cleaned.

How to celebrate

In today’s time, Diwali is used more in the use of flowers than the lamp. People in the cities illuminate their homes with various types of electric bulbs.

On the other hand, in the villages, conventional soil diets are still burnt, and on this day people greet each other with sweets.

Diwali is of great importance in the lives of children, from the beginning of the Diwali season, children are prepared to prepare for bursting crackers.

Durga Puja in Bengal

Diwali is celebrated in different ways throughout the country. Durga Puja is celebrated in West Bengal on this day. After the grand panda logo and the idol establishment, there is a program of Durga Puja.

In these states, after celebrating Durga Puja, the festival is celebrated after worshiping Lakshmi. It is believed that Kali Puja of this day, after the release of Mother Kali, all the misery, Laxmiji Ji will give money to all.

Essay epilogue

In this way, the festival and festivities fill new colors of happiness in our lives. It is our tradition to celebrate different festivals, which is an important part of our Indian culture.

This festival is celebrated as a symbol of the end of all evils. To avoid any untoward event on this occasion, we need to take some precautions, because many times we hear listening to many unpleasant incidents of fireworks.

दीपावली पर निबंध Essay on Deepawali in Hindi

दीपावली दो शब्दों दीप और अवली से मिलकर बना हे. दीप का मतलब होता है दीपक और अवली का मतलब होता हे पंक्ति अर्थात दीपों की पंक्तियाँ. हमारे देश में प्रति वर्ष अनेक त्यौहार मनाये जाते है.

हिन्दुओं के त्यौहारों में रक्षाबंधन, होली, दशहरा और दीपावली प्रमुख त्यौहार है. इस त्यौहार पर लोग दीपक को पंक्तियो में रखकर रौशनी करते है. दीपक का त्यौहार होने के कारण इसे दीपावली या दिवाली कहा जाता है.

यह दो शब्दों दीप और अवली से मिलकर बना है. दीप का मतलब होता है दीपक और अवली का मतलब होता हे पंक्ति अर्थात दीपों की पंक्तियाँ.

यह त्यौहार कार्तिक मॉस की अमावस्या को मनाया जाता है. यह त्यौहार अमावस्या के दो दिन पूर्व त्रयोदशी से लेकर इसके दो दिन बाद दूज तक चलता है. इस तरह दीपावली का त्यौहार पांच दिन तक मनाया जाता है.

दीपावली मनाने का कारण (Reason Of Celebration)

इस त्यौहार के साथ हमारी अनेक पौराणिक और धार्मिक कथाएं है. हिन्दुओं की मान्यता है की इस दिन भगवान श्री राम चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे. उनके आने की ख़ुशी में अयोध्यावासियों ने अपने घरों में दीपक जलाकर उनका स्वागत किया था.

पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन समुंद्रमंथन से धन की देवी लक्ष्मी प्रकट हुयी थी. जैन धर्म वाले भगवान महावीर स्वामी से सम्बधित कथा कहते है.

कुछ लोग इस दिन हनुमान जी की जयंती मनाते है. मत चाहे कुछ भी हो लेकिन आनंद-उल्लास की दृष्टि से मनाये जाने वाले त्यौहारों में यह प्रमुख त्यौहार है.

दीपावली मनाने की विधि (Method Of Celebration)

दीपावली से पहले गृहणियां धन तेरस के दिन बर्तन खरीदना शुभ मानती है. रूपचौदस के दिन घरों की सफाई करके छोटी दीपावली मनाई जाती है. अमावस्या के दिन दीपावली का त्यौहार पुरे हर्षो-उल्लास से मनाया जाता है.

इस दिन प्रत्येक घर में लक्ष्मी पूजन होता है. दुसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है. लोग गोबर का गोवर्धन बनाकर उसे पूजते है.

कहते है इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी ऊँगली पर उठाकर मुसलाधार वर्षा से ब्रज की रक्षा की थी. इसके बाद भाई दूज का त्यौहार मनाते है.

बहनें अपने भाइयों के ललाट पर तिलक लगाती है और उन्हें मिठाइयां खिलाती है. दीपावली के दिन लोग ‘दवात पूजन’  भी करते है और अपने बहीखाते भी बदलते है. इस प्रकार यह त्यौहार पांच दिन तक बड़ी-ख़ुशी के साथ मनाया जाता है.

दीपावली का महत्व (Importance Of Deepavali)

हर त्यौहार का अपने विशेष महत्व होता है. जिस प्रकार ईद मुसलमानों में भाईचारे का त्यौहार माना जाता है, उसी प्रकार दीपावली भी स्नेह का त्यौहार है.

इस दिन सभी व्यक्ति अपने मित्रों और रिश्तेदारों से मिलते है तथा उन्हें शुभकामनाओं सहित मिठाइयाँ भेंट करते है. सांस्कृतिक पर्व की दृष्टि से यह त्यौहार पौराणिक परम्पराओं को बनाये रखने वाला है.

हिन्दुओं में मनाये जाने वाले त्योहारों में दीपावली का विशेष महत्व है. यह हमारी सामूहिक स्नेह भावना का प्रतीक है. खुद गरीबी को झेलते हुए भी भारतवासी उल्लास के साथ इस पर्व को मनाते है, लक्ष्मी पूजन करते है और करते रहेंगे.

इस त्यौहार का लोग बेसर्बी से इन्तजार करते है. बच्चे पटाखें जलाते हे, सारा परिवार एक जगह साथ होता है, लोग साथ में खाना खाते है और अपने सारे गिले-शिकवे भुलाकर गले मिलते है.

इसी लिए तो हमारा देश अनेकता में एकता का सिद्दांत लिए चलता है. पूरा बाज़ार इस दिन चकाचौंध से भरा रहता है.

दिवाली मेरा प्रिय त्योहार दीपों का त्योहार : दीपावली निबंध

भारत कृषि प्रधान देश है हमारे यहाँ त्योहारों एवं उत्सवों का विशेष महत्व हैं जैसे ही ऋतू परिवर्तन होता हैं, खेत में नई फसल पक जाती हैं. तब मानव मन अपनी ख़ुशी को उत्सवों और त्योहारों के रूप में प्रकट करता हैं, दिवाली भी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार हैं यह सामाजिक एवं सांस्कृतिक महत्व से भी मनाया जाता हैं.

दिवाली मनाने का कारण

इस त्योहार को मनाने का एक कारण यह है कि इसी दिन भगवान राम लंका के राजा रावण पर विजय प्राप्त करके और चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे.

उनके आने की ख़ुशी में घर घर में दीपक जलाए गये थे. उसी पुण्य दिवस की ख़ुशी में यह त्योहार मनाया जाता हैं. इसके साथ ही इस त्योहार को मनाने के पीछे अन्य कारण भी माने जाते हैं. जैसे भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर राक्षस का वध किसानों की धान की फसल पकना आदि.

उत्सव की शोभा-  दिवाली का त्योहार कार्तिक मॉस की अमावस्या को प्रतिवर्ष मनाया जाता हैं. इस त्योहार को मनाने के लिए घरों की सफाई रंगाई पुताई की जाती हैं.

दिवाली के दिन गाँवों शहरों और कस्बों में दीपक जलाये जाते हैं. बिजली की रंग बिरंगी रोशनी से घर बाजार और दुकाने सजाई जाती हैं. सभी लोग लक्ष्मी पूजन करते हैं. मिठाइयाँ खाते हैं. और बच्चे पटाखे छुड़ाकर मन की ख़ुशी को प्रकट करते हैं.

अमावस्या के दो दिन पहले धनतेरस को लोग नयें बर्तन खरीदना शुभ मानते हैं. चतुर्दशी को छोटी दिवाली मनाई जाती हैं और अमावस्या के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है

उसके दूसरे दिन भैया दूज का त्योहार मनाया जाता हैं. इस दिन बहिने अपने भाइयों को तिलक करती हैं और मिठाइयाँ खिलाती हैं.

लाभ हानि-  इस त्योहार से सबसे बड़ा लाभ यह है कि घरों की सफाई हो जाती हैं लोगों के घर घर जाकर उनसे मिलने से प्रेम सहयोग की भावना का विकास होता हैं. इस त्योहार पर कुछ लोग जुआ खेलते हैं यह सबसे बड़ी हानि हैं.

उपसंहार-  यह हिन्दुओं का प्रमुख त्योहार हैं यह समाज की सामूहिक मंगलेच्चा का प्रतीक हैं. इस अवसर पर लोग सबकी खुशहाली और सम्रद्धि की मंगल कामना करते हैं, यह भारतीय जनजीवन के आनन्द और उल्लास का त्योहार हैं.

बच्चों के लिए दिवाली का निबंध Diwali Essay In Hindi For Child

इस साल 4 नवम्बर को दिवाली आ रही है. हमने इससे पूर्व के कई आर्टिकल में हैप्पी दिवाली sms, संदेश, शायरी, धनतेरस और लक्ष्मी पूजा के बारे में भी काफी लेख लिखे है.

आज के लेख में हम बात करेगे यह त्यौहार कब क्यों और कैसे मनाया जाता है. इसका इतिहास और महत्व से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बाते आपसे साँझा कर रहा हु.

दीपावली का अर्थ

दीपावली और दिवाली का एक ही अर्थ होता है. कुछ लोग इन्हें दियाली और दिपाबली भी कहते है. मुख्यत ये संस्कृत भाषा का शब्द है.

जिसका अर्थ होता है दीपों की लाइन. अवली को पक्ति श्रेणी या लाइन भी कहा जाता है. इस तरह दीपक की माला या पक्ति को दीपावली कहा जाता है. इसी कारण इसे दीपोत्सव भी कहा जाता है.

जिस तरह मुस्लिम सम्प्रदाय के लिए ईद, ईसाईयों के लिए क्रिसमस और सिख सम्प्रदाय के लिए बैशाखी और लाहोड़ी का महत्व है. ठीक उसी प्रकार यह दीपों का त्यौहार हिन्दू वर्ग के अनुनायियों के लिए बड़ा उत्सव है.

हिन्दू पंचाग के अनुसार इसे कार्तिक अमावस्या को दिवाली जिसे लक्ष्मी पूजा भी कहा जाता है पर्व मनाया जाता है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह नवम्बर माह में पड़ता है.

वैसे दीपावली का उत्सव पांच दिनों तक चलता है, जिनमे धनतेरस और लक्ष्मी पूजन का बड़ा महत्व माना जाता है.

इस पंचदिवसीय पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है इसके बाद नरक चतुदर्शी और अगले दिन दिवाली इसके बाद के उत्सव गौवर्धन पूजा एवं भाई दूज के रूप में जाने जाते है.

देशभर में धूमधाम से मनाए जाने वाले यह पर्व अन्धकार पर उजाले का प्रतीक माना जाता है.

दीपावली क्यों मनाते हैं कहानी/कथा

पुरा काल में राजा दशरथ जी के घर जन्मे श्रीराम से Diwali Story जुड़ी मानी जाती है. राम जी के पिता दशरथ अयोध्या के शासक थे, जो वर्तमान में उत्तरप्रदेश का बड़ा शहर है.

वृद्धावस्था में दशरथ जी ने अपने उतराधिकारी राम को बनाया, मगर पूर्व वर्षो में किसी घटना में कैकेयी (दशरथ की रानी) को उनके प्राण बचाने के कारण एक वर दिया था.

कैकेयी ने पुत्र मोह में आकर राम की जगह अपने बेटे भरत को अयोध्या का शासक बनाना चाहा, तथा उन्हें वर के उपयोग की तकरीब सूझी.

तभी कैकेयी ने अपने वर के रूप में राम को चौदह साल का वनवास और भरत को राजगद्दी दिलाने का आग्रह किया. अपने पिता के वचन के चलते राम ने वनवास जाना उचित समझा तथा भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ वन को गये.

वनवास के 14 वें साल में लंका के शासक रावण की बहिन सूर्पनखा के लक्ष्मण द्वारा नाक काट दिए जाने पर राक्षसराज ने प्रतिशोध के रूप में सीता का अपहरण कर लिया.

सीता हरण की जब राम को खबर मिली तो उन्होंने सीता का पता लगाने के लिए वानर राज सुग्रीव की मदद ली तथा लंका पर चढ़ाई की.

कई महीनों के यत्न के बाद राम और रावण का युद्ध भूमि में सामना हुआ, फलस्वरूप रावण मारा गया तथा राम सीता सहित अपना वनवास पूरा कर अयोध्या आए.

अयोध्या के लोगों ने जब राम के आने की खबर पता चली तो उन्होंने घी के दिए जलाकर पुरुषोतम राम का स्वागत किया. इसी परम्परा का निर्वहन करते हुए आज भी घी के दिए जलाकर दिवाली का उत्सव मनाया जाता है.

दीपावली पर्व का महत्व

दीपावली के उत्सव पर लोग अपने घरों की मरम्मत, सफ़ेदी आदि का कार्य करवाते हैं| लोग धर्म और आस्था के साथ माँ लक्ष्मी की पूजा आराधना करते है. तथा लक्ष्मी के स्वागत के लिए अपने घर और दूकान को दुल्हन की तरह सजाते है.

व्यापारियों के लिए इन पांच दिनों में सबसे अधिक खरीददारी होती है. दीपावली से नये वर्ष की शुरुआत होती है तथा नए बही खाते बनाए जाते है.

सरकारी कर्मचारियों को लम्बी छुट्टिया मिलती है जिससे वे अपने स्वजनों के साथ इस पर्व को मना पाते है. चारो ओर घी के दियों की रोशनी से वर्षा ऋतू में पनपे जीवाणु और कीट भी समाप्त होते है. जिससे पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद मिलती है.

कई दिनों तक घरों की साफ़ सफाई और रंग रोगन से स्वच्छता का माहौल बनता है. जैन धर्म के लोग इसे महावीर स्वामी के निर्वाण दिवस के रूप में मनाते है. सिख सम्प्रदाय में इसे मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है, इस दिन हरगोबिन्द जी को जेल से मुक्ति मिली थी.

दीपावली पर निबंध Short Essay On Diwali In Hindi

दीपावली भारत में मनाया जाने वाला एक ऐसा त्यौहार है जिसका धार्मिक ही नही बल्कि बड़ा सामाजिक और वैज्ञानिक महत्व भी है. कहने को तो यह हिन्दू धर्म का त्यौहार माना जाता है, मगर भारत में सभी धर्मो सम्प्रदायों के लोग इसे बड़े उत्साह के साथ मनाते है.

दीपावली का शाब्दिक अर्थ होता है दीपों की पक्ति . इस दिन लोग दीपों को अपने घर व् बाहर पक्तिबद्ध रुप से सजाते है. इस तरह यह प्रकाश यानि रोशनी का पर्व है.

इसे कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन मनाया जाता है. धन और एश्वर्य की देवी कही जाने वाली देवी माँ लक्ष्मी की इस दिन विशिष्ट पूजा अराधना की जाती है.

दीपावली मनाने का तरीका

आज के समय में लोग इस पर्व पर दियो की बजाय मोमबत्ती का अधिक उपयोग करते है. साथ ही शहरी व नगरीय क्षेत्र में विभिन्न रंगो की रोशनी के बिजली के बल्बों का उपयोग भी बेहद लोकप्रिय है.

इस दिन पूरा देश दियों व लाइट्स से जगमगा उठता है. शहरों में भले ही दिवाली की चकाचौध अधिक हो मगर भारत के गाँवों में आज भी घी के दियों के साथ यह उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है . जो हमारी ग्रामीण संस्कृति की सुन्दरता का परिचायक है.

इस दिन लोग अपने परिवार जनों व रिश्तेदारों को मिठाइयाँ और उपहार भेट करते है, घर घर में सुंदर रंगोलियाँ बनाई जाती है. अन्य उत्सवो भी भांति दीपावली का त्योंहार भी बच्चों के लिए विशेष महत्व का है.

दिवाली के कुछ दिन पूर्व से ही बच्चें पटाखों और फुलझड़ियो कों चलाने में मग्न रहते है तथा इस उत्सव का पूरा लुफ्त उठाते है.

दीपावली पर लक्ष्मी पूजा

लक्ष्मी पूजा के पूर्व का एक दिन नर्क चतुर्दशी कहलाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान् श्री कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था. इस दिन को नर्क चतुदर्शी मनाई जाती है.

इससे पूर्व का एक दिन धनतेरस के रूप में मनाया जाता है. जिन्हें धन त्रयोदशी भी कहा जाता है. इस दिन सोना चांदी और धातु के बर्तनों की खरीददारी करना शुभ माना जाता है.

लक्ष्मी पूजा यानि दीपावली के दुसरे दिन गौवर्धन पूजा होती है. कहते है इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने इसी दिन देवराज इंद्र को पराजित किया था तथा गौवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठाया था.

दीपावली मनाने के पीछे कई कारण जुड़े हुए है रामायण की धार्मिक कथा के अनुसार भगवान श्री राम आज ही दिन चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे.

लम्बे समय बाद राम सीता लक्ष्मण के दर्शन और आगमन की ख़ुशी में अपने घर और पुरे अयोध्या नगर को दीपमालाओं से सजा दिया था. उस दिन से लेकर आज तक हिन्दू धर्मावलम्बी कार्तिक कृष्ण अमावस्या के दिन को दीपावली के पर्व के रूप में मनाते आ रहे है.

दीपावली की कथा

लक्ष्मी पूजा और धन तेरस के सम्बन्ध में भी कहा जाता है कि इसी दिन समुद्र मंथन से लक्ष्मी जी की उत्पति हुई थी. इसी धारणा के चलते दीपावली के दिन धन और एश्वर्य की देवी माँ लक्ष्मी की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है.

माना जाता है भारतीय चिकित्सा पद्दति के जनक और आयुर्वेद के प्रणेता भगवान धन्वन्तरी भी इस दिन जन्मे थे. इसलिए भी त्रयोदशी को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है.

दीपावली मनाने का अपना सामाजिक महत्व भी है. कार्तिक कृष्ण अमावस्या तक किसान वर्ग खरीफ की फसल ले चुके होते है. अच्छी फसल के उत्पादन की ख़ुशी का इजहार करने का समय माना जाता है.

दीपावली के आगमन से पूर्व लोग स्वच्छ कपड़े खरीदते है, बर्तनों व आभूषणों की खरीददारी भी की जाती है. दिवाली से कुछ दिन पूर्व लोग अपने घरों को साफ़ सुथरा बनाकर सजाते है.

Short Essay On Diwali In Hindi In 600 Words For Students

पश्चिम बंगाल में लोग दीपावली को दुर्गा पूजा (काली पूजा) के रूप में मनाते है. वहां बड़े बड़े पंडालो और मन्दिरों में काली की मूर्ति की स्थापना की जाती है.

इसके पश्चात वहां पर लक्ष्मी की पूजा आराधना होती है. काली पूजा इसलिए की जाती है ताकि वह हमारे जीवन में व्याप्त सम्पूर्ण दुखो का नाश करे व् इसके बाद लक्ष्मी जी हमारे जीवन को सुख सम्रद्धि से परिपूर्ण कर दे.

दीपावली के दिन कई स्थानों पर मेलो का भी आयोजन होता है. दीपावली सामाजिक और धार्मिक महत्व होने के साथ साथ आर्थिक महत्व भी है. इस दिन से पूर्व खासकर व्यापारी वर्ग वर्ष भर के सम्पूर्ण खातों को पूरा कर दीपावली के दिन से नये बही खाते की शुरुआत करते है.

बड़ी संख्या में बाजार में लोगों द्वारा खरीददारी किये जाने के कारण व्यापारी लोग अपनी दुकानों को आकर्षक ढंग से सजाते है. साथ ही कई कम्पनियों द्वारा दीपावली के अवसर पर विभिन्न उत्पादों पर बड़ी छुट और बेस्ट ऑफर प्रदान किये जाते है.

दीपावली का अपना वैज्ञानिक महत्व भी है, वर्षा ऋतू की समाप्ति पर हमारे वातावरण में असंख्य संख्या में कीट पतंग उत्पन्न हो जाते है. जो व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते है.

दीपावली से पूर्व घरों में और कृषिजन्य कचरे की सफाई से वातावरण को स्वच्छ रखने में मदद मिलती है. लिपाई पुताई व दीपावली के दिन दियो की रौशनी से इस प्रकार के कीट पतंग मर जाते है. इस तरह एक उत्सव के रूप में दिवाली प्रत्यक्ष रूप से हमारे वातावरण को स्वच्छ बनाने में मदद करती है.

प्रतीक के रुप में दीपावली का पर्व अँधेरे पर प्रकाश की विजय का त्यौहार है. जो सभी को भाईचारे व प्रेम का संदेश देता है. भले ही दिवाली अमावस्या की अन्धकार भरी रात को मनाई जाती है.

मगर हर घर गली से दीपकों की रोशनी से पूरा विश्व नहला जाता है साथ ही दीपावली का पर्व हमे यह सीख भी देता है कि चाहे कितनी बड़ी विपति हो सामूहिक रूप से उसका सामना कर पार पाया जा सकता है.

दीपों का यह त्यौहार हमे जीवन से अज्ञानता रूपी अँधेरे को भगाकर ज्ञान रूपी प्रकाश की ज्योति जलाने की सीख देता है. विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक त्यौहार हमारे दिलों में ख़ुशी और उत्साह का संचार करते है. हमारे देश में त्यौहार मनाने की एक विशेष परम्परा रही है.

जिनमे विभिन्न तिथियों और महीनों में उत्सव मनाए जाते है. दीपावली जैसे त्यौहार हमारे देश की अनेकता में एकता की विशेषता को बढ़ाने में योगदान देते है. हमे आवश्यकता है इस प्रकार के उत्सवो की परम्परा को निरंतर कायम रखने की.

अधिक मात्रा में खतरनाक और पर्यावरण प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों का दीपावली के अवसर पर उपयोग करना इसकी सुन्दरता को धब्बा लगाने जैसा है, हमे इस प्रकार की बुराइयों को समाप्त करने की पहल करनी चाहिए.

अत्यधिक मात्रा में विस्पोट पदार्थो का उपयोग व आतिशबाजी जैसी चीजों को इस पर्व से निकाल दिया जाए तो वाकई दीपावली अपने वास्तविक उद्देश्यों को पूर्ण करती नजर आती है.

दिवाली पर निबंध  Short Essay On Diwali In Hindi In 500 Words With Headings

दीपावली का इतिहास-   दीपावली हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है. दीपावली प्रकाश या दीपों का उत्सव हैं. ऐसी मान्यता है कि भगवान राम इसी दिन रावण पर विजय प्राप्त करके अयोध्या लौटे थे. अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत और उल्लास में सारे नगर में दीपमालाएँ सजाई थी.

जैन धर्मावलम्बियों, आर्यसमाजी, सिखों और कृष्णभक्तों के लिए भी यह उत्सव का दिन हैं. कुछ लोगों के अनुसार यह कृषि उत्सव हैं. नई फसल के आगमन का त्यौहार हैं. दीपावली के त्यौहार का इतिहास बहुत प्राचीन हैं.

इस त्यौहार को मनाना कब आरम्भ हुआ, यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता. भारत में ऋतु परिवर्तन पर त्यौहार मनाने की परम्परा रही हैं. दीपावली भी उनमें से एक हैं.

मनाने का समय और स्वरूप-  दीपावली का उत्सव कार्तिक मास की अमावस्या की रात को मनाया जाता हैं. इस त्यौहार के पूर्व घरों की सफाई, लिपाई पुताई और सजावट हो जाती हैं. अमावस्या के दिन लक्ष्मी जी का पूजन करके रात में घर, दुकान, बाजार सभी स्थानों पर दीपक जगमगाएं जाते हैं.

आतिशबाजी चलाई जाती हैं. और मिठाई बाटी जाती हैं. व्यापारी लोग इस त्योहार को विशेष उत्सव के रूप में मनाते हैं. बही खाते बदले जाते हैं. उनका पूजन होता है. मित्रों, प्रियजनों और कर्मचारियों को मिठाई वितरित की जाती हैं.

अन्य त्यौहार-  दीपावली पांच त्यौहारों का सम्मिलित स्वरूप हैं. दीपावली का मुख्य त्यौहार कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता हैं. पहले दिन धनतेरस मनाई जाती हैं.इस दिन स्वास्थ्य और आरोग्य के प्रवर्तक वैद्य धन्वन्तरि की पूजा की जाती हैं.

नयें बर्तन तथा सोने चांदी के गहने खरीदे जाते है. दूसरे दिन के रूप में चौदस का त्यौहार मनाया जाता हैं. इस दिन स्त्रियाँ सजती संवरती हैं. और रूप सज्जा करती हैं. तीसरे दिन प्रमुख त्यौहार दीपावली मनाया जाता हैं.

चौथे दिन प्रतिपदा को गौवर्धन पूजा होती हैं. इस दिन कृष्ण ने देवताओं के राजा इंद्र का मानमर्दन किया था. इससे क्रोधित होकर इंद्र ने भीषण वर्षा की. ब्रजवासियों की रक्षा के लिए श्रीकृष्ण ने गोर्वधन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठा लिया था.

गोवर्धन पूजा के बाद भैया दौज का त्यौहार मनाया जाता हैं. बहनें अपने भाइयों के तिलक करती हैं. मिष्ठान भेट करती हैं. तथा उनके दीर्घ जीवन की कामना करती हैं. इसको यम द्वितीया भी कहा जाता हैं. भाई बहिन साथ साथ यमुना में स्नान करते हैं. इससे यमलोक की यातना से मुक्ति मिलती हैं.

महत्व-   दीपावली स्वच्छता और साज सज्जा का त्यौहार हैं. इस त्यौहार पर घरों की सफाई और पुताई होने से वर्षा ऋतु में उत्पन्न मच्छर कीट पतंगे नष्ट हो जाते हैं.

यह त्यौहार जीवन में धन के महत्व का स्मरण करवाता हैं. लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं प्रदान करते हैं. इससे सामजिक मेल मिलाप बढ़ता हैं. इस त्यौहार का सम्बन्ध स्वास्थ्य, स्वच्छता, धन की महत्ता, मानवीय सम्बन्धों और सामाजिकता की भावना से हैं.

दीपावली / दीवाली त्यौहार पर निबंध 2023 Essay on Diwali Festival in Hindi 

भारत त्योहारों का देश है, दीपावली हिन्दुओं का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार हैं. यह त्योहार कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता हैं.

मनाने का कारण -दीपावली के समय हमारे यहाँ पर खरीफ की पैदावार तैयार हो जाती हैं. अतः पूर्वजों ने देवताओं को नया अन्न भेट करने के लिए उत्सव मनाने का प्रचलन किया था.

यह भी कहा जाता है कि भगवान श्रीराम चौदह वर्ष के वनवास के बाद इसी दिन अयोध्या लौटे थे. अतः अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में घी के दीप जलाकर यह उत्सव मनाया था.

मनाने का तरीका -दीपावली का उत्सव कई दिन चलता हैं अर्थात कृष्ण पक्ष की तेरस से शुक्ल पक्ष की दूज तक. धनतेरस के दिन दीपक जलाकर सब लोग अपने द्वार पर रखते हैं. बर्तन खरीदना इस दिन शुभ माना जाता हैं.

दूसरे दिन को छोटी दिवाली कहते हैं. तीसरे दिन लो लक्ष्मीजी का पूजन होता हैं. लोग घरों दुकानों और कार्यालयों को दीपकों रंग बिरंगे बिजली के बल्बों की मालाओं से सजाते हैं. ऐसा विश्वास है कि लक्ष्मीजी इस दिन प्रत्येक घर आती हैं.

और जिस घर की स्वच्छता व सुन्दरता से प्रसन्न हो जाती हैं. उस दिन को अपने निवास के लिए चुन लेती हैं. इस दिन सब लोग नवीन वस्त्र धारण करते हैं तथा अपने इष्ट मित्रों को मिठाइयाँ देते हैं. चौथे दिन गोवर्धन पूजा होती हैं. पांचवा दिन भैया दूज या यम द्वितीया का होता हैं.

दीपावली का महत्व – दीपावली हिन्दुओं का महत्वपूर्ण त्योहार हैं. इस अवसर पर घरों की सफाई, लिपाई, पुताई हो जाती हैं. दीपक जलाने से वातावरण शुद्ध होता हैं. बीमारी फ़ैलाने वाले मच्छर, कीड़े और पतंग सब मर जाते हैं.

कुरीतियाँ – दीपावली एक अत्यंत पवित्र त्योहार हैं. परन्तु कुछ कुरीतियों ने इसके स्वरूप को बिगाड़ दिया हैं. कुछ लोग इस दिन जुआ खेलते हैं. हजारों रूपये हार जाते हैं, लाखों रूपये के पटाखे जला दिए जाते हैं, इससे प्रायः भयंकर दुर्घटनाएं हो जाती हैं.

उपसंहार – दीपावली हिन्दुओं का एक पवित्र और महत्वपूर्ण त्योहार हैं. यह हमे प्रसन्नता का संदेश देता हैं.

दीपावली पर निबंध कैसे लिखें?

दीपावली एक जाना माना त्यौहार है। इसलिए इस पर निबंध लिखना काफी आसान है परंतु फिर भी बता दें कि दीपावली पर निबंध लिखने के लिए पहले आपको यह पता करना है कि दीपावली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है। इसके बाद आपको यह पता करना है कि दीपावली का त्यौहार कब मनाया जाता है।

अब आप को इस बात की जानकारी इकट्ठा करनी है कि दीपावली के त्यौहार के मौके पर किसकी पूजा की जाती है और दीपावली त्यौहार को लेकर के क्या-क्या तैयारियां की जाती है तथा दीपावली के दिन क्या होता है और दीपावली का त्यौहार कैसे मनाया जाता है।

इन सभी बिंदुओं के बारे में जानकर आप दीपावली पर अच्छा निबंध लिख सकते हैं। इसके अलावा दीपावली का त्यौहार कितने दिनों तक चलता है। दीपावली पर क्या करें और क्या ना करें। इत्यादि बातों को भी आप अगर निबंध में शामिल करते हैं तो आप बेहतरीन निबंध तैयार कर सकते हैं।

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दीपावली पर निबंध – Diwali Essay In Hindi

diwali essay in hindi with headings

Essay On Diwali In Points

1. दिवाली हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है जिसे बहुत उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। 2. हिन्दू महाकाव्य रामायण के अनुसार दीपावली का त्यौहार श्री राम भगवान, सीता माता और लक्ष्मण के 14 वर्ष 2 महीने के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। 3. दीपावली का त्योहार अक्टूबर या नवम्बर के महीने में कार्तिक मास के अमावस्या के दिन मनाया जाता है। 4. इस पर्व के दिन लोग रात को अपनी प्रसन्नता प्रकट करने के लिए दीपों की पंक्तियाँ जलाते हैं और प्रकाश करते हैं इसलिए इसे दीपों का पर्व भी कहा जाता है। दीपावली को तद्भव भाषा में दीवाली भी कहा जाता है। 5. इस दिन समुद्र मंथन के समय लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था इसी वजह से दीपावली पर लक्ष्मीजी की पूजा की जाती है और घर में धन-धान और एश्वर्य की कामना की जाती है।। 6. दीपावली की तैयारियां लोग दशहरे से ही करने लग जाते हैं। दीपावली से पहले सभी लोग अपने घरों की सफाई करते हैं और घर की लिपाई-पुताई करवाते हैं। 7. दीपावली के अवसर पर लोग अपने लिए नए कपड़े, मोमबत्तियां, खिलौने, पटाखे, मिठाईयां, रंगोली बनाने के लिए रंग और घरों को सजाने के लिए बहुत सामान खरीदते हैं। 8. इस शुभ अवसर पर, बाजारों में गणेश जी, लक्ष्मी जी, राम जी आदि की मूर्तियों की खरीदारी की जाती है। बाजारों में खूब चहल पहल होती है। 9. इस दिन लोग अपने ईष्ट बन्धुओं और मित्रों को बधाई देते हैं और नूतन वर्ष में सुख-समृदधि की कामना करते हैं। बालक-बालिकाएं नए कपड़े पहनकर मिठाईयां बांटते हैं। 10. बच्चे अपनी इच्छानुसार बम, फुलझड़ियाँ तथा अन्य पटाखे खरीदते हैं और आतिशबाजी का आनंद उठाते हैं। 11. यह त्यौहार नया जीवन जीने का उत्साह प्रदान करता है। हमें इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि हमारे किसी भी काम और व्यवहार से किसी को भी दुःख न पहुंचे तभी दीपावली का त्यौहार मनाना सार्थक होगा।

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Essay On Diwali In Details

भारत को त्यौहारों का देश माना जाता है। भारत के प्रमुख त्यौहार होली, रक्षाबंधन, दशहरा और दीपावली हैं पर इन सभी त्यौहारों में दीपावली सबसे अधिक प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार दीपों का पर्व है। जब हम अज्ञान रूपी अंधकार को हटाकर ज्ञान रूपी प्रकाश प्रज्ज्वलित करते हैं तो हमें एक असीम और आलौकिक आनन्द का अनुभव होता है। दीपावली भी ज्ञान रूपी प्रकाश का प्रतीक है।

इस दिन दीप जलाये जाते हैं इसलिए इसे दीपों का पर्व भी कहा जाता है। दीपावली को तद्भव भाषा में दीवाली भी कहा जाता है। दीपावली को हिन्दुओं का सबसे प्रमुख त्यौहार माना जाता है। दीपावली को लोग बहुत ही उत्साह के साथ मनाते है।

दीपावली का त्यौहार पांच दिन तक मनाया जाता है। दशहरे के त्यौहार के बाद से ही दीपावली की तैयारियां की जाने लगती हैं। जो लोग नौकरियां करते हैं उन्हें दीपावली का पर्व मनाने के लिए कुछ दिनों की छुट्टियाँ भी दी जाती हैं ताकि वे अपने परिवार के साथ खुशी से दीपावली मना सकें।

दीपावली को अक्टूबर या नवम्बर के महीने में मनाया जाता है।  इस पर्व के दिन लोग रात को अपनी प्रसन्नता प्रकट करने के लिए दीपों की पंक्तियाँ जलाते हैं और प्रकाश करते हैं। नगर और गाँव दीपों की पंक्तियों से जगमगाने लगते हैं ऐसा लगता है मानो रात दिन में बदल गयी हो।

दीपावली का अर्थ

दीपावली शब्द संस्कृत से लिया गया है। दीपावली दो शब्दों से मिलकर बना होता है दीप और आवली जिसका अर्थ होता है दीपों से सजा। दीपावली को रोशनी का त्यौहार और दीपोत्सव भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन चारों और दीपों की रोशनी होती है। इस दिन हम सभी दीपों की पंक्ति बनाकर अंधकार को मिटाने में जुट जाते हैं और अमावस्या की अँधेरी रात जगमग असंख्य दीपों से जगमगाने लगती है।

दीपावली का यह पावन पर्व कार्तिक मांस की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। गर्मी और वर्षा ऋतू को विदा कर शीत ऋतू के स्वागत में यह पर्व मनाया जाता है। उसके बाद शीत के चन्द्र की कमनीय कलाएं सबके चित्त-चकोर को हर्ष विभोर कर देती है। शरद पूर्णिमा को ही भगवान कृष्ण ने महारास लीला का आयोजन किया था। इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।

दीपावली का इतिहास

जब भगवान श्री राम लंकापति रावण को मारकर और चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे तो अयोध्यावासियों ने उनके आगमन पर प्रसन्नता प्रकट करने के लिए और उनका स्वागत करने के लिए दीपक जलाए थे। उसी दिन की पावन स्मृति में यह दिन बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है।

इस दिन के अवसर पर भगवान राम की स्मृति बिलकुल ताजा हो जाती है। इस दिन समुद्र मंथन के समय लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था इसी वजह से दीपावली पर लक्ष्मीजी की पूजा की जाती है और घर में धन-धान और एश्वर्य की कामना की जाती है। इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध भी किया था।

दीपावली की तैयारियां

दीपावली की तैयारियां लोग दशहरे से ही करने लग जाते हैं। दीपावली से पहले सभी लोग अपने घरों की सफाई करते हैं और घर की लिपाई-पुताई करवाते हैं। दीपावली के अवसर पर लोग अपने लिए नए कपड़े, मोमबत्तियां, खिलौने, पटाखे, मिठाईयां, रंगोली बनाने के लिए रंग और घरों को सजाने के लिए बहुत सामान खरीदते हैं।

दीपावली के दिन पहनने के लिए नए कपड़े बनवाए जाते हैं, मिठाईयां बनाई जाती हैं। घरों को सजाने के लिए बिजली से जलने वाली झालर लगाई जाती है। दीपावली भारत का सबसे अधिक प्रसन्नता और मनोरंजन का पर्व है। इस दिन बच्चों से लेकर बूढों तक में खुशी की लहर उत्पन्न हो उठती है।

आतिशबाजी और पटाखों की आवाज से सारा आकाश गूंज उठता है। लोग शरद ऋतू के आरम्भ में घरों की लिपाई पुताई करवाते हैं तथा कमरों को चित्रों से सजवाते हैं। अच्छी तरह से साफ-सफाई करने की वजह से मक्खी-मच्छर भी दूर हो जाते हैं।

दीपावली पर्व का महत्व

दीपावली का भारत देश में बहुत अधिक महत्व है। इस दिन को अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक माना जाता है। इस दिन को बहुत ही सुंदर और बड़े पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है। दीपावली के दिन धन की देवी लक्ष्मी जी, सरस्वती जी और गणेश भगवान की पूजा की जाती है।

हिन्दू महाकाव्य रामायण के अनुसार दीपावली का त्यौहार श्री राम भगवान, सीता माता और लक्ष्मण के 14 वर्ष 2 महीने के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। भारत के कुछ क्षेत्रों में महाकाव्य महाभारत के अनुसार दीपावली त्यौहार को पांडवों के 12 वर्ष के वनवास और 1 वर्ष के अज्ञातवास के बाद लौटने की खुशी में भी मनाया जाता है।

ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन देवी-देवताओं और राक्षसों द्वारा समुद्र मंथन करते समय माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था। भारत के कुछ पूर्वी और उत्तरी क्षेत्रों में नव हिंदी वर्ष के रूप में भी इस त्यौहार को मनाया जाता है।

दीपावली का वर्णन

दीपावली त्यौहार कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। दीपावली का त्यौहार पांच दिनों तक चलने वाला सबसे बड़ा त्यौहार होता है। दीपावली से तीन दिन पहले धनतेरस आती है इस दिन अहोई माता का पूजन किया जाता है। इस दिन के अवसर पर लोग पुराने बर्तनों को बेचते हैं और नए बर्तनों को खरीदते हैं।

सभी बर्तनों की दुकानें बर्तनों से बहुत ही अनोखी दिखाई देती है। चतुर्दशी के दिन लोग घरों के कूड़े-करकट को बाहर निकालते हैं। कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। धनतेरस के दिन व्यापारी अपने नए बहीखाते बनाते हैं।

अगले दिन नरक चौदस के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करना अच्छा माना जाता है। अमावस्या के दिन लक्ष्मीजी की पूजा की जाती है। पूजा में खील-बताशे का प्रसाद चढाया जाता है। नए कपड़े पहने जाते हैं। असंख्य दीपों की रंग-बिरंगी रोशनियाँ मन को मोह लेती हैं।

दुकानों, बाजारों और घरों की सजावट दर्शनीय रहती है। अगला दिन परस्पर भेंट का दिन होता है। एक-दूसरे के गले लगकर दीपावली की शुभकामनाएँ दी जाती हैं। गृहिणियां मेहमानों का स्वागत करती हैं। लोग छोटे-बड़े, अमीर-गरीब का भेदभाव भूलकर आपस में मिलकर इस त्यौहार को मनाते हैं।

महापुरुषों का निर्वाण दिवस

दीपावली के दिन ही जैनियों के तीर्थकर महावीर स्वामी ने निर्वाण प्राप्त किया था। इसी वजह से यह दिन जैन भाईयों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्वामी दयानन्द और स्वामी रामतीर्थ भी इसी दिन निर्वाह को प्राप्त हुए थे। ऋषि निर्वाणोत्सव का दिन आर्य समाजी भाईयों के लिए विशेष महत्व रखता है। सिक्ख भाई भी दीपावली को बड़े समारोह के साथ मनाते हैं। इस प्रकार यह दिन धार्मिक दृष्टि से बड़ा पवित्र होता है।

लक्ष्मी पूजन

यह पर्व शुरू में महालक्ष्मी पूजा के नाम से मनाया जाता था। कार्तिक अमावस्या के दिन ही समुद्र मंथन में महालक्ष्मी जी का जन्म हुआ था। आज भी इस दिन घरों में महालक्ष्मी जी की पूजा की जाती है।

इस दिन लोग अपने ईष्ट बन्धुओं और मित्रों को बधाई देते हैं और नूतन वर्ष में सुख-समृदधि की कामना करते हैं। बालक-बालिकाएं नए कपड़े पहनकर मिठाईयां बांटते हैं। रात के समय में आतिशबाजी चलाते हैं। बहुत से लोग रात के समय लक्ष्मी पूजन भी करते हैं। कहीं-कहीं पर दुर्गा सप्तमी का पाठ किया जाता है। जो लोग तामसिक वृत्ति के होते हैं वे जुआ खेलकर बुद्धि नष्ट करते हैं।

स्वच्छता का प्रतीक

दीपावली जहाँ पर अंत:करण के ज्ञान का प्रतीक है वहीं पर बाह्य स्वच्छता का भी प्रतीक है। घरों में मच्छर, खटमल, पिस्सू आदि धीरे-धीरे अपना घर बना लेते हैं। मकड़ी के जाले लग जाते हैं इसीलिए दीपावली से कई दिन पहले से ही घरों की सफाई, लिपाई, पुताई और सफेदी होने लग जाती है। सारे घर को चमकाकर स्वच्छ किया जाता है। लोग अपनी परिस्थिति के अनुकूल घरों को सजाते हैं।

किसी अच्छे उद्देश्य को लेकर बने त्यौहार में भी कालान्तर में विकार पैदा हो जाते हैं। जिस लक्ष्मी की पूजा लोग धन-धान्य की प्राप्ति हेतु बड़ी श्रद्धा से करते थे उनकी पूजा बहुत से लोग जुआ खेलने के लिए भी करते हैं। जुआ खेलना एक प्रथा बन गयी है जो समाज व पावन पर्वों के लिए एक कलंक के समान है।

इसके अलावा आधुनिक युग में बम्ब पटाखों से हुए कई दुष्परिणाम भी देखने को मिलते हैं। आज के समय में पुरे भारत में पटाखों का प्रयोग बहुत ही जोर-शोर से होता है। ऐसा माना जाता है कि दीपावली के दिन भारत के प्रदुषण की मात्रा 50% बढ़ जाती है। पटाखों का उपयोग करके हम थोड़ी देर के मजे के लिए अपने पर्यावरण को बहुत हद तक बर्बाद कर देते हैं।

आतिशबाजी हमारे शरीर और पर्यावरण दोनों के लिए बहुत ही हानिकारक होती है। दीपावली में पटाखों का प्रयोग करके हम भारतीय केवल भारत का ही नहीं बल्कि पूरे विश्व का प्रदुषण बढ़ाते हैं। पटाखों के कारण ऐसे बहुत से हादसे होते हैं जिनका शिकार बच्चे से लेकर बड़े तक हो जाते हैं।

पटाखों के धुएं की वजह से अस्थमा और कई प्रकार की अन्य बीमारियाँ हो जाती हैं। पटाखों की वजह से सभी तरह का प्रदुषण होता है जैसे – धुएं के कारण वायु प्रदुषण, पटाखों की आवाज के कारण ध्वनि प्रदुषण, जहरीले पदार्थ धरती पर गिर जाने से भूमि प्रदुषण, पटाखों का जहरीला पदार्थ पानी में मिल जाने की वजह से जल प्रदुषण आदि।

दीपावली हमारा धार्मिक त्यौहार है। दीपावली का पर्व सभी पर्वों में एक विशिष्ट स्थान रखता है। हमें अपने पर्वों की परम्पराओं को हर स्थिति में सुरक्षित रखना चाहिए। परम्पराओं से हमें उसके आरम्भ और उसके उद्देश्य को याद करने में आसानी होती है।

परम्पराएँ हमें उस पर्व के आदिकाल में पहुंचा देती हैं जहाँ पर हमें अपनी आदिकालीन संस्कृति का ज्ञान होता है। आज हम अपने त्यौहारों को भी आधुनिक सभ्यता का रंग देकर मनाते हैं लेकिन हमें उसके आदि स्वरूप को बिगाड़ना नहीं चाहिए। इसे हमेशा यथोचित रीति से मनाना चाहिए।

जुआ और शराब का सेवन बहुत ही बुरा होता है हमें सदैव इससे बचना चाहिए। आतिशबाजी पर अधिक व्यय नहीं करना चाहिए। हम सभी का कर्तव्य होता है कि हम अपने पर्वों की पवित्रता को बनाये रखें। इस दिन लोग व्याख्यान देकर जन साधारण को शुभ मार्ग पर चला सकते हैं।

यह त्यौहार नया जीवन जीने का उत्साह प्रदान करता है। हमें  इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि हमारे किसी भी काम और व्यवहार से किसी को भी दुःख न पहुंचे तभी दीपावली का त्यौहार मनाना सार्थक होगा।

Essay On Diwali In English

Bharat ko tyauharon ka desh mana jata hai. Bharat ke pramukh tyauhar Holi, Rakshabandhan, Dashhara or Dipawali hain par in sabhi tyauharon me Dipawali sabse adhik pramukh tyauhar hai. Yah tyauhar dipon ka parv hai. Jab ham agyan rupi andhkar ko hatakar gyan rupi prakash prajjvalit karte hain to hamen ek aseem or aalaukik aanand ka anubhav hota hai. Dipawali bhi gyan rupi prakash ka pratik hai.

Is din deep jalaye jate hain isliye ise dipon ka parv bhi kaha jata hai. Dipawali ko tadbhav bhasha me Diwali bhi kaha jata hai. Dipawali ko hinduon ka sabse pramukh tyauhar mana jata hai. Dipawali ko log bahut hi utsah ke sath manate hain.

Dipawali ka tyauhar panch din tak manaya jata hai. Dashhare ke tyauhar ke baad se hi Dipawali ki taiyariyan ki jane lagti hain. Jo log naukriyan karte hain unhen Dipawali ka parv manane ke liye kuch dinon ki chhuttiyan bhi di jati hain taki ve apne parivar ke sath khushi se Dipawali mana saken.

Dipawali ko october ya november ke mahine me manaya jata hai. Is parv ke din log raat ko apni prasannta prakat karne ke liye dipon ki panktiyan jalate hain or prakash karte hain. Nagar or ganv dipon ki panktiyon se jagmagane lagte hain aesa lagta hai mano raat din me badal gayi ho.

Dipawali ka arth 

Dipawali shabd Sanskrat se liya gaya hai. Dipawali do shabdon se milkar bana hota hai dip or aavli jiska arth hota hai dipon se saja. Dipawali ko roshni ka tyauhar or dipotsav bhi kaha jata hai kyonki is din charon or dipon ki roshni hoti hai. Is din ham sabhi dipon ki pankti banakar andhkar ko mitane me jut jate hain or amavasya ki andheri raat jagmag asankhya dipon se jagmagane lagti hai.

Dipawali ka yah pavan parv kartik mans ki amavasya ke din manaya jata hai. Garmi or varsha ritu ko vida kar sheetritu ke svagat me yah parv manaya jata hai. Uske baad sheet ke chandra ki kamniya kalayen sabke chitt-chakor ko harsh vibhor kar deti hai. Sharad purnima ko hi bhagvan Krishna ne maharas leela ka aayojan kiya tha. Ise burayi par achhayi ki jeet ka pratik mana jata hai.

Dipawali ka itihas 

jab bhahvan Shree Ram Lankapati Ravan ko markar or chaudah varsh ka vanvas katkar Ayodhya laute the to ayodhyavasiyon ne unke aagman par prasannta prakat karne ke liye or unka svagat karne ke liye deepak jalaye the. Usi din ki pavan smrati me yah din bade hi utsah se manaya jata hai.

Is din ke avsar par bhagvan Ram ki smrati bilkul taja ho jati hai. Is din samudra manthan ke samay Lakshmi ji ka janam huaa tha isi vajah se Dipawali par Lakshmi ji ki pooja ki jati hai or ghar me dhan-dhaan or aeshvarya ki kamna ki jati hai. Isi din bhagvan Shree Krishna ne narkasur namak rakshas ka vadh bhi kiya tha.

Dipawali ki taiyariyan 

Dipawali ki taiyariyan log Dashahare se hi karne lag jate hain. Dipawali se pahle sabhi log apne gharon ki safayi karte hain or ghar ki lipayi-putayi karvate hain. Dipawali ke avsar par log apne liye naye kapde, mombattiyan, khilaune, patakhe, mithayiyan, rangoli banane ke liye rang or gharon ko sajane ke liye bahut saman kharidte hain.

Dipawalli ke in pahanane ke liye naye kapde banvaye jate hain, mithayiyan banayi jati hain. Gharon ko sajane ke liye bijli se jalne vali jhalar lagayi jati hai. Dipawali Bharat ka sabse adhik prasannta or manoranjan ka parv hai. Is din bacchon se lekar budhon tak me khushi ki lahar utpann ho uthti hai.

Aatishbaji or patakhon ki aavaj se sara aakash guunj uthta hai. Log sharad ritu ke aarmbh me gharon ki lipayi putayi karvate hain tatha kamron ko chitrin se sajvate hain. Achhi tarah se saaf-safayi karne ki vajah se makkhi-macchar bhi door ho jate hain.

Dipawali parv ka mahatva 

Dipawali ka bharat desh me bahut adhik mahatva hai. Is din ko andhkar par prakash ki vijay ka pratik mana jata hai. Is din ko bahut hi sundar or bade parnparik tarike se manaya jata hai. Dipawali ke din dhan ki devi Lakshmi ji, Saraswati ji or Ganesh bhagvan ki pooja ki jati hai.

Hindu Mahakavya Ramayana ke anusar Dipawali ka tyauhar Shree Ram bhagvan, Seeta mata or Lakshman ke 14 varsh 2 mahine ke vanvas ke baad Ayodhya lautne ki khushi me manaya jata hai. Bharat ke kuch kshetron me Mahakavya Mahabharat ke anusar Dipawali tyauhar ko Pandavon ke 12 varsh ke vanvas or 1 varsh ke agyatvas ke baad lautne ki khushi me bhi manaya jata hai.

Aesa bhi mana jata hai ki is din devi-devtaon or rakshason dvara samudra manthan karte samaya mata Lakshami ka janam huaa tha. Bharat ke kuch purvi or uttari kshetron me nav Hindi varsh ke rup me bhi is tyauhar ko manaya jata hai.

Dipawali ka varnan 

Dipawali tyauhar kartik maah ki amavasya ke din manaya jata hai. Dipawali ka tyauhar panch dinon tak chalne vala sabse bada tyauhar hota hai. Dipawali se teen din pahle Dhanteras aati hai is din Ahoyi Mata ka pujan kiya jata hai. Is din ke avsar par log purane bartanon ko bechte hain or naye bartanon ko kharidte hain.

Sabhi bartanon ki dukanen bartanon se bahut hi anokhi dikhayi deti hai. Chaturdashi ke din log gharon ke kude-karkat ko bahar nikalte hain. Kartik maah ki amavasya ko Dipawali ka tyauhar badi dhumdham se manaya jata hai. Dhanteras ke din vyapari apne naye bahikhate banate hain.

Agle din narak chaudas ke din suryoday se pahle snan karna accha mana jata hai. Amavasya ke din Lakshmi ji ki pooja ki jati hai. Pooja me kheel-batashe ka prasad chadhaya jata hai. Naye kapde pahne jate hain. Asankhya dipon ki rang-birangi roshniyan man ko moh leti hain.

Dukanon, bajaron or gharon ki sajavat darshniya rahti hai. Agla din parspar bhent ka din hota hai. Ek-dusre ke gale lagkar Dipawali ki shubhkamnayen di jati hain. Grahiniyan mehmanon ka svagat karti hain. Log chhote-bade, ameer-garib ka bhedbhav bhulkar aapas me milkar is tyauhar ko manate hain.

Mahapurushon ka nirvan divas 

Dipawali ke din hi jainiyon ke tirthkar mahaveer Swami ne nirvan prapt kiya tha. Isi vajah se yah din jain bhayiyon ke liye bahut mahatvapurn hai. Swami Dayanand or Swami Ramtirth bhi isi din nirvah ko prapt huye the. Rishi Nirvanotsav ka din aarya samaji bhayiyon ke liye vishesh mahatva rakhta hai. Sikkha bhai bhi Dipawali ko bade samaroh ke sath manate hain. Is prakar yah din sharmik drashti se bada pavitra hota hai.

Lakshmi Pujan 

Yah parv shuru me mahalakshmi pooja ke name se manaya jata tha. Kartik amavasya ke din hi smudra manthan me Mahalakshmi ji ka janam huaa tha. Aaj bhi is din gharon me Mahalakshmi ji ki pooja ki jati hai.

Is din log apne yisht bandhuon or mitron ko badhayi dete hain or nutan varsh me sukh-samraddhi ki kamna karte hain. Balak-balikayen naye kapde pahankar mithayiyan bantte hain. Raat ke samay me aatishbaji chalate hain. Bahut se log raat ke samay Lakshmi pujan bhi karte hain. Kahin-kahin par Durga Saptmi ka paath kiya jata hai. Jo log tamsik vratti ke hote hain ve juaa khelkar buddhi nasht karte hain.

Swachhta ka pratik 

Dipawali jahan par antahkaran ke gyan ka pratik hai vahin par bahay swachhta ka bhi pratik hai. Gharon me macchar, khatmal, pissu aadi dheere-dheere apna ghar bana lete hain. Makdi ke jaale lag jate hain isliye Dipawali se kayi din pahle se hi gharon ki safayi, lipayi, putayi or safedi hone lag jati hai. Sare ghar ko chamkakar swachh kiya jata hai. Log apni paristhiti ke anukul gharon ko sajate hain.

Kisi acche uddeshya ko lekar bane tyauhar me bhi kalantar me vikar paida ho jate hain. Jis Lakshmi ki pooja log dhan-dhanya ki prapti hetu badi shraddha se karte the unki pooja bahut se log juaa khelne ke liye bhi karte hain. Juaa khelna ek pratha ban gayi hai jo samaj va pavan parvon ke liye ek kalank ke saman hai.

Iske alava adhunik yug me bamb patakhon se huye kayi dushparinam bhi dekhne ko milte hain. Aaj ke samay me pure Bharat me patakhon ka prayog bahut hi jor-shor se hota hai. Aesa mana jata hai ki Dipawali ke din Bharat ke pradushan ki matra 50% badh jati hai. Patakhon ka upyog karke ham thodi der ke maje ke liye apne paryavaran ko bahut had tak barbad kar dete hain.

Aatishbaji hamare shrir or pryavaran donon ke liye bahut hi hanikarak hoti hai. Dipawali me patakhon ka prayog karke ham Bhartiya keval Bharat ka hi nhin balki pure vishva ka pradushan badhate hain. Patakho ke kaaran aese bahut se hadse hote hain jinka shikar bachhe se lekar bade tak ho jate hain.

Patakhon ke dhuyen ki vajah se asthma or kayi prakar ki anya bimariyan ho jati hain. Patakhon ki vajah se sabhi tarah ka pradushan hota hai jaise – dhuyen ke kaaran vaayu pradushan, patakhon ki aavaj ke kaaran dhvani pradushan, jahrile padarth dharti par gir jane se bhoomi pradushan, patakhon ka jahrila padarth pani me mil jane ki vajah se jal pradushan aadi.

Dipawali hamara dharmik tyauhar hai. Dipawali ka parv sabhi parvon me ek vishisht sthan rakhta hai. Hamen apne parvon ki parmparaon ko har sthiti me surakshit rakhna chahiye. Parmparaon se hamen uske aarambh or uske uddeshya ko yaad karne me aasani hoti hai.

Parmparayen hamen us parv ke aadikal me pahuncha deti hain jahan par hamen apni aadikalin sanskrati ka gyan hota hai. Aaj ham apne tyauharon ko bhi aadhunik sabhyata ka rang dekar manate hain lekin hamen uske aadi svarup ko bigadna nhin chahiye. Ise hamesha yathochit riti se manana chahiye.

Juaa or sharab ka sevan bahut hi bura hota hai hamen sadaiv isse bachna chahiye. Aatishbaji par adhik vyay nhin karna chahiye. Ham sabhi ka kartavya hota hai ki ham apne parvon ki pavitrata ko banaye rakhen. Is din log vyakhyan dekar jan sadharan ko shubh marg par chala sakte hain.

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दिवाली पर निबंध – Essay on Diwali in Hindi

(दिवाली पर निबंध / दीपावली पर निबंध – Essay on Diwali in Hindi – Hindi Essay On Diwali – Diwali Essay in Hindi – Diwali Par Nibandh – Diwali Nibandh in Hindi – Diwali Festival Essay in Hindi – दिवाली के त्योहार पर निबंध – Essay on the festival of Diwali in Hindi)

दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है। रोशनी के इस त्यौहार को “दीपावली ” के नाम से भी जाना जाता है। दिवाली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। भले ही बुराई रावण की तरह शक्तिशाली और बुद्धिमान हो, लेकिन उसका अंत एक दिन अवश्य होता है।

Table of Contents

दीपावली पर निबंध (300 शब्दों में) – Diwali Essay in Hindi

दिवाली, हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है, जिसका अर्थ है ‘दीपकों की पंक्ति।’ यह त्यौहार ख़ुशी और उत्सव का प्रतीक है और हर साल अक्टूबर और नवंबर के बीच मनाया जाता है। दिवाली के दिन लोग अपने घरों को सुंदर ढंग से सजाते हैं और रात में दीयों से रोशनी करते हैं।

दिवाली का महत्व कई परंपराओं और कहानियों से जुड़ा हुआ है। एक प्रमुख किंवदंती के अनुसार, इस दिन भगवान राम, उनकी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण अपने 14 साल के वनवास से अयोध्या लौटे थे, लोगों ने उनके स्वागत के लिए दीपक जलाए थे। इसके साथ ही श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध करके लोगों को खुशहाली भी दिलाई थी।

दिवाली के पांच दिवसीय त्योहार में हर दिन का विशेष महत्व होता है। पहले दिन को ‘धनतेरस’ कहा जाता है, जिसमें लोग अपने व्यवसायों और घरों की सफाई करते हैं। दूसरे दिन को ‘छोटी दिवाली’ कहा जाता है, जिसमें लोग अपने घरों को खूबसूरती से सजाते हैं। तीसरे दिन को ‘मुख्य दिवाली’ कहा जाता है, जब लोग अपने घरों को दीयों से रोशन करते हैं और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं।

दिवाली के इस खास मौके पर लोग नए कपड़े पहनते हैं और मिठाइयां बनाते हैं। फूल और पटाखे फोड़े जाते हैं और दुकानों, बाजारों और घरों को रंग-बिरंगे दीयों से सजाया जाता है।

दिवाली के चौथे दिन को ‘गोवर्धन पूजा’ कहा जाता है, जिसमें गाय माता की पूजा की जाती है। इस दिन, लोग बहुत सारे विशेष व्यंजन, जैसे खील-बताशा, बर्फी, गुलाब जामुन और अन्य स्वादिष्ट भोजन तैयार करते हैं और उन्हें दोस्तों और परिवार के साथ साझा करते हैं।

दिवाली के आखिरी दिन को ‘भाई दूज’ कहा जाता है, जिसमें बहनें यमराज की पूजा करती हैं और अपने भाइयों के लिए आशीर्वाद मांगती हैं।

दिवाली का त्योहार हर किसी के जीवन में सुख और समृद्धि का प्रतीक है। इसे एक नई शुरुआत का संकेत माना जाता है और लोग नए संकल्प लेते हैं और अपने जीवन को सफल और खुशहाल बनाने की कोशिश करते हैं।

दिवाली के इस उत्सव के तहत, लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर खुशियाँ मनाते हैं, और सामाजिक और आपसी दोस्ती को मजबूत करते हैं।

दिवाली पर निबंध (500 शब्दों में) – Diwali Nibandh in Hindi

दिवाली, जिसे “रोशनी का त्योहार” के रूप में जाना जाता है, न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर के हिंदू समुदायों द्वारा मनाए जाने वाले सबसे प्रमुख और प्राचीन हिंदू त्योहारों में से एक है। यह भव्य त्योहार अपने साथ समृद्धि, खुशियाँ और रोशनी की आशा लेकर आता है, जिसे विभिन्न समुदायों के लोगों द्वारा अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है।

दिवाली कार्तिक माह की अमावस्या को पड़ती है। यह एक ऐसा समय होता है जब अंधेरी रात अनगिनत दीपकों और दीयों के साथ जीवंत हो उठती है, जिससे आसपास का वातावरण जगमगा उठता है। दिवाली का बड़ा धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह चौदह साल के वनवास के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी की याद दिलाता है। उनकी वापसी के दौरान, अयोध्या के निवासियों ने अंधेरे पर प्रकाश की जीत का प्रतीक, दीपक जलाकर उनका स्वागत किया था।

इसके अतिरिक्त, इस दिन, भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को हराया था, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक था। दिवाली जैन धर्म के संस्थापक भगवान महावीर के निर्वाण दिवस का भी प्रतीक है। इन कई कारणों से, दिवाली कई लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान रखती है।

यह त्यौहार पांच दिनों तक चलता है, जो धनतेरस से शुरू होता है और भाई दूज के साथ समाप्त होता है। दिवाली की तैयारियां कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती हैं। घरों की अच्छी तरह से सफाई की जाती है और सजावट शुरू हो जाती है। नए कपड़े सिले जाते हैं और तरह-तरह की स्वादिष्ट मिठाइयाँ बनाई जाती हैं। ठंड का मौसम भव्यता, स्वच्छता और जीवंत सजावट के समय में बदल जाता है, जो हमारे घरों में धन की देवी लक्ष्मी का स्वागत करता है।

पहले दिन, धनतेरस पर, लोग सोने और चांदी के आभूषण जैसी धातु की वस्तुएं खरीदते हैं क्योंकि इस दिन इन सामग्रियों में निवेश करना शुभ माना जाता है। दूसरा दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली है, जब कुछ लोग पटाखे फोड़कर भी जश्न मनाते हैं।

तीसरा दिन, मुख्य दिवाली का दिन, देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। यह दिन खासतौर पर उन व्यापारियों के लिए बहुत महत्व रखता है जो नए बही-खाते की शुरुआत करते हैं। विभिन्न आयु वर्ग और विभिन्न वर्गों के लोग धार्मिक अनुष्ठान करने और देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश का आशीर्वाद लेने के लिए एक साथ आते हैं।

चौथे दिन, गोवर्धन पूजा मनाई जाती है, जो भगवान इंद्र के प्रकोप के कारण होने वाली मूसलाधार बारिश से ग्रामीणों की रक्षा के लिए भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को उठाने का प्रतीक है। यह पर्व प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर जोर देता है।

दिवाली का आखिरी दिन, भाई दूज, भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित है। बहनें अपने भाइयों की आरती करती हैं और उनकी सलामती के लिए प्रार्थना करती हैं और बदले में भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं।

दिवाली धार्मिक सीमाओं से परे है, विभिन्न धर्मों और पृष्ठभूमि के लोग त्योहार मनाने के लिए एक साथ आते हैं। यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव है जो परिवारों और दोस्तों के बीच प्यार, एकता और खुशी का प्रतीक है।

रोशनी का त्योहार दिवाली हमारे दिलों में एक खास जगह रखता है। यह एक नई शुरुआत का आरंभ करता है और हमारे जीवन को खुशी, आशा और सकारात्मकता से भर देता है। यह वह समय है जब अंधकार दूर हो जाता है और प्रकाश बुराई पर विजय प्राप्त करता है। यह त्योहार हमें याद दिलाता है कि अच्छे कर्म, एकता और विश्वास हमें हमेशा एक उज्जवल कल की ओर ले जाएंगे।

दिवाली के त्योहार पर निबंध (600 शब्दों में) – Essay on the festival of Diwali in Hindi

प्रस्तावना:

दिवाली हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। आमतौर पर छोटे बच्चों को यह त्योहार बहुत पसंद आता है क्योंकि यह सभी के लिए ढेर सारी खुशियाँ और उपहार लाता है। दिवाली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है।

दिवाली का मतलब

“दिवाली”, जिसे “दीपावली” के नाम से भी जाना जाता है, भारत और दुनिया भर में रहने वाले हिंदुओं के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। यह त्यौहार हिंदू पौराणिक और सांस्कृतिक धार्मिक महत्व से ओत-प्रोत है और विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नामों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है।

दिवाली का अर्थ “दीपकों की पंक्ति” से है, जो दर्शाता है कि इस त्योहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा दीपक या दीये जलाना है। ‘दीपावली’ संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप+आवली। ‘दीप’ का अर्थ है ‘दीपक’ और ‘आवली’ का अर्थ है ‘श्रृंखला’, जिसका अर्थ है दीपकों की श्रृंखला या दीपकों की पंक्ति।

इस त्यौहार के अवसर पर घरों को दीपों से सजाया जाता है, जिससे रात बेहद खूबसूरत और रोशनी से भरी हो जाती है। यह दीयों की चमकती रोशनी है जिसका महत्वपूर्ण प्रतीक बुराई के अंधेरे से अच्छाई की रोशनी की ओर बढ़ना है।

दिवाली त्योहार की तैयारियां

“दिवाली” के त्यौहार की तैयारियां दिवाली से कई दिन पहले ही शुरू हो जाती हैं। दिवाली के आगमन से ही लोग अपने घरों को सजाना शुरू कर देते हैं। इस त्योहार की तैयारियों में घर की साफ-सफाई सबसे अहम होती है। लोग अपने घरों को साफ-सुथरा करके सजाते हैं, जिससे घर का वातावरण शुद्ध और रमणीय हो जाता है।

ऐसा माना जाता है कि दिवाली के दिन, धन और समृद्धि की देवी देवी लक्ष्मी जी का आगमन होता हैं, और वह विशेष रूप से उन घरों में प्रवेश करती हैं जहां साफ-सफाई और सुशीलता बनी रहती है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर का साफ सुथरा होना जरूरी है। देवी लक्ष्मी के आगमन को घर में सुख-समृद्धि बढ़ने का संकेत माना जाता है और इसलिए यह तैयारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

दिवाली नजदीक आते ही लोग अपने घरों को दीयों और तरह-तरह की लाइटों से सजाना शुरू कर देते हैं। इस त्यौहार की शुरुआत घर के कोने-कोने में दीपक और मोमबत्तियाँ जलाकर की जाती है, जिससे रात के समय घर की सुख-समृद्धि में रोशनी फैल जाती है। दीये और रोशनी का यह उत्स्व बुराई के अंधेरे को हराने और अच्छाई की रोशनी की ओर बढ़ने का संकेत है।

“लक्ष्मी पूजन” का विशेष महत्व है

इस दिन विशेष रूप से धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। दिवाली के शुभ अवसर पर धन की देवी मां लक्ष्मी, विघ्नहर्ता गणेश और धन संचय के देवता कुबेर की विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व माना जाता है। दिवाली, जिसे धनतेरस के नाम से भी जाना जाता है, धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

इस दिन लोग अपने घर में आने वाले धन का स्वागत करने के लिए अपने घरों को विशेष तरीके से सजाते, साफ-सुथरा और तैयार करते हैं। धनतेरस के दिन लोग अपने घरों को धन और समृद्धि से भरने के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा कर उन्हें प्रसन्न करते हैं।

धनतेरस के दिन भगवान गणेश की भी पूजा की जाती है क्योंकि वह घर के रास्ते को साफ और सुरक्षित रखते हैं और बाधाओं को दूर करते हैं। कुबेर जी की पूजा से धन के प्रवाह पर नियंत्रण रहता है।

प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन सबसे अधिक फलदायी माना जाता है। धनतेरस का महत्व यह भी है कि यह धन निवेश और व्यापार के लिए शुभ समय होता है। इस दिन लोग नई संपत्ति की योजना बनाते हैं और नवीनतम व्यावसायिक प्रक्रियाओं में पहल करते हैं।

दिवाली का मतलब है दीपों की पंक्ति और रोशनी की ओर बढ़ना। इस त्योहार की तैयारियां दिवाली से कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती हैं, जिससे हमारे घरों में रोशनी और खुशियां आती हैं। “लक्ष्मी पूजन” इस त्योहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि यह धन और समृद्धि की देवी देवी लक्ष्मी की पूजा है, जो हमारे जीवन में समृद्धि और वित्तीय स्थिति की कामना करती है। दिवाली के दिन घरों को दीपों से सजाने के साथ-साथ आध्यात्मिक और आत्मनिर्भरता की भावना बढ़ती है, जिससे हम अपने जीवन में नए आदर्शों और समर्पण की ओर बढ़ सकते हैं।

दीपावली पर निबंध (900 शब्दों में) – Essay on Diwali in Hindi

दिवाली, जिसे “रोशनी का त्योहार” भी कहा जाता है, भारत और दुनिया भर में बड़े धूमधाम से मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। इस त्योहार का महत्व आने वाले समय में सुख, समृद्धि और रोशनी की आशा से जुड़ा है। दिवाली को “रोशनी का त्योहार” कहा जाता है क्योंकि इस दिन लोग अपने घरों में दीये और पटाखे जलाते हैं, जो रोशनी का प्रतीक है। इस त्योहार के दौरान लोग अपने घरों को सजाते हैं, नए कपड़े पहनते हैं और साफ-सफाई करते हैं। इसके साथ ही दिवाली आध्यात्मिक और आत्मनिर्भर भावना को बढ़ावा देती है और लक्ष्मी पूजन के माध्यम से समृद्धि की कामना करती है।

दिवाली का इतिहास

हिंदू मान्यताओं के अनुसार दिवाली का इतिहास भगवान श्री राम के आगमन से जुड़ा है। भगवान श्री राम, माता सीता और भगवान लक्ष्मण ने चौदह वर्ष के वनवास के बाद अपनी प्रिय अयोध्या लौटने का फैसला किया था। उनके आगमन के दिन अमावस्या की रात थी, जिसके कारण पूरा नगर अंधकार में डूबा हुआ था। लोगों ने अपने घरों को दीपों और फूलों से सजाया था, ताकि भगवान राम और उनके परिवार के स्वागत के लिए पूरा शहर उज्ज्वल और सुंदर हो। 

तब से लेकर आज तक इसे रोशनी के त्योहार और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है। लोग अपने घरों को दीयों और दीपों से सजाते हैं, जिससे घरों में रोशनी होती है और त्योहार की भावना में उत्सव का माहौल पैदा होता है। इसे “दीपावली” कहा जाता है, जिसका अर्थ है “दीपकों की पंक्ति”। यह पंक्ति न सिर्फ घर को रोशन करती है बल्कि यह भी दर्शाती है कि रोशनी हर समय बुराई को हराती है।

इस शुभ अवसर पर, भगवान गणेश, लक्ष्मी जी, राम जी और अन्य देवताओं की मूर्तियाँ बाजारों में खरीदारी के लिए उपलब्ध होती हैं। इस समय बाजारों में विशेष रौनक रहती है। इस अवसर पर लोग नए कपड़े, उपहार, आभूषण, बर्तन, मिठाइयाँ और अन्य सामान खरीदते हैं। 

हिंदू धर्म के अनुसार, दिवाली का त्योहार नई व्यावसायिक गतिविधियों की शुरुआत का भी प्रतीक है। व्यवसायी लोग दिवाली के त्योहार पर नए बही-खाते शुरू करके वित्तीय सफलता की आशा करते हैं।

इसके साथ ही लोगों का मानना है कि यह खूबसूरत त्योहार सभी के लिए धन, समृद्धि और सफलता लाता है। दिवाली के अवसर पर, लोग अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ उपहारों और मिठाइयों का आदान-प्रदान करने के लिए उत्सुक रहते हैं, जिससे खुशियों का आदान-प्रदान होता है और रिश्ते मजबूत होते हैं।

दिवाली में पटाखों का महत्व

दिवाली को “रोशनी का त्योहार” कहा जाता है। इस त्यौहार में बच्चे पटाखे और विभिन्न प्रकार की आतिशबाजी जैसे फुलझड़ी, रॉकेट, फव्वारे, चकरी आदि जलाना पसंद करते हैं। दिवाली में पटाखों का भी महत्व है क्योंकि पटाखे इस त्योहार की खुशियों को और भी रंगीन बना देते हैं।

पटाखे फोड़ना इस त्योहार को रंगीन और आनंदमय बनाता है। पटाखे दिवाली मनोरंजन का एक हिस्सा हैं और बच्चों और वयस्कों के बीच मनोरंजन का एक स्रोत हैं। पटाखे अपनी आवाज और ध्वनि से लोगों को आनंद लेने का वातावरण देते हैं और त्योहार के माहौल को और अधिक जीवंत और उत्सवपूर्ण बनाते हैं।

दिवाली के साथ मनाये जाने वाले त्यौहार

  • दिवाली का त्यौहार लगभग 5 दिनों तक मनाया जाता है। दिवाली 5 त्योहारों धनतेरस, नरक चतुर्दशी, महालक्ष्मी पूजा, धनतेरस और भाई दूज का संगम है।
  • धनतेरस: यह दिवाली के त्योहार का पहला दिन होता है, जिसमें लोग सोने और चांदी के आभूषण जैसी धातु की वस्तुएं खरीदते हैं।
  • नरक चतुर्थी (छोटी दिवाली): दिवाली के दूसरे दिन को नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है और कुछ लोग इसे छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं।
  • मुख्य दीपावली (दिवाली): यह दिवाली का मुख्य दिन है, जिसमें लोग देवी महालक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। इस दिन को “अमावस्या” के रूप में मनाया जाता है, जिसका अर्थ है कि अमावस्या की रात होने के बावजूद, अमावस्या की रात को अच्छाई का प्रतीक माना जाता है।
  • गोवर्धन पूजा: दिवाली के त्योहार का चौथा दिन गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बलभद्र गिरिराज रूप की पूजा की जाती है और कई तरह के अनुष्ठान किए जाते हैं।
  • भैया-दूज: दिवाली के त्योहार का आखिरी दिन भैया-दूज के रूप में मनाया जाता है, जिसमें बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं और उनकी रक्षा की कामना करती हैं।

ये त्यौहार अलग-अलग तरीके से मनाए जाते हैं और हर दिन का अपना विशेष महत्व होता है, हर दिन से अपनी-अपनी महत्वपूर्ण कहानियां और धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हैं।

दिवाली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियाँ

दिवाली जैसे धार्मिक महत्व के त्योहार के शुभ अवसर पर भी कुछ असामाजिक तत्व शराब, जुआ, जादू-टोना और पटाखों के दुरुपयोग जैसी अपनी बुरी आदतों से इसे खराब करने में लगे रहते हैं। पटाखों के अत्यधिक उपयोग से ध्वनि प्रदूषण बढ़ सकता है, जिससे क्षेत्र और आसपास के लोगों को परेशानी हो सकती है। यदि दिवाली के दिन इन बुराइयों को समाज से दूर रखा जाए तो दिवाली का त्योहार सचमुच शुभ दिवाली बन जाएगा।

दिवाली, जिसे भगवान श्री राम की अयोध्या वापसी के दिन के रूप में जाना जाता है, को अच्छाई के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है, और लक्ष्मी पूजा के साथ धन और समृद्धि की कामना की जाती है। पांच दिनों की दिवाली अपने अंदर के अंधेरे को मिटाकर पूरी दुनिया को रोशन करने का त्योहार है। दिवाली के दिन, लोग पटाखों का उपयोग करते हैं, जो उत्सव की आवाज़ और रंगों के साथ जश्न मनाने में मदद करते हैं। हमें यह समझना होगा कि दिवाली के त्योहार का मतलब रोशनी, प्यार और सुख-समृद्धि है। ऐसे में पटाखों का प्रयोग सावधानी से और बड़ों की मौजूदगी में करना चाहिए। इस दिन अवगुणों को दूर करने की जरूरत है ताकि यह त्योहार अपने वास्तविक महत्व को उजागर कर सके।

दिवाली पर निबंध 10 लाइन (Essay on Diwali in 10 lines)

  • दिवाली, जिसे “रोशनी का त्योहार” भी कहा जाता है, भारत का एक प्रमुख और महत्वपूर्ण त्योहार है। 
  • यह त्यौहार भगवान राम की अयोध्या वापसी की ख़ुशी को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है, जब लोग दीपक और रंगोली के साथ उनके आगमन का स्वागत करते हैं।
  • इस दिन, हिंदू अनुयायी मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं। 
  • इस त्योहार के मौके पर बच्चे पटाखे जलाकर अपनी खुशी और उत्साह का इजहार करते हैं, जो खास लगता है।
  • हिंदू धर्म के अनुसार दिवाली के इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा की जाती है, जिसका महत्व धन, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति से जुड़ा है। 
  • लोग इस दिन को अपने दोस्तों और पड़ोसियों के साथ खुशी के लिए उपहार और मिठाइयाँ देकर मनाते हैं।
  • दिवाली को भारत में सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है और इस त्योहार को बहुत धूमधाम से मनाने की तैयारी की जाती है। 
  • यह हिंदू समुदाय के सबसे प्रिय और आनंददायक त्योहारों में से एक है, और इसे अन्य धर्मों और संप्रदायों के लोगों द्वारा भी मनाया जाता है। 
  • दिवाली एक महत्वपूर्ण सामाजिक और पारंपरिक अवसर है, जो परिवारों और प्रियजनों के बीच प्रेम और मेल-मिलाप का प्रतीक है।

————————————————–//

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diwali essay in hindi with headings

दिवाली पर निबंध हिन्दी में 2023, Essay on Diwali in Hindi

Essay on Diwali in Hindi

दिवाली पर निबंध  Essay on Diwali in Hindi 2023, Format, Examples |

दिवाली पर निबंध – इस लेख में हम दिवाली ( दीपावली) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दे रहे हैं – दिवाली का अर्थ, दिवाली कब मनाई जाती है, दिवाली का इतिहास, दीपोत्सव मनाने की तैयारियाँ, दीपावली के साथ मनाए जाने वाले उत्सव, दिवाली का महत्त्व । दीपावली एक ऐसा विषय है जिस पर आपको किसी भी कक्षा में निबंध लिखने के लिए कहा जा सकता है। उच्च कक्षाओं में जब आप निबंध लिखते हैं तो आपको उस निबंध के विषय के बारे में सम्पूर्ण जानकारी पता होनी चाहिए। तभी आप एक प्रभावशाली निबंध का निर्माण कर सकते हैं। आशा करते हैं कि हमारे दीपावली के निबंध से आपको सहायता मिलेगी।

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In this Essay on Diwali in Hindi , we are giving complete information about the Festival of Deepawali. Deepawali is a subject on which you can be asked to write an essay in any class. When you write an essay in higher classes, you should know all about the topic of that essay. Only then can you create an effective essay. Hope that our Deepawali essay will help you.

  • दिवाली का अर्थ
  • दिवाली कब मनाई जाती है
  • दिवाली का इतिहास
  • दीपोत्सव मनाने की तैयारियाँ
  • दीपावली के साथ मनाए जाने वाले उत्सव
  • दिवाली का महत्त्व
  • दीपावली के त्यौहार के लाभ और हानियाँ
  • दीपावली को अलग तरीके से मनाने के सुझाव
  • विदेशों में दीवाली का त्यौहार
  • दिवाली पर निबंध 100 शब्द, 150 शब्द, 250 से 300 शब्द, 10 Line

प्रस्तावना  

प्रत्येक समाज त्यौहारों के माध्यम से अपनी खुशी एक साथ प्रकट करता है। भारत एक ऐसा देश है, जहाँ सबसे ज्यादा त्यौहार मनाये जाते हैं, यहाँ विभिन्न धर्मों के लोग अपने-अपने उत्सव और पर्व को अपनी  परंपरा और संस्कृति के अनुसार मनाते हैं। दीपावली का त्यौहार खुशियों और सुख-समृद्धि का त्यौहार है। यह पांच दिवसीय, हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला, सबसे बड़ा त्यौहार है। दिवाली के त्यौहार को सिर्फ हमारे देश में ही नहीं, विदेशों में भी मनाया जाता है, इससे इसकी प्रमुखता का पता लगाया जा सकता है। इस दिन अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी पूरा भारत रोशनी से जगमगाया हुआ होता है। दीपावली का त्यौहार असत्य पर सत्य की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है बल्कि इसका सामाजिक, आध्यात्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और आर्थिक महत्व भी है। यह त्यौहार सामाजिक एकता को बढ़ाने का कार्य करता है। हालांकि दिवाली के त्यौहार का एक दूसरा पहलू भी है, जिसे हम अपने आनंद के लिए वर्ष-प्रतिवर्ष बढ़ावा देते जा रहे है। वो दूसरा पहलू है, आतिशबाजी और पटाखे फोड़ना। यह एक ऐसा कार्य है, जिसका दिवाली के त्यौहार से कोई प्रत्यक्ष सम्बन्ध नहीं है और ना ही दिवाली के त्यौहार में इसका कोई ऐतिहासिक और पौराणिक वर्णन है, इसके साथ ही दिवाली पर होने वाली इस आतिशबाजी के कारण दिन-प्रतिदिन पर्यावरण प्रदूषण में वृद्धि होती जा रही है।

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दिवाली का अर्थ (Meaning of Diwali) –

‘दीपावली’ संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + आवली। ‘दीप’ अर्थात ‘दीपक’ और ‘आवली’ अर्थात ‘लाइन’ या ‘श्रृंखला’, जिसका मतलब हुआ दीपकों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। दीपक को स्कन्द पुराण में सूर्य के हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाला माना गया है। वैदिक प्रार्थना है – ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात अंधकार से प्रकाश में ले जाने वाला और ‘दीपावली’ को भी रोशनी का उत्सव कहा जाता है।

दिवाली कब मनाई जाती है (Deepawali is celebrated when)-

दिवाली का त्यौहार दशहरे के 21 दिन बाद सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में कार्तिक मास की अमावस्या को आता है। वैसे इस त्यौहार की धूम-धाम कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी से कार्तिक शुक्ल द्वितीय अर्थात् पाँच दिनों तक रहती है। दीवाली के पर्व की यह विशेषता है कि इसके साथ चार त्यौहार और मनाये जाते हैं। दीपावली का उत्साह एक दिन नहीं, अपितु पूरे सप्ताह भर रहता है। दिवाली का त्यौहार वर्षा ऋतु के समाप्त होने और शरद ऋतु की प्रारंभ होने का संकेत होता है। दीपावली के त्यौहार पर मौसम गुलाबी ठंड का होता  है। जिससे चारों और खुशहाली का मौसम बनता है।

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दिवाली का इतिहास (History of Deepawali)

दिवाली का त्यौहार भारत में प्राचीन समय से ही मनाया जाता रहा है। इस त्यौहार का इतिहास अलग-अलग राज्यों के लोग भिन्न-भिन्न मानते हैं, लेकिन अधिकतर लोगों का मानना है कि जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे, तब अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक प्रज्वलित किए थे और साथ ही अयोध्या के हर रास्ते को सुनहरे फूलों से सजा दिया गया था। जिस दिन भगवान राम अयोध्या लौट कर आए थे उस दिन अमावस्या की काली रात थी। जिसके कारण वहां पर कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था, इसलिए अयोध्या वासियों ने वहां पर दीपक जलाए थे। यह भी एक कारण है कि इस दिन को अंधकार पर प्रकाश की विजय भी माना जाता है। और यह सच भी है क्योंकि इस दिन पूरा भारत अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी दीपकों की रोशनी से जगमगाता रहता है। जैन धर्म के लोग दीपावली के त्यौहार को इसलिए मनाते हैं क्योंकि चौबीसवें तीर्थंकर, महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी और संयोगवश इसी दिन उनके शिष्य गौतम को ज्ञान प्राप्त हुआ था। सिख धर्म के लोग भी इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। वे लोग त्यौहार को इसलिए मनाते है क्योंकि इसी दिन ही अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था। साथ ही सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को भी इसी दिन ग्वालियर की जेल से जांहगीर द्वारा रिहा किया गया था। आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानन्द तथा प्रसिद्ध वेदान्ती स्वामी रामतीर्थ ने इसी दिन मोक्ष प्राप्त किया था। इस त्योहार का संबंध ऋतु परिवर्तन से भी है। इसी समय शरद ऋतु का आगमन लगभग हो जाता है। इससे लोगों के खान-पान, पहनावे और सोने आदि की आदतों में भी परिवर्तन आने लगता है।

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दीपोत्सव मनाने की तैयारियाँ (Preparations for celebrating the festival)

नवीन कामनाओं से भरपूर, यह त्यौहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली के कई हफ्तों पहले ही लोग अपने घरों और कार्यालयों की साफ-सफाई करने में जुट जाते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जो घर साफ-सुधरे होते हैं, उन घरों में दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी विराजमान होती हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करके वहां सुख-समृद्धि में बढ़ोत्तरी करती है। दीवाली के दिन सब बहुत खुश रहते है। व्यापारी तथा दुकानदार अपनी-अपनी दुकानें सजाते हैं तथा लीपते पोतते हैं। दीपावली के दिन बाजारों में गणेश जी, लक्ष्मी जी, राम जी आदि की तस्वीरे खरीदी जाती है। बाजारों में खूब चहल पहल होती है। लोग इस अवसर पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते है। इस दिन खील बताशों तथा मिठाइयों की खूब बिक्री होती है। लोग अपने इष्ट-मित्रों के यहाँ मिठाइयों का आदान-प्रदान करके दीपावली की शुभकामनाएँ लेते-देते हैं। बच्चे अपनी इच्छानुसार बम, फुलझडि़यां तथा अन्य पटाखे खरीदते हैं। दीवाली के एक से दो दिन पहले ही बच्चों द्वारा स्कूलों में छोटी दिवाली मनाई जाती है। अध्यापकों द्वारा बच्चों को कहानियाँ सुनाकर, रंगोली बनवाकर, अपनी-अपनी कक्षा को सजा कर और खेल खिलाकर इस पर्व को मनाया जाता है। शिक्षक विद्यार्थियों को पटाखों और आतिशबाजी को लेकर सावधानी बरतने की सलाह देते है, साथ ही पूजा की विधि और दीपावली से संबंधित रिवाज आदि भी बताते हैं। रात्रि के समय लक्ष्मी, गणेश के पूजन के बाद आतिशबाजी का दौर शुरु होता है। इसी दिन लोग बुरी आदतों को छोड़कर अच्छी आदतों को अपनाते हैं। भारत के कुछ जगहों पर दीवाली को नया साल की शुरुआत माना जाता है, साथ ही व्यापारी लोग आज से अपना नया बही खाता शुरु करते है।

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दिवाली के साथ मनाए जाने वाले उत्सव (Celebrations celebrated with Diwali)

दिवाली का यह त्यौहार 5 दिनों तक चलता है। जिस के पहले दिन धनतेरस होता है । धनतेरस के दिन लोग अपने घर कुछ ना कुछ बर्तन जरूर लेकर जाते हैं और साथ ही साथ लोग इस दिन सोने और चांदी के आभूषण खरीदना भी पसंद करते है। लोगों का मानना है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में बरकत होती है। दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है , क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को मार गिराया था। कुछ लोगों द्वारा यह दिन छोटी दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन घर के बाहर 5 दीपक जलाए जाते है। प्राचीन परंपरा के अनुसार इस दिन लोग दीपक का काजल अपनी आंखों में डालते है। उनका मानना है कि इसे आंखें खराब नहीं होती है। तीसरा दिन दीपावली त्यौहार का मुख्य दिन होता है। महालक्ष्मी की पूजा की जाती है, साथ ही साथ विद्या की देवी मां सरस्वती और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन घर में रंगोली बनाई जाती है और तरह-तरह की मिठाइयां बनाई जाती है। दीपावली के चौथे दिन को गोवर्धन पूजा की जाती है , क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत अपनी एक अंगुली पर उठा लिया था। इस दिन घर के बाहर महिलाएं गोबर रखकर पारंपरिक पूजा करती है। दीपावली के त्यौहार के आखिरी दिन भाई दूज के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बहन, भाई को रक्षा सूत्र बाँधती हैं, साथ ही तिलक लगाकर मिठाई खिलाती है और बदले में भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं और उन्हें अच्छा उपहार भी देते है। यह दिन कुछ-कुछ रक्षाबंधन त्यौहार की तरह ही होता है।

दिवाली का महत्व (Importance of Diwali)

दीपावली का त्यौहार सभी वर्गों के लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है। यह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना गया है। सबसे बड़ा त्यौहार होने के कारण सभी की आस्था इस त्यौहार से जुड़ी हुई है। यह त्यौहार कई तरह के महत्व अपने अंदर समेटे हुए हैं –

आध्यात्मिक महत्व – दीपावली त्यौहार अनेक धार्मिक, ऐतिहासिक और पौराणिक कहानियों से मिलकर बना है। इस त्यौहार की नीव अच्छाई पर टिकी हुई है इसलिए यह त्यौहार जब भी आता है, तो सभी लोगों में एक अलग ही खुशी और आस्था होती है। दीपावली के त्यौहार को हिंदू, जैन, सिख आदि धर्मों द्वारा भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इन सभी धर्मों में दीपावली के दिन ही ऐसी कोई ना कोई घटना हुई है, जिससे अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान, निराशा पर आशा और बुराई पर अच्छाई की विजय हुई है। दीपावली का त्यौहार पूजा पाठ और अच्छाई से जुड़ा हुआ है इसलिए लोग इस पर्व पर आध्यात्मिकता की ओर बढ़ते हैं और इससे अच्छे विचारों का उद्गम होता है।

सामाजिक महत्व – दीपावली के त्यौहार का सामाजिक महत्व भी बहुत बड़ा है क्योंकि इस त्यौहार पर सभी धर्मों के लोग मिल-जुलकर त्यौहार को मनाते है। इस दिन सभी लोग पूजा करते हैं। एक दूसरे से मिलने जाते है जिससे सामाजिक सद्भावना उत्पन्न होती है। आजकल की व्यस्त जिंदगी में लोगों को एक दूसरे से मिलने का अवसर बहुत कम मिलता है इसलिए इस दिन लोग जब लोग एक दूसरे से स्नेह पूर्वक मिलते हैं और साथ में एक दूसरे को मिठाइयां बांटते हैं, गले मिलते हैं जिस से लोगों को एक दूसरे की भावनाओं और धर्मों को समझने में रुचि उत्पन्न होती है। इसलिए इस त्यौहार का सामाजिक महत्व और भी बढ़ जाता है।

आर्थिक महत्व – दीपावली के त्यौहार पर भारतीय लोग जमकर खरीदारी करते हैं। सभी लोग अपने घरों में उपहार, सोने-चांदी के आभूषण, बर्तन, राशन का सामान, कपड़े, मिठाइयां इत्यादि लेकर जाते है। हिंदू धर्म के लोगों का मानना है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में किसी भी वस्तु की कमी नहीं रहती है और इस दिन खरीदारी करने से वह वस्तु फलदाई रहती है, इसलिए बाजारों में इस दिन ज्यादा चहल-पहल और अधिक खरीदारी होती है। जिसके कारण लोगों की आमदनी बढ़ जाती है। दीपावली त्योहार के पीछे सबसे पुराना आर्थिक महत्व इस बात पर जुड़ा हुआ है कि भारत में लगभग सभी फसलें मानसून पर निर्भर करती है इसलिए गर्मियों की फसल इस त्यौहार के पर्व से कुछ दिन पहले ही पक कर तैयार हो जाती है। तो किसान इस फसल को काटकर बाजारों में बेचकर आमदनी कमाता है। इसलिए इस त्यौहार का आर्थिक महत्व और भी बढ़ जाता है।

ऐतिहासिक महत्व – दीपावली के त्यौहार के इस दिन बहुत सी ऐतिहासिक घटनाएं घटी हैं। जिसके कारण इस त्यौहार का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है। इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या में लौटे थे। इसी दिन समुंदर मंथन के दौरान मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था। स्वामी रामतीर्थ का जन्म व महाप्रयाण दोनों दीपावली के दिन ही हुए थे। दीपावली के पावन अवसर पर आर्य समाज की स्थापना हुई थी। इसी दिन मुगल समाज के सबसे बड़े बादशाह अकबर ने दौलत खाने में 40 फीट ऊंचा आकाश दीप जलाकर दीपावली त्यौहार को मनाना शुरू किया था। इस कारण हिंदू और मुसलमान धर्म के लोगों में एक दूसरे के प्रति नफरत खत्म हो गई थी। दीवाली के दिन सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था। महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।

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दीपावली के त्यौहार के लाभ और हानियाँ (Benefits and disadvantages of Diwali festival)

जहाँ लाभ होता है, वहाँ हानियाँ भी होती है। दीपावली एक बड़ा त्यौहार है, जो अपने साथ अपार खुशियाँ और प्रेम लेकर आता है। खुशियों के साथ-साथ कभी-कभी कुछ दुःख भी दस्तक दे जाते हैं। इन दुःखों को जान कर कुछ सावधानियाँ बरत कर उन्हें भी खुशियों में बदला जा सकता है।

दीपावली के लाभ – (1) छोटे-बड़े सभी व्यापारियों के लिए यह समय अत्यधिक कमाई का होता है। (2) दीपावली में सभी प्रकार के व्यापार में तेजी आती है। क्योंकि लोग घर की सज-सज्जा, कपड़े, गहने और खाने-पिने की चीजों सभी पर खर्च करते हैं। (3) दीपावली में आपसी प्रेम बढ़ता है और आपसी संबंधों में मिठास बढ़ती है। (4) इस त्यौहार पर साफ़-सफाई पर अत्यधिक महत्त्व दिया जाता है, पुरे घर की सफाई की जाती है और घर में रंग-रोगन भी किया जाता है। इससे घर के आस-पास का वातावरण शुद्ध हो जाता है, जो स्वस्थ्य की दृष्टि से भी लाभदायक होता है। (5) कुटीर उद्योगों के लिए दीपावली का त्यौहार अत्यधिक खुशहाली लता है। क्योंकि दीपावली में बिकने वाला ज्यादातर सामान जैसे- साज-सज्जा का सामान और मिट्टी का सामान कुटीर उद्योगों द्वारा ही तैयार किया जाता है ,इस त्यौहार में उनकी आमदनी भी बढ़ जाती है।

दीपावली की हानियाँ – (1) पटाखों के कारण प्रदुषण फैलता है। (2) दीपकों में फजूल तेल जलता है। (3) अत्यधिक मिठाइयाँ और पकवान हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं। (4) लाइट्स की सजावट के कारण अत्यधिक बिजली बर्बाद होती है। (5) दिखावे के चक्कर में लोग फज़ूल खर्च करते हैं।

दीपावली को अलग तरीके से मनाने के सुझाव (Suggestions to celebrate Deepawali differently)

दीपावली के त्यौहार को मनाने का तरीका और पूजन विधी हर जगह लगभग एक समान ही होती है। फिर भी ऐसे कई कार्य है जिनके द्वारा हम दीपावली के त्यौहार को हम ना सिर्फ अपने लिए मंगलकारी बना सकते हैं बल्कि दूसरों के लिए भी इस दिन को खास बना सकते हैं और दीपावली के वास्तविक अर्थ को सच्चे रुप से सार्थक कर सकते हैं। 1. छोटे विक्रेताओं से समान खरीदकर हम उनकी आजीविका बढ़ाने में मदद कर सकते हैं क्योंकि हमारी तरह इन्हें भी वर्ष भर इस त्यौहार का इंतजार होता है। ताकि वे अपने द्वारा की गई तैयार वस्तुओं को बाजार में आकर बेच सकें। 2. इलेक्ट्रिक झालरों की जगह दीपों का अधिक उपयोग करके हम हमारे देश के छोटे व्यापारियों और कुम्हारों को आर्थिक रुप से सुदृढ़ बनाकर देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में मदद क्र सकते है और साथ-ही-साथ दीपावली के पारंपरिक रुप को भी बनाए रखने में योगदान दे सकते हैं। 3. हममें से कई लोग दीपावली के त्यौहार की साज-सज्जा, पटाखों और उत्सव मनाने में काफी अधिक मात्रा में धन व्यय करते हैं। अगर हम चाहे तो इन चीजों में कुछ कटौती करके या अपने पास से कुछ अधिक खर्च निकालकर कुछ गरीबों और जरूरतमंद लोगों को कंबल, मिठाइयां और उपहार जैसी चीजें बांटकर उनके चेहरों पर खुशियां ला सकते हैं। 4. हम सब ही जानते हैं कि दीपावली पर पटाखों और भारी आतिशबाजी के कारण काफी ज्यादा मात्रा में प्रदूषण उत्पन्न होता है। हमें इस बात को समझना होगा की दीपावली के त्यौहार का अर्थ दीप और प्रकाश है, ना कि पटाखे फोड़ना है। हम सब को मिलकर पटाखों का उपयोग ना करके हरित दीपावली मनाने का संकल्प लेना चाहिए और यह दीपावली पर हमारे द्वारा प्रकृति को दिया जा सकने वाली सबसे बड़ी भेंट होगी। 5. प्रदूषण के कारण ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी कुछ राज्यों में पटाखों के उपयोग को लेकर या तो समय सीमा तय कर दी गयी है या फिर इसे पूर्ण रुप से प्रतिबंधित कर दिया गया है पर कई लोग सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को भी धार्मिक रंग देने लग जाते है, ऐसे लोगों को हमें समझाना होगा कि छोटे-छोटे फैसलों से ही बड़े परिवर्तन प्राप्त होते हैं। लोगों में जागरूकता लाकर ही हम पटाखों के प्रतिबंध को सफल बना सकते हैं और प्रदूषण मुक्त पर्यावरण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

विदेशों में दिवाली का त्यौहार (Diwali festival abroad)

मलेशिया – दीपावली के पर्व पर मलेशिया में भारत की तरह सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता है। यहां पर सभी धर्मों के लोगों द्वारा मिलकर इस त्यौहार को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्यौहार के दिन सभी लोगों द्वारा सभी के लिए भोजन की व्यवस्था की जाती है और पूरे दिन भर लोग अच्छे खाने का आनंद उठाते हैं और एक दूसरे से मिलते है। दीपावली के इस त्यौहार को मलेशिया में सामाजिक सद्भावना के रूप में मनाया जाता है।

संयुक्त राज्य अमेरिका – अमेरिका में भी भारतीय मूल के बहुत से लोग बसे हुए हैं, इसलिए वहां पर भी दीपावली के त्यौहार को उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। सन 2003 में अमेरिका के व्हाइट हाउस में पहली बार दीपावली का त्यौहार मनाया गया था। उसके बाद से लगभग पूरे अमेरिका ने इस त्यौहार को अपना लिया।

नेपाल – हमारे भारत देश का पड़ोसी देश नेपाल एक छोटा सा देश है। जहाँ पर हमारी दीपावली के पर्व के दिन ही नव वर्ष मनाया जाता है। नेपाल में दीपावली को ‘तिहार’ या ‘स्वन्ति’ के रूप में जाना जाता है और वहां पर भी इसे 5 दिनों तक मनाया जाता है। इस पर्व पर यहां के लोग दान धर्म करते हैं और पशु पक्षियों को भी खाना खिलाते है।

सिंगापुर – सिंगापुर में दीपावली के त्यौहार के उपलक्ष में राजपत्रित अवकाश होता है। यहां पर भारतीय मूल के तमिल समुदाय के लोग रहते हैं, जो दीपावली के त्यौहार को बड़ी धूम-धाम से मनाते है। दीपावली के त्यौहार पर सिंगापुर के बाजारों में भी रौनक देखने को मिलती है। यहां पर भी भारतीय बाजारों की तरह ही सजावट की जाती है और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते है। सिंगापुर सरकार द्वारा भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करवाए जाते है।

मॉरीशस – इस देश की लगभग 44% आबादी भारतीय लोगों की है। जिसके कारण यहां पर हिंदू संस्कृति बहुत बड़े पैमाने पर देखने को मिलती है। साथ ही यहां पर दीपावली के त्यौहार के दिन सार्वजनिक अवकाश होता है। इस देश में हिंदी भाषा भी बोली जाती है।

श्रीलंका – श्रीलंका में भी दीपावली के त्यौहार के उपलक्ष में सार्वजनिक अवकाश होता है। यहां पर भारतीय मूल के तमिल लोग अधिक मात्रा में रहते हैं। जिसके कारण यहां पर भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलती है. यहां पर भी दीपावली को खूब हर्षोल्लास से मनाया जाता है। दीपावली के दिन यहां पर महालक्ष्मी की पूजा की जाती है और चारों तरफ मोमबत्तियां और दीपक जलाए जाते है।

उपसंहार (conclusion)

दीपावली पर्व है अपने अंदर के अंधकार को मिटा कर समूचे वातावरण को प्रकाशमय बनाने का। दीपावली हिंदूओं का प्रमुख पर्व है। यह पर्व समूचे भारत में उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली के दिन घरों में दिए, दुकानों तथा प्रतिष्ठानों पर बहुत सारी सजावट की जाती है और दिए जलाए जाते हैं। बाजारों में खूब चहल-पहल होती है। मिठाई तथा पटाखों की दुकानें खूब सजी होती हैं। इस दिन पकवानों तथा मिठाइयों की खूब बिक्री होती है। बच्चे अपनी इच्छानुसार बम, फुलझड़ियाँ तथा अन्य पटाखे खरीदते हैं और बड़े बच्चों द्वारा किये गए आतिशबाजी का आनंद उठाते हैं। हमें इस बात को समझना होगा कि दीपावली के त्यौहार का अर्थ दीप, प्रेम और सुख-समृद्धि से है, ना कि पटाखों और बे-फिज़ूल के प्रदूषण से, यही कारण है कि दीपावली के त्यौहार पर हमारे द्वारा किये गये यह छोटे-छोटे कार्य बड़े परिवर्तन ला सकते हैं। इस त्यौहार से हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती रहती है। यह त्यौहार हमें सिखाता है कि कभी भी अंधकार से नहीं डरना चाहिए क्योंकि एक छोटे से दीपक की लौ भी काले अंधकार को प्रकाश में बदल सकती है, इसलिए हमें हर समय अपने जीवन में आशावादी रहना चाहिए और अपने जीवन में हमेशा खुश रहना चाहिए। दीपावली का त्यौहार सांस्कृतिक और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। इस त्यौहार से सभी के जीवन में खुशियाँ आती है। इसी त्यौहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है।

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diwali essay in hindi with headings

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Essay On Diwali: दिवाली में आसान शब्दों के साथ भी लिख सकते हैं बेहतर निबंध, यहां देखें उदाहरण

Diwali essay: दिवाली के दिन ही भगवान श्रीराम 14 वर्षों के वनवास के बाद राज्य लौटे थे और उन्हीं के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दिए जला कर उत्सव मनाया था।.

  • दीपों का त्योहार है दिवाली।
  • 14 वर्षों के वनवास के बाद हुआ था श्रीराम का आगमन।
  • घरों और बाजारों की रौनक देखते ही बनती है।

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घरों में रोशनी की झिलमिलाहट और बाज़ारों में मिट्टी के दीयों की महक बताती है कि दिवाली (Diwali) या दीपावाली (Deepawali) का त्योहार आने ही वाला है। हिंदुओं का सबसे प्रमुख और बड़ा त्योहार दिवाली है। दीपों का खास पर्व होने की वजह से इसे दीपावली या दिवाली के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ होता है दीपों की अवली यानी कि पंक्ति। दिवाली हमारे जीवन के दुखों के अंधकार को दूर कर खुशियों की रोशनी भरने का संदेश देकर चली जाती है। आप हमारे इस पेज से दिवाली पर निबंध हिंदी में (Diwali Essay In Hindi) पढ़कर दिवाली के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

भारत के लोग त्योहारों के ज़रिए अपनी खुशी ज़ाहिर करने में पीछे नहीं हटते और हमारे देश में हर महीने कोई-न-कोई त्योहार मनाया जाता है। अलग-अलग धर्मों के लोग अपने-अपने त्योहार अपनी परंपरा, संस्कृति और रीति-रिवाज के अनुसार मनाते हैं। इन्हीं में से एक त्योहार है दिवाली। दिवाली खुशियों का त्यौहार है, जिसे हिंदू धर्म के लोग बड़ी ही उत्साह के साथ मनाते हैं। दिवाली का त्योहार पूरे पांच दिनों तक चलता है, जिसमें धनतेरस, छोटी दिवाली, दिवाली, गोवरधन पूजा और भाईदूज शामिल है। दिवाली का त्योहार केवल हमारे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। दिवाली के दिन अमावस्या की काली रात होती है, लेकिन इसके बावजूद भी दीपक और रंग-बिरंगी लाइटों की रोशनी से काली रात भी जगमगा उठती है। दिवाली का अर्थ, इतिहास और महत्त्व जानने के लिए आगे पढ़ें।

दिवाली का अर्थ

दिवाली शब्द संस्कृत के दीपावली शब्द से लिया गया है। दीपावली दो शब्दों दीप+आवली से मिलकर बना है, जिसका हिंदी में अर्थ है दीपक और श्रृंखला यानी कि दीपकों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति। दिवाली के पर्व को दीपोत्सव भी कहा जाता है। दीपक को स्कन्द पुराण में सूर्य के हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाला भी माना गया है। दिवाली के अर्थ को आसान शब्दों में इस प्रकार समझ सकते हैं कि दिवाली का त्योहार अंधकार से प्रकाश में ले जाने वाला रोशनी का उत्सव है।

दिवाली कब मनाई जाती है?

हिंदी कैलेंडर के अनुसार दिवाली का त्यौहार दशहरे के 21 दिन बाद कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है, जो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर या नवंबर का महीना होता है। दिवाली के त्योहार की रौनक पाँच दिनों तक रहती है। दिवाली की विशेष बात यह है कि इसके साथ चार अन्य त्यौहार और मनाये जाते हैं। दिवाली का उत्साह एक दिन नहीं बल्कि पूरे एक हफ्ते तक रहता है। दिवाली के त्योहार के साथ-साथ शरद ऋतु यानी सर्दियां की प्रारंभ हो जाती हैं और मौसम भी ठंडा होने लगता है।

दिवाली का इतिहास

भारत में दिवाली या दीपावली का त्योहार प्राचीन समय से ही मनाया जाता हुआ आ रहा है। दिवाली के इतिहास को लोग कई अलग-अलग तरह से देखते हैं, लेकिन ज़्यादतर लोग मानते हैं कि जब भगवान श्री रामचन्द्रजी चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे, तब अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक जलाए थे और पूरी अयोध्या नगरी को फूलों से सजा दिया था। जिस दिन भगवान श्री राम अयोध्या लौटकर आए थे उस दिन अमावस्या की काली रात थी।

हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा था जिस वजह से वहाँ पर कुछ भी साफ नज़र नहीं आ रहा था। इसलिए अयोध्या वासियों ने वहाँ पर दीपक जलाकर पूरी अयोध्या नगरी को रोशन कर दिया था। इस दिन को अंधकार पर प्रकाश की विजय का दिन भी माना जाता है क्योंकि दिवाली के दिन जहाँ एक तरफ पूरे भारत में अमावस्या की काली रात होती है, तो वहीं दूसरी तरफ दीपकों की रोशनी उस काली रात को रोशन कर देती है। हिंदू धर्म के लोगों के अलावा अन्य धर्म के लोग भी इस त्योहार को बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं।

दिवाली का महत्त्व

हिंदू धर्म के लोगों के लिए दिवाली का विशेष महत्त्व होता है। दिवाली का त्योहार घरों की साफ-सफाई से शुरू होता जिसके बाद इस त्योहार में एक के बाद एक कई चीज़ें शामिल होती चली जाती हैं, जैसे- नए कपड़े और नए बर्तनों की खरीदारी, घरों की सजावट के लिए लाइटें और अन्य सामग्री, लक्ष्मी और गणेश की नई तस्वीर, मिठाइयां, प्रसाद, गिफ्ट आदि। लोग दिवाली की तैयारी दिवाली से लगभग दस दिन पहले ही शुरू कर देते हैं।

दिवाली हमें हमारी परंपरा से जोड़ने का काम करती है और हमारे आराध्य के पराक्रम का बोध कराती है। दिवाली हमें ये ज्ञान और शिक्षा भी देकर जाती है कि अंत में विजय हमेशा सच और अच्छाई की ही होती है। हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्योहार होने के कारण हर हिंदू की आस्था दिवाली से जुड़ी हुई है। दिवाली का त्योहार कई तरह के महत्त्व को अपने अंदर समेटे हुए है, जैसे- आध्यात्मिक, सामाजिक, आर्थिक, ऐतिहासिक आदि।

सबसे पहले अगर हम इसके आध्यात्मिक महत्त्व को देखें, तो हमें दिवाली के पर्व से जुड़ी हुई कई धार्मिक और पौराणिक कहानियां सुनने को मिलती हैं। इस त्योहार को हिंदू, जैन, सिख आदि कई धर्मों के लोग बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। इन सभी धर्मों में दिवाली के दिन ऐसी कोई ना कोई घटना ज़रूर हुई है, जो अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान, निराशा पर आशा और बुराई पर अच्छाई की विजय को दर्शाती है। दिवाली का त्यौहार धर्म और अध्यात्म से जुड़ा हुआ है, जो लोगों के विचारों में सकारात्मकता लाने का काम करता है और लोगों को अध्यात्म की तरफ बढ़ने के लिए भी प्रेरित करता है।

आध्यात्मिक महत्त्व के साथ दिवाली का सामाजिक महत्त्व भी बहुत बड़ा है। दिवाली के पर्व को सभी धर्मों के लोग मिल-जुलकर मनाते हैं। लोग एक-दूसरे से मिलने के लिए और दिवाली की शुभकामनाएं देने के लिए उनके घर जाते हैं, जो सामाजिक सद्भावना को बढ़ावा देता है। दिवाली के अवसर पर हम भारतीय लोग जमकर खरीदारी भी करते हैं जिससे बाज़ारों में आर्थिक उछाल आता है और विक्रेताओं की आमदनी भी बढ़ती है। इससे दिवाली का आर्थिक महत्त्व और भी बढ़ जाता है।

दिवाली के दिन कई ऐतिहासिक घटनाएं हुईं, जैसे- भगवान राम चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे, समुंदर मंथन के दौरान मां लक्ष्मी का जन्म हुआ, आर्य समाज की स्थापना हुई, अकबर ने दीप जलाकर दिवाली का त्योहार मनाया, सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया, महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई आदि। ये सभी घटनाएं दिवाली के ऐतिहासिक महत्त्व को दर्शाती हैं।

दिवाली खुशियों का त्योहार है और खुशियाँ हमेशा बांटने से ही बढ़ती हैं। दिवाली के पर्व के अवसर पर जिस प्रकार एक दीपक अंधेरे को दूर करके हमारे आसपास रोशनी देने का काम करता है, ठीक उसी प्रकार हम भी अपने आसपास के ज़रूरत मंद लोगों की मदद कर उनके जीवन के दुख के अंधेरे को दूर कर खुशियों की रोशनी देने का काम कर सकते हैं। ये ही दिवाली का संदेश भी है और उद्देश्य भी।

दिवाली पर निबंध 300 शब्द में

दिवाली पर निबंध (Diwali Essay In Hindi)- दिवाली खुशियों का त्योहार है, जो हर किसी के लिए खुशियां लेकर आती है। बच्चे हों या फिर बड़े हर कोई इस त्योहार को बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाता है। दिवाली का त्योहार स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि जगहों पर भी बहुत ही उल्लास के साथ मनाया जाता है। दिवाली कार्तिक मास की अमावस्या को साल में एक बार मनाई जाती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार दिवाली अक्टूबर या नवम्बर के महीने में होती है। सबसे पहले दिवाली प्रभु राम के चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या वापस आने की खुशी में अयोध्या के लोगों ने घी के दीये जलाकर मनाई थी। तब से हर साल पूरे देश में दिवाली मनाई जाने लगी।

स्कंद पुराण में दिवाली से जुड़ी अनेक कथाएं सुनने को मिलती हैं। आध्यात्मिक दृष्टि से अगर देखें, तो दिवाली हिंदुओं का बहुत बड़ा और महत्त्वपूर्ण त्योहार है। दिवाली का इतिहास बहुत ही पुराना है और इससे जुड़ी अनेक पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं, जैसे- कुछ लोगों का मानना है कि सतयुग में भगवान नृसिंह ने इस दिन हिरण्यकश्यप का वध किया था। इसलिए इस उपलक्ष्य में दिवाली मनाई जाती है।

कुछ लोग मानते हैं कि द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध कार्तिक अमावस्या को किया था, इसलिए दिवाली मनाई जाती है। और कुछ लोगों के अनुसार इस दिन माता लक्ष्मी दूध सागर से प्रकट हुई थीं और उन्होंने महाकाली का रूप लिया था। इसलिए ये त्योहार मनाया जाता है। दिवाली मनाए जाने वाले कारणों में सबसे प्रचलित कहानी त्रेता युग में प्रभु राम की है, जिसमें उन्होंने रावण का वध किया था और चौदह वर्ष के बाद माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे, जिसके उपलक्ष्य में पूरी अयोध्या नगरी को फूलों और दीपों से सजाया गया था और तब से हर साल कार्तिक अमावस्या को दिवाली मनाई जाने लगी।

दिवाली के साथ जुड़ी अनेक पौराणिक कहानियां इसके महत्त्व को और अधिक बढ़ा देती हैं। इस त्योहार से हम सभी को सच्चाई की राह पर चलने की सीख प्राप्त होती है। हमें दिवाली का त्योहार एक-दूसरे के साथ अपनी खुशियां बांटकर मनाना चाहिए और इस बात को भी हमेशा याद रखना चाहिए कि हम अपने उत्साह की वजह से प्रकृति और प्राकृतिक चीज़ों को नुकसान न पहुंचाएं।

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दिवाली पर 10 लाइनें

1. दिवाली का त्योहार हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे दीपों का त्योहार भी कहा जाता है। 2. दिवाली का त्योहार पूरे पांच दिनों तक चलता है, जिसमें धनतेरस, छोटी दिवाली, दीपावली, गोबरधन पूजा और भाई दूज शामिल है। 3. दिवाली इसलिए मनायी जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम चौदह साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे। 4. भगवान श्री राम के वापस अयोध्या लौटने की खुशी में वहां के लोगों ने इस दिन को दिवाली के रूप में मनाया। 5. दिवाली का त्योहार हर साल अक्टूबर या नवम्बर माह में कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। 6. इस दिन पूरे भारत को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। 7. दिवाली की शाम भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। 8. इन दिन सभी लोग अपने घरों, दुकानों, दफ्तरों आदि में दीप जलाते हैं। 9. दिवाली के दिन सभी लोग अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों को मिठाई, गिफ्ट आदि देते हैं। 10. इन दिन बहुत से लोग पटाखे भी जलाते हैं।

दिवाली पर FAQs

प्रश्न- दिवाली का क्या महत्व है?

उत्तरः दिवाली का महत्त्व धर्म और इतिहास से जुड़ा हुआ है।

प्रश्न- दीपावली के दिन किसकी पूजा की जाती है?

उत्तरः भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की।

प्रश्न- दीपावली पर हम क्या क्या करते हैं निबंध?

उत्तर: हर कोई इस त्यौहार को बड़ी ही धूम धाम से मनाता है। साथ ही स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि में भी दिवाली का त्यौहार बहुत ही उल्लास के साथ मनाया है। अधिक जानकारी के लिए हमारा ये आर्टिकल पढ़ें।

प्रश्न- दीपावली क्यों मनाई जाती है निबंध लिखना है?

उत्तर: दिवाली इसलिए मनायी जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।

प्रश्न- दीपावली का प्राचीन नाम क्या है?

उत्तर: इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। दीपों का खास पर्व होने के कारण इसे दीपावली या दिवाली नाम दिया गया।

प्रश्न- दिवाली सिख हिस्ट्री?

उत्तर: सिख धर्म के लोग भी इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। वे लोग इस त्यौहार को इसलिए मनाते है क्योंकि इसी दिन अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था। साथ ही सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को भी इसी दिन ग्वालियर की जेल से जांहगीर द्वारा रिहा किया गया था।

प्रश्न- दीपावली का अर्थ?

उत्तर: शुद्ध शब्द “दीपावली” है , जो ‘दीप’ (दीपक) और ‘आवली’ (पंक्ति) से मिलकर बना है जिसका अर्थ है ‘दीपों की पंक्ति’।

1 thought on “दिवाली पर निबंध (Essay On Diwali In Hindi): सरल भाषा में पढ़ें”

भाई बहुत ही बढ़िया और सरल भाषा में निबंध लिखा है। मुझे दीवाली पर लिखे सायरी काफी पसंद आए। आगे भी ऐसे ही लेख को आप देते रहेगा। आप मेरे पोस्ट पर भी जा सकते है। जिसमे हमने आपको यदि इंटरनेट न होता तो कें बारे में विस्तारपर्वक चर्चा की है।

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Hindi Diwas Essay: हिंदी दिवस पर निबंध कैसे लिखें? 100, 250, 500 शब्दों में निबंध प्रारूप

Hindi Diwas 2024 Essay in Hindi: इस बात में कोई दो राय नहीं है कि हिंदी भाषा भारतीयों की पहचान का हिस्सा है। भारत में यूं तो कई भाषाएं और बोलियां बोली जाती है लेकिन जो दर्जा हिंदी को मिला है वो अहम है। भाषाई विविधता के जश्न के रूप में प्रति वर्ष हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन हमारे देश की मातृभाषा हिंदी के महत्व को समझाने और उसे सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है।

हिंदी दिवस पर निबंध कैसे लिखें?

हिंदी हमारी पहचान है और करोड़ों भारतीयों को इस पर गर्व है। हिंदी को भारत की राजभाषा का दर्जा 14 सितंबर 1949 को मिला था। इसलिए इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिंदी न केवल भारत में बल्कि दुनिया के कई अन्य देशों में भी बोली जाती है। हमारे विद्यालयों में भी हिंदी दिवस के अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जैसे निबंध लेखन, कविता पाठ, भाषण और अन्य प्रतियोगिताओं का विशेष रूप में आयोजन किया जाता है।

बच्चों को हिंदी भाषा के महत्व और उसकी सुंदरता को समझाने के लिए यह दिन विशेष होता है। इस अवसर पर स्कूलों में विभिन्न प्रतियोगिताएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम, निबंध लेखन और भाषण प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। यदि आप भी स्कूल में हिंदी दिवस पर निबंध लेखन प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं तो इस लेख से संदर्भ ले सकते हैं।

इस लेख में स्कूली बच्चों की सहायता के लिए 100, 250 और 500 शब्दों में हिंदी दिवस पर निबंध लेखन के कुछ प्रारूप प्रस्तुत किए हैं। इस लेख में तीन अलग-अलग हिंदी दिवस निबंध प्रारूप प्रस्तुत किए जा रहे हैं जो स्कूली छात्रों को हिंदी दिवस के महत्व को समझाने में मदद करेंगे। स्कूली छात्रों के लिए हिंदी दिवस पर निबंध (Hindi Diwas Essay) नीचे दिये गये हैं। ये निबंध हिंदी दिवस के महत्व को सरल और स्पष्ट तरीके से समझाने में मदद करते हैं।

हिंदी दिवस 2024 पर 100, 250, 500 शब्दों में आसान निबंध प्रारूप नीचे दिये गये हैं-

निबंध 1 (100 शब्दों में ): हिंदी दिवस कब मनाया जाता है और क्यों?

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन हिंदी भाषा के महत्व के प्रचार एवं प्रसार के लिए मनाया जाता है। हिंदी हमारी मातृभाषा है और इसे हमें सम्मान देना चाहिये। भारत के करोड़ों लोग अपनी बोल चाल की भाषा में हिंदी भाषा का उपयोग करते हैं। भारत में कई भाषाएं बोली जाती हैं, लेकिन हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिला हुआ है। इसका अर्थ है कि भारत सरकार ने कामकाज की भाषा के रूप में हिंदी को विशेष स्थान दिया है। हमें गर्व होना चाहिये कि हमारी एक समृद्ध और प्राचीन भाषा है, जिसे हम हिंदी कहते हैं। यह हमारे देश की पहचान है।

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निबंध 2 (250 शब्दों में): हिंदी भाषा भारत की सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न अंग

प्रति वर्ष 14 सितंबर को हम हिंदी दिवस मनाते हैं। हिंदी दिवस, हिंदी के महत्व को समझाने और उसे प्रचारित करने के लिए समर्पित है। हिंदी को 14 सितंबर 1949 को भारत की राजभाषा का दर्जा मिला। हिंदी देश की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है और यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर का एक अभिन्न अंग है। हिंदी न केवल भारत में बल्कि नेपाल, मॉरीशस, फिजी और अन्य देशों में भी बोली जाती है।

हिंदी दिवस पर स्कूलों और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन होता है। स्कूलों, कॉलेजों एवं अन्य शिक्षण संस्थानों द्वारा छात्र-छात्राओं में हिंदी भाषा के प्रति जागरूकता को बढ़ाने के लिए हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी न केवल एक भाषा है, बल्कि यह हमारे देश की एकता और अखंडता का प्रतीक है। हमें हिंदी भाषा को गर्व से बोलना चाहिये और इसे और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए बढ़ावा देना चाहिये। हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए हमें सभी क्षेत्रों में इसे अपनाना चाहिये और इसके महत्व को समझना चाहिये।

निबंध 3 (500 शब्दों में): हिंदी दिवस और हिंदी भाषा का महत्व

हिंदी दिवस भारत में हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन भारत की राजभाषा हिंदी के सम्मान और उसके महत्व को दर्शाने के लिए मनाया जाता है। हिंदी भाषा का इतिहास बहुत पुराना है और इसका भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान है। हिंदी एकमात्र ऐसी भाषा है जो देश के अधिकांश हिस्सों में बोली और समझी जाती है।

हिंदी को 14 सितंबर 1949 को भारत की राजभाषा का दर्जा दिया गया था। इसलिए इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य हिंदी को न केवल सरकारी कार्यों में बल्कि आम जीवन में भी अधिक से अधिक प्रयोग में लाना है। हिंदी दिवस पर कई सरकारी और गैर-सरकारी संस्थान विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को हिंदी भाषा के प्रति जागरूक करना और उसकी उपयोगिता को बढ़ावा देना है।

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आज के समय में अंग्रेजी भाषा का बढ़ता हुआ प्रभाव देखा जा सकता है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिये कि हिंदी हमारी पहचान है। हमें गर्व होना चाहिये कि हम एक ऐसी समृद्ध भाषा बोलते हैं, जो हमारे देश की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करती है। हिंदी दिवस के उत्सव से हम यह समझने में सहायता मिलती है कि भाषा केवल संवाद का साधन नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति, परंपरा और पहचान का प्रतीक है।

इसलिए, हमें हिंदी भाषा के महत्व को समझना चाहिये और इसे गर्व से बोलना चाहिये। हिंदी को बढ़ावा देने के लिए हम अपने स्तर पर भी प्रयास कर सकते हैं। हम इसे अपने दैनिक जीवन में अधिक से अधिक उपयोग कर सकते हैं। हिंदी दिवस हमें यह प्रण लेना चाहिये कि हम अपनी हिंदी भाषा का सम्मान करेंगे और इसे आगे बढ़ाने में अपना भरपूर योगदान देंगे।

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    दिवाली निबंध इन हिंदी (Diwali Essay in hindi) के इस खंड में हम 200 शब्दों में दिवाली निबंध इन हिंदी (Essay on Diwali in 200 words in Hindi) उपलब्ध करने जा रहे हैं। इसके साथ ही ...

  5. दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi(1000W)

    दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi (1000W) August 13, 2020 by Kiran Sao. आज हमने इस आर्टिकल में दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi लिखा है जिसमें हमने प्रस्तावना, पौराणिक एवं ...

  6. दिवाली पर निबंध

    Essay on Diwali in Hindi for Class 10, 11 and 12 Students and Teachers. रूपरेखा : परिचय - पौराणिक कथाएँ - दिवाली त्योहार का महत्त्व - दिवाली की तैयारी - सामाजिक महत्व - उपसंहार।

  7. दीपावली पर निबंध हिंदी में

    दिवाली निबंध हिंदी में | ( कक्षा- 3 से 10 के लिए )- Diwali Per Nibandh Hindi Me, 150, 200, 300 500 शब्दों में दीपावली पर निबंध, हिंदी में बच्चों के लिए दीपावली पर निबंध यहां पाएं..!

  8. Diwali Essay In Hindi / Diwali Ka Essay In Hindi

    Essay On Diwali In Hindi With Headings. परिचय: दीपावली भारतीय उपमहाद्वीप में मनाया जाने वाला एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार है। यह हिन्दू पंचांग ...

  9. दिवाली पर 300 शब्दों का निबंध

    [Download PDF] दिवाली पर निबंध 300, 500 और 800 शब्दों में | Essay on Diwali in Hindi in 300, 500 and 800 Words for School Students. Posted by. ... 300-Word Essay on Diwali परिचय (Introduction):

  10. Diwali Essay in Hindi- दीपावली

    दीपावली पर निबंध हिंदी में 10 लाइन- Diwali Essay in Hindi 10 lines for Child & Kids ( 100 words ) 1. दीपावली हिंदुओं का पावन त्योहार है।. 2. यह अक्टूबर-नवंबर के महीने में आता ...

  11. दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi 2023): दीपावली पर निबंध हिंदी में

    Essay on Diwali in Hindi 2023: इस लेख में, स्कूली छात्रों और कॉलेज के युवाओं के लिए दिवाली के ...

  12. दिवाली पर निबंध

    दिवाली पर निबंध | Diwali Essay in Hindi. दिवाली का त्यौहार हर किसी के लिए खुशियां लेकर आता है, फिर चाहे वो बड़ा हो या बच्चा। हर कोई इस त्यौहार को बड़ी ...

  13. दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi)

    दिवाली पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Diwali in Hindi in 200 words) दीपावली का त्यौहार सभी भारतियों के लिए लोकप्रिय व महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे बड़ी धूमधाम से और ...

  14. 10+ दिवाली पर निबंध

    Get Some Best Essay on Diwali in hindi for students 100, 200, 500, 2000 words।. विषय-सूची. 10 Line Essay on Diwali in Hindi For Class 2,3,4. Short Essay on Diwali in Hindi For Class 5,6. Diwali Par Nibandh in Hindi for Class 7, 8,9. Essay on Diwali in Hindi for Class 10,11,12. प्रस्तावना -.

  15. Essay on diwali in hindi, article, paragraph, 100 words: दिवाली पर

    दिवाली पर निबंध, essay on diwali in hindi (200 शब्द) दिवाली हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। दीपावली उत्सव की तैयारी त्योहार से हफ्तों पहले ...

  16. दिवाली पर निबंध: Diwali Essay in Hindi

    आप सभी लोगों के लिए हमारी वेबसाइट के माध्यम से दिवाली निबंध (Diwali Essay in Hindi) तैयार किया गया है। आज हम आपको दिवाली के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे अतः ...

  17. Diwali Essay in Hindi

    Essay on Diwali in Hindi - दिवाली पर हिंदी में निबंध लिखने जानकारी आप इस लेख में दिए गए माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। हिंदी में Class 1 से 10 तक के लिए 100, 200, 300 शब्दों में

  18. दिवाली पर निबंध 2023 Diwali Essay In Hindi And English Language

    दिवाली पर निबंध Short Essay On Diwali In Hindi In 500 Words With Headings. दीपावली का इतिहास- दीपावली हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है. दीपावली प्रकाश या दीपों का उत्सव ...

  19. दीपावली पर निबंध

    Hamen is baat ka vishesh dhyan rakhna chahiye ki hamare kisi bhi kaam or vyavhar se kisi ko bhi dukh na pahunche tabhi Dipawali ka tyauhar manana sarthak hoga. Essay On Diwali In Points 1. दिवाली हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है जिसे ...

  20. दिवाली पर निबंध

    दीपावली पर निबंध (300 शब्दों में) - Diwali Essay in Hindi. दिवाली, हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है, जिसका अर्थ है 'दीपकों की पंक्ति।' यह त्यौहार ख़ुशी ...

  21. दिवाली पर निबंध हिन्दी में, Essay on Diwali in Hindi 2023

    उपसंहार (conclusion) हिंदी में दिवाली पर निबंध , दिवाली का महत्व Check out Essay on Diwali in Hindi 2023 History, Preparations, Importance of Diwali, and more.

  22. Essay On Diwali: दिवाली में आसान शब्दों के साथ भी लिख सकते हैं बेहतर

    Diwali Essay: रौशनी का त्यौहार दिवाली लगभग पांच दिनों तक चलने वाला पर्व है। दीपावली के दिन ही भगवान श्रीराम अपने 14 वर्षों के वनवास के बाद वापस अयोध्या लौटे थे ...

  23. दिवाली पर निबंध (Essay On Diwali In Hindi): सरल भाषा में पढ़ें

    दिवाली पर निबंध (Diwali Essay In Hindi)-दिवाली खुशियों का त्योहार है, जो हर किसी के लिए खुशियां लेकर आती है। बच्चे हों या फिर बड़े हर कोई इस त्योहार ...

  24. Hindi Diwas Essay: हिंदी दिवस पर निबंध कैसे लिखें? 100, 250, 500 शब्दों

    Hindi Diwas 2024 Essay in Hindi: इस बात में कोई दो राय नहीं है कि हिंदी भाषा भारतीयों की पहचान का हिस्सा है। भारत में यूं तो कई भाषाएं और बोलियां बोली जाती है लेकिन जो दर्जा ...